दून मेयर सीट के प्रत्याशी चयन में भाजपा की उड़ी नींद

गामा, ध्यानी, जुगरान, थपलियाल, नेगी,डबराल,अग्रवाल, गोयल, मित्तल व बुटोला के बीच छिड़ी जंग

कई संगठन आन्दोलनकारी जुगरान को निर्दलीय लड़ाने के मूड में

हल्द्वानी में कांग्रेस ने ललित जोशी को टिकट दे भाजपा को दी कड़ी चुनौती

अविकल थपलियाल

देहरादून। दून मेयर सीट पर भाजपा के पास दो-चार नाम ही ऐसे हैं जिनकी कम से कम देहरादून के 100 वार्डों तक जान पहचान है। जमीनी पकड़ रखने वाले दावेदार उंगलियों में गिने जा सकते हैं जबकि दोनों दलों के हवा हवाई दावेदार भी हास्य व्यंग्य का मुद्दा बने हुए हैं।

भाजपा में पनिवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा की सिटिंग दावेदारी अपनी जगह महत्व रखती है। 2018 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत के आशीर्वाद व अपनी सीधी छवि की वजह से दून के मेयर बने गामा अपने कार्यकाल में कई मामलों को लेकर सुर्खियों में आये।

दून निगम में कुछ विशेष  ‘भर्तियां व भुगतान’ को लेकर मेयर पर गम्भीर आरोप लगे। आय से अधिक सम्पत्ति का मामला भी मीडिया की सुर्खियां बना। दून की गड्डायुक्त सड़क आदि मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने जमकर हल्ला बोला।


कांग्रेस के नेता सूर्यकान्त धस्माना ने तो कई मोहल्लों में फेसबुक लाइव कर मेयर पर तीखे प्रहार किए। कांग्रेस से वरिष्ठ कांग्रेसी व पूर्व मंत्री हीरासिंह बिष्ट भी प्रमुख दावेदार के तौर माने जा रहे हैं। इधर, नवीन जोशी व राजीव महर्षि ने भी दावा ठोक पार्टी की धड़कनें बढ़ा दी है।

चूंकि , अब भाजपा व कांग्रेस ने निकाय उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस ने तीन नगर निगम में भी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। लेकिन भाजपा नगर निगम के मेयर प्रत्याशियों को लेकर उलझी हुई है।

इस निकाय चुनाव में दून और हल्द्वानी नगर निगम का चुनावी नतीजा  क्रमशः गढ़वाल और कुमाऊं की राजनीति पर 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर विशेष असर डालेगा। हालांकि, कांग्रेस ने हल्द्वानी में जुझारू आन्दोलनकारी व निष्ठावान ललित जोशी को टिकट देकर भाजपा को कड़ी चुनौती पेश की है।

लिहाजा, अब भाजपा पर दोहरा दबाव बढ़ गया है। इस बीच, यह भी खबर सामने आ रही है कि दून मेयर सीट के लिए भाजपा के आन्दोलनकारी दावेदार रविन्द्र जुगरान निर्दलीय भी पर्चा दाखिल कर सकते हैं।

शनिवार को कई सामाजिक व जनसंगठनों ने जुगरान को चुनावी अखाड़े में उतरने की सलाह दे डाली। पूछने पर, जुगरान ने कहा कि राज्य के प्रति उनकी सेवा को नजरअंदाज किया गया तो उनके विकल्प खुले हुये हैं।

इधर, शनिवार की देर रात तक भाजपा अपने नगर निगम की सूची को फाइनल टच नहीं दे पाई। भाजपा के अन्य दावेदारों में पर्वतीय व वैश्य वर्ग के आधा दर्जन उम्मीदवार मैदान में हैं

आन्दोलनकारी प्रकाश सुमन ध्यानी बीते दो महीने से जनसम्पर्क में जुटे हैं। ऋषिराज डबराल,दिगम्बर नेगी, सौरभ थपलियाल, कुलदीप बुटोला की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। कारोबारी बुटोला को रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा का समर्थन बताया जा रहा है।

इसके अलावा वैश्य वर्ग से पुनीत मित्तल, अनिल गोयल, विनय गोयल व युवा सिद्धार्थ अग्रवाल के नाम उल्लेखनीय है। यहां भी अनुभव व स्वच्छ छवि के उम्मीदवार को वरीयता देने की बात हो रही है।
खंडूड़ी के करीबी स्वर्गीय उमेश अग्रवाल के सुपुत्र महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल का भी भारी दबाव बना हुआ है। संगठन के एक हिस्से की विशेष पसंद बने हुए हैं। जबकि वैश्य समुदाय के अनुभवी व पुराने दावेदारों के अपने अपने तर्क हैं।

इधर,दून मेयर सीट पर सीएम धामी किस निर्विवाद छवि के उम्मीदवार को सहारा देते हैं,यह काबिलेगौर होगा। उचित प्रत्याशी चयन से ही जीत की पटकथा लिखी जा सकेगी।

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