अंकिता मर्डर- पूर्व भाजपा विधायक ने कहा, सीबीआई जांच जरूरी

फैक्ट्री बेच उर्मिला को दिए 50 लाख,वो मेरी पत्नी नहीं-राठौर

बेटियों की रक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी-विजया बड़थ्वाल

दोषी कोई भी हो, सजा जरूर मिले-त्रिवेंद्र

भाजपा संगठन में फेरबदल के संकेत

अविकल थपलियाल

देहरादून। उर्मिला-सुरेश-आरती के अंदरूनी विवाद से जनित कथित वीआईपी विवाद में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व विधायक विजया बड़थ्वाल ने भी चुप्पी तोड़ दी है।
इन दोनों भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बयान के बाद इस मुद्दे पर पार्टी के मतभेद भी सामने आ गए हैं।
उधर, वीआईपी कांड को लेकर भाजपा हाईकमान में भी गम्भीर हलचल देखी जा रही है। निकट भविष्य में प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव की उम्मीद भी बनने लगी है।
इधऱ, यमकेश्वर से पूर्व विधायक विजया बड़थ्वाल ने तो तीखा लिखित बयान जारी कर कांग्रेस की तर्ज पर सीबीआई जांच की मांग कर डाली। यही नहीं, उन्होंने यह भी कह दिया कि न्याय होना ही पर्याप्त नहीं है। न्याय दिखना भी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम किसी भी पार्टी के हो सकते हैं, परंतु हमारी बेटियों की प्रतिष्ठा, सम्मान और अस्मिता की रक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। महादेव की इस पवित्र भूमि पर यदि हमारी बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं, तो इस राज्य को संभालने का क्या अर्थ बचता है?
गौरतलब है कि जिस वनन्तरा रिसॉर्ट में अंकिता  नौकरी करती थी। वह यमकेश्वर विधानसभा में आता है। और यहां से मौजूदा भाजपा विधायक रेनू बिष्ट और उमरेला कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ पर वनन्तरा रिसॉर्ट में बुलडोजर चलाने का आरोप सुर्खियों में है।
इस बीच, सालों से मौन साधे रही पूर्व विधायक विजया बड़थ्वाल के झकझोरने वाले बयान के बाद भाजपा की चिंता की लकीरें बढ़ गयी है।

क्या कहा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने

विजया बड़थ्वाल के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से बातचीत में
मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि यह महिलाओं से जुड़ा हुआ विषय है, जो समाज के 50 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं। त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि यह मामला इस समय न्यायालय के विचाराधीन है । इसलिए सरकार कोई निर्णय नहीं ले सकती ।
साथ ही यह भी जोड़ा कि इसकी गहराई से जांच की आवश्यकता है।
पूर्व सीएम ने कहा कि इस तरह के गलत काम करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए। चाहे वह उनका अपना बच्चा हो या भाई, कानून सभी के लिए समान होना चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।


उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं और समाज पर धब्बा लगाने का काम करती हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह भी कहा कि जब यह घटना हुई थी, तब उन्हें व्यक्तिगत रूप से भी गहरा दुख और तकलीफ हुई ।

विजया बड़थ्वाल व त्रिवेंद्र के बयान के बाद भाजपा के अंदर राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है। प्रदेश भाजपाध्यक्ष महेंद्र भट्ट उर्मिला सनावर पर दिए गए बयान के बाद स्वंय घिर गए है।

उर्मिला मेरी पत्नी नहीं

इस मुद्दे पर भाजपा से निष्कासित सुरेश राठौर ने एक बार फिर प्रेस कांफ्रेंस कर उर्मिला सनावर की नीयत पर सवाल उठाए। कहा कि वो मेरे परिवार को बर्बाद कर रही है। चारित्रिक हनन कर रही है। मैंने फैक्ट्री बेच उर्मिला को 50 लाख रुपए दिए । वह ब्लैकमेल कर रही है। मुझे पति भी कहती है और कालनेमि भी।
राठौर यह कहने से भी नहीं चूके कि उन्होंने भाजपा को खून पसीने से सींचा।
राठौर ने कहा कि उर्मिला मेरी पत्नी नहीं है। सोशल मीडिया में कहने के बजाय उर्मिला को फैमिली कोर्ट जाना चाहिए।

उर्मिला -सुरेश

इस मामले में उक्रांद, महिला मंच, मूल निवास भू कानून समिति समेत अन्य संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। हरिद्वार जिले में ही भाजपा से जुड़े मोर्चा के नेता अंकित बहुखंडी के नेतृत्व में वीआईपी का पुतला दहन भी किया गया। बहुखंडी ने कहा कि अंकिता हत्याकांड के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
इससे पूर्व,मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के तहत पुतला दहन कर चुकी है। सोशल मीडिया में कई आम लोग भी बयान जारी कर सुरेश-उर्मिला-आरती के ऑडियो की जांच की मांग कर रहे हैं।

पूर्व विधायक, विजया बड़थ्वाल का पत्र

मैं, श्रीमती विजया बड़थ्वाल, इस समय उत्तराखंड और देश में चर्चा का विषय बने अंकिता भंडारी हत्याकांड के हाल के खुलासों के प्रति गहरा शोक और चिंता व्यक्त करती हूँ।..

यह दर्दनाक अपराध महादेव की पवित्र भूमि में घटा, जहाँ हमारी बेटियाँ की सुरक्षा और संम्मान सर्वोपरि होना चाहिए। अंकिता भंडारी, एक युवा लड़की, जिसने अपने काम के दौरान अत्यंत अनैतिक दबाव का सामना किया और अपनी उसी निष्ठा के कारण जीवन खो दिया यह सत्य हमें हिलाकर रख देता है। इस मामले में तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा भी मिल चुकी है।

हाल ही में एक वायरल वीडियो ने इस मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, और जिससे राजनीतिक तथा सामाजिक बहस तेज़ हो गई है।

मैं मानती हूँ कि भाजपा सरकार और उत्तराखंड प्रशासन ने अपराधियों को सज़ा दिलाने में कार्रवाई की है, परंतु न्याय होना ही पर्याप्त नहीं है, न्याय होते हुए दिखना भी जरुरी है; और यदि इस मामले में कुछ सवाल हैं तो उन सवालों के जवाब पाने के लिए निष्पक्ष जांच होना चाहिए।

इसीलिए मैं दृढ़ता से सीबीआई की निष्पक्ष जांच की मांग करती हूँ, ताकि किसी भी प्रकार की राजनीतिक दबाव या छुपाव की आशंका न रहे।

राजनीति में हम किसी भी पार्टी के हो सकते हैं, परंतु हमारी बेटियों की प्रतिष्ठा, सम्मान और अस्मिता की रक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। पहाड़ महादेव की इस पवित्र भूमि पर यदि हमारी बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं, तो इस राज्य को संभालने का क्या अर्थ बचता है?

मैं उत्तराखंड सरकार से अपील करती हूँ किः

1. सीबीआई जांच को तुरंत मंजूरी दी जाए, ताकि सभी तथ्य निष्पक्ष रूप से सामने आ
सकें।

2. जनता को यह भरोसा दिया जाए कि न्याय और सत्य की कोई भी आवाज दबाई नहीं जाएगी।

हम अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं कर सकते। यह सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक ज़िम्मेदारियों और नैतिक मूल्यों का प्रश्न है।

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