अंकिता भंडारी मर्डर-वीआईपी के सवाल पर विरोध प्रदर्शन ने पकड़ी तेजी

लोकसभा चुनाव मुद्दा- भाजपा को असहज करेगा अंकिता भंडारी मर्डर केस

अंकिता के परिजन सड़क पर ,कांग्रेस चला रही तीखे तीर

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। बीते कुछ समय से जिस तरह अंकिता भंडारी हत्याकांड के कथित वीआईपी के मुद्दे पर जो उबाल देखने को मिला। उससे साफ जाहिर है कि अंकिता मर्डर लोकसभा चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।

श्रीनगर,पौड़ी, कोटद्वार ,दून समेत अन्य इलाकों में वीआईपी के खुलासे की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन में अतिरिक्त तेजी देखने को मिली।

श्रीनगर में अंकिता के माता-पिता, महिलाएं व युवा धरने पर बैठे हैं। और न्याय की मांग कर रहे हैं।
पौड़ी लोकसभा की अधिकतर विधानसभाओं में हो रहे मुखर प्रदर्शन से भाजपा बैकफुट पर दिखाई दे रही है। कांग्रेस के प्रमुख नेता इस आंदोलन में खुलकर जुड़े हुए हैं।

हाल ही में श्रीनगर में हुए मशाल जुलूस के बीच युवाओं और महिलाओं ने जबरदस्त विरोध जताया। और प्रदेश सरकार के मंत्री धन सिंह रावत के खिलाफ विशेष तौर पर गुस्सा जाहिर किया।

हालांकि, पूरे मामले की न्यायिक प्रक्रिया कोटद्वार कोर्ट में जारी है। दोनों पक्षों की ओर से बयान दर्ज हो रहे हैं। लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के बीच अंकिता की मां सोनी देवी ने वीडियो वॉयरल कर भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी को कथित वीआईपी करार दे सनसनी मचा दी थी।

अंकिता की मां का आरोप था कि पुलिस ने वीआईपी को नहीं पकड़ा। जबकि अंकिता की मौत की मुख्य वजह कथित वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने की बात प्रमुखता से सामने आई थी।

अंकिता की मां के बयान के बाद पुलिस ने इस सम्बंध किसी भी प्रकार के तथ्य उपलब्ध कराने की बात कही थी।

गौरतलब है सितम्बर 2021 को हुए अंकिता भण्डारी मर्डर केस में हरिद्वार के भाजपा व संघ से जुड़े नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य समेत तीन लोग जेल में हैं।

अंकिता के मुद्दे पर श्रीनगर के प्रदर्शन में शामिल हुए  कांग्रेस नेता व लोकसभा उम्मीदवार गणेश गोदियाल का कहना है कि अभी तक वीआईपी का पता नहीं चलने से कई सवाल संदेह के घेरे में है।

गोदियाल ने कहा कि जिस तरह वनन्तरा रिसॉर्ट में भाजपा की विधायक रेणु बिष्ट के नेतृत्व में बुलडोजर चला कर सबूत मिटाए गए। यही नहीं रिसॉर्ट व फैक्ट्री सील होने के बाद आग लगी। उससे साफ जाहिर है कि असली दोषी को बचाया गया।

गोदियाल का कहना है कि वीआईपी के सवाल को लोकसभा चुनाव में उठा कर जनता को बताया जाएगा कि भाजपा राज में महिलाओं पर अत्याचार करने वालों का कोई बाल बांका नहीं होता।

गोदियाल ने आरोप लगाया कि अंकिता का साथ देने वाले पत्रकार को एससी एसटी व अन्य धाराओं में जेल में डाला गया। अब पत्रकार आशुतोष नेगी को जमानत मिल चुकी है।

बहरहाल, धरने-प्रदर्शन के आक्रामक मिजाज को देखते हुए साफ लग रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अंकिता  भण्डारी हत्याकांड  को लेकर भाजपा की जबरदस्त घेराबंदी के मूड में है।

हालांकि, संवेदनशील अंकिता भण्डारी मुद्दे पर मनीष खंडूडी पौड़ी लोकसभा इलाके में भाजपा के खिलाफ न्याय यात्रा निकाल चुके हैं। लेकिन एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत मनीष भाजपा में चले गए। अब मनीष भाजपा के मंच से इस मुद्दे पर चुप्पी ही साधे रहेंगे।

मनीष के भाजपा में शामिल होने के बाद  कांग्रेस  ने इस प्रकरण को नयी धार देने में जुट गई है।अंकिता के माता-पिता सड़क पर उतरे हुए हैं। श्रीनगर से वीआईपी को लेकर उठ रही विरोध की आवाजें चुनाव में भाजपा को असहज तो करेगी ही…

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