सीएम धामी की घोषणा, समूह ‘ग’ की परीक्षा में इंटरव्यू नहीं होगा

उच्च पदों पर इंटरव्यू का प्रतिशत कुल अंकों का सिर्फ दस प्रतिशत रखा जाय

हल्द्वानी में अयोजित रैली में 10 से 15 हज़ार युवाओं ने हिस्सा लिया

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में युवाओं ने लगाई धामी के फैसलों पर मोहर

उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा परियोजनाएं विकसित करने की अपार संभावनाएं

अविकल उत्तराखण्ड

हल्द्वानी। अब समूह ‘ग’ की परीक्षा में इंटरव्यू नहीं होगा। मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी में घोषणा करते हुए कहा कि समूह ‘ग’ की कोई भी परीक्षा चाहे वह लोक सेवा आयोग से बाहर की हो या लोक सेवा आयोग के द्वारा कराई जा रही हो। सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाय। इसमें तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी सम्मिलित होंगे अर्थात् जेई जैसे तकनीकी पदों में भी साक्षात्कार की व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त कर दी जाएगी।

यह भी कहा कि उच्च पदों में जहाँ साक्षात्कार आवश्यक हो, जैसे- पी०सी०एस० या अन्य उच्च पद वहाँ भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा न रखा जाय।

साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को रामलीला मैदान, हल्द्वानी, में नकल विरोधी कानून लागू करने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तराखंड आयोजित आभार रैली में हिस्सा लेते हुए यह बात कही।

हजारों की संख्या में मौजूद युवाओं का अभिनंदन स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हल्द्वानी में युवाओं द्वारा किए गए इस भव्य स्वागत से वे अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले नौजवान के हक पर कोई डाका डाले तो उस बच्चे को और उसके माता पिता को कैसा लगता होगा।

आपके हिस्से की सफलता का कोई और लाभ न उठा सके इसके लिए हम कड़े से कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन्हीं कदमों के अंर्तगत प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है। ये कानून नकल माफिया को उसके गिरेबान से पकड़कर , घसीटता हुआ काल कोठरी के अंदर तक ले जायेगा। मेरे युवा साथियों , आप लोग अब निश्चिंत रहें, अब मेरे किसी भी युवा साथी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

हल्द्वानी में हजारों की संख्या में युवाओं ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का स्वागत किया। नकल विरोधी कानून पर युवाओं का जोश देखते ही बनता था। हल्द्वानी में आयोजित आभार रैली में लगभग 10 से 15 हज़ार युवा थे।

उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा परियोजनाएं विकसित करने की अपार संभावनाएं

खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को आई.आई.टी रूड़की में सौर ऊर्जा पर आधारित ‘पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया मीट-2023’ में खटीमा से वर्चुअल प्रतिभाग किया।

उन्होंने आईआईटी रुड़की और पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया की टीम को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस सेमिनार के आयोजन के लिए बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत में वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देकर ऊर्जा के क्षेत्र में पूर्ण सुरक्षा और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज रूड़की में ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की विकासवादी सोच पर आधारित सेमिनार का आयोजन हो रहा है। सौर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से देश की प्रगति में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा निरन्तर मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल मौसम होने के कारण उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा से संबंधित परियोजनाएं विकसित करने की अपार संभावनायें हैं। राज्य सरकार सौर ऊर्जा के अपार संसाधनों के उचित प्रयोग से प्रदेश में “ऊर्जा क्रांति“ लाने के लिए प्रयासरत है। उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा अत्यंत प्रभावी साबित हो सकती है। सौर ऊर्जा का किफायती दरों पर उपलब्ध होना पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों के लिए अत्यंत फायदेमंद हो सकता है। यही वजह है कि दुर्गम क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के प्रत्येक घर तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो। इसे पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि विज्ञान के क्षेत्र में रूचि रखने वाले महानुभाव सेमिनार के माध्यम से उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के कुशल संचालन हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार एक रोडमैप विकसित करने में मददगार साबित होगा। जिससे हम उत्तराखण्ड राज्य के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष में सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कर सकेंगे।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से विधायक रूड़की प्रदीप बत्रा, आई.आई.टी रूड़की के निदेशक प्रो. के.के. पन्त, सेमिनार के संयोजक प्रो. सौमित्र एवं विभिन्न प्रदेशों से आये वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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