…और पूर्व सीएम हरीश रावत ढूंढ़ते रह गए अपना नाम

हरदा की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने कहा, सर्वर डाउन है

निकाय चुनाव- कई मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब. हंगामा. निर्वाचन आयोग पर उठे सवाल

मतदाताओं का आग्रह, हाईकोर्ट इस गड़बड़ी का संज्ञान लें

अविकल थपलियाल

देहरादून। बादलों और सूरज की लुकाछिपी और उत्तराखंड की निकाय सीटों के मतदान के जोश के बीच हजारों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से ‘गायब’ कर दिए। ठीक मतदान से पहले पोलिंग बूथ पर पहुंचे हजारों मतदाताओं को बुझे मन से वापस लौटना पड़ा। उधर,दोपहर 2 बजे तक 13 जिलों में 42 प्रतिशत मतदाता अपने मत का प्रयोग कर चुके थे।

वोट कटने से नाराज मतदाताओं ने बीएलओ पर निशाना साधते हुए हंगामा भी किया। आम मतदाता ही नहीं वीआईपी व पूर्व सीएम हरदा भी ढूंढ़ते रह गए अपना नाम।

देहरादून में पूर्व सीएम हरीश रावत समेत कई मतदाता मतदाता सूची में अपना नाम तलाशते रह गए। बकौल हरीश रावत,उन्होंने निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की है। लेकिन निर्वाचन आयोग ने कहा कि उनका सर्वर डाउन है।

मायूसी-पूर्व सीएम हरीश रावत

पूर्व सीएम की तरह ही कई अन्य मतदाता नाम कटने से बहुत मायूस नजर आए। सहस्त्रधारा रोड में मन्दाकिनी विहार एन्क्लेव निवासी रघुनाथ सिंह नेगी और राकेश ख़ंकरियाल ने बताया कि यहां करीब 300 से 400 मतदाताओं के वोट कट गए। वे भी अपना नाम ढूंढ़ते ही रह गए।

देहरादून के 100 वार्डों के अलावा प्रदेश के अन्य निकाय क्षेत्रों से भी भारी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से गायब होने की खबरें वायरल होती रही।

मतदाताओं में बीएलओ समेत राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली लर सवाल उठाए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने वीडियो बयान जारी कर नैनीताल हाईकोर्ट से पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

धोरण खास, देहरादून

उन्होंने कहा कि 25 जनवरी की मतगणना को रोका जाय। और पहले मतदाता सूची में हुई गड़बड़ी की जांच की जाय।

मतदाता सूची से आम और खास मतदाताओं के नाम कटने का मामला दिन भर मीडिया की सुर्खियां बना रहा।

धीरे धीरे बढ़ रहा मतदान प्रतिशत

दूसरी ओर, गुरुवार की सुबह से ही मतदाताओं ने मतदान केंद्रों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सुबह 10 बजे तक पूरे प्रदेश में 11 36 प्रतिशत मतदान की खबर रही। 12 बजे तक 25 70 प्रतिशत मतदान हो चुका था। दोपहर 2 बजे तक 42 प्रतिशत मतदाता अपने मत का प्रयोग कर चुके थे।

मतदान के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व परिजन

उत्तराखंड के निकाय चुनाव में 11 निगम 43 नगर पालिका व 46 नगर पंचायत में 30 लाख से अधिक मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी

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