दिल्ली का स्थानिक आयुक्त कार्यालय में जूनियर अधिकारी की तैनाती पर उठते रहे सवाल
लॉकडौन में राहत नहीं मिलने पर प्रवासियों ने भी जतायी थी नाराजगी
एक बड़े अधिकारी ने मंडल निर्माण में कम खर्च का हवाला देकर करवा दी थी गैरसैण को मंडल बनाने की घोषणा।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
उत्तराखंड में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के करीबी अधिकारियों व स्टाफ की शिफ्टिंग व विदाई के बाद अभी भी कुछ पदों पर ऐसे अधिकारी मौजूद है जिनकी परफॉरमेंस व पब्लिक डिलीवरी को लेकर सवाल उठते रहे है। नये सीएम को शपथ लिए 15 दिन हो गए लेकिन सीएम कार्यालय, सचिवालय ,जिलों से लेकर दिल्ली तक पूरी साफ सफाई नही हुई है।

लगभग चार साल तक प्रचंड बहुमत की सरकार चलाने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर यह आरोप भी चस्पा हुआ कि वे कुछ अधिकारियों की सलाह को ही सर्वोपरि मान कर चल रहे है। इस बाबत कई पार्टी जनप्रतिनिधि व संगठन से जुड़े लोग लगातार अधिकारियों की परफार्मेन्स को लेकर मुखर भी होते रहे।
एक आम चर्वा है कि त्रिवेंद्र की विदाई में इन चर्चित चेहरों का बड़ा योगदान रहा है। सत्ता के नजदीक जुड़े इन अधिकारियों ने प्रदेश में बेहतर डिलीवरी देने के बजाय सत्ता संघर्ष में ही उलझे रहे।
अब पूर्व हो चुके मुख्यमंत्री ने अपने एक खास अधिकारी के कहने पर एक गजब का कारनामा कर डाला था। सूत्र बताते हैं कि एक अधिकारी ने कम खर्च का हवाला देकर गैरसैण को मंडल बनाने की गणित समझा दी थी। गैरसैंण मंडल का फैसला भी त्रिवेंद्र की विदाई का प्रमुख कारण बना।

अब प्रदेश में नए मुख्यिा तीरथ सिंह रावत की ताजपोशी हो चुकी है। नये सीएम कैसे उत्तराखंड की नौकरशाही को हैण्डिल करते हैं। पूर्व के चार साल में देहरादून के मजबूत नौकरशाहों में सचिवालय, दिल्ली व जिलों में अपने अपने गुट के अधिकारियों की तैनाती की होड़ लगी रही। इसमें अधिकारियों की वरिष्ठता का भी ध्यान नही रखा गया। कई ऐसी अहम पदों पर लाड़ले जूनियर अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गयी।
स्थानिक आयुक्त कार्यालय, दिल्ली की परफार्मेन्स की समीक्षा की चर्चा
यही नहीं, त्रिवेंद्र राज में दिल्ली के स्थानिक आयुक्त कार्यालय में देहरादून के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने नियमों को ताक पर रख कर एडीएम स्तर के अधिकारी को सीधे अपर स्थानिक आयुक्त के पद से नवाज कर दिल्ली दरबार में बैठा दिया। बात यहीं पर नही रुकी। नियम कानूनों व प्रोटोकाल को दरकिनार कर सीधे अपर सचिव की कुर्सी भी थमा दी। यह भी चर्चा रही कि त्रिवेंद्र शासन में पॉवरफुल महिला अधिकारी ने जूनियर अधिकारी को बड़ी कुर्सी पर बैठने में अहम भूमिका निभाई।
इतना ही नहीं, राज्य सम्पत्ति विभाग में अपर सचिव बना सारी शक्तियां दे दी। जबकि देहरादून सचिवालय में एक अपर सचिव राज्य सम्पत्ति विभाग में पहले से ही तैनात थे। देहरादून में मुख्य सचिव ओमप्रकाश प्रमुख स्थानिक आयुक्त व राधिका झा स्थानिक आयुक्त की जिम्मेदारीबहि निभा रहे हैं।
कई वरिष्ठ आईएएस व पीसीएस अफसरों को दरकिनार कर जूनियर को दिल्ली में बैठा दिया। राज्य की विभिन्न योजनाओं के मुद्दे पर केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में समन्वय स्थापित करना स्थानिक आयुक्त कार्यालय की विशेष जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा मूल राज्य के लोगों/प्रवासियों की समस्याओं के हल करने के लिए भी दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय पर विशेष भार होता है।
बीते साल लॉकडौन के समय उत्तरराखंड के प्रवासियों को दिल्ली के स्थानिक आयुक्त कार्यालय ( Resident commissioner office uttarakhand) से विशेष मदद भी नही मिली। प्रवासियों में भारी नाराजगी भी देखी गयी। यही नहीं, राज्य सरकार ने लॉकडौन के समय प्रवासियों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 50 लाख धनराशि दिल्ली के स्थानिक आयुक्त कार्यालय के खाते में भेजी थी, उसके इस्तेमाल को लेकर भी सवाल उठते रहे।


इसके अलावा देहरादून में बैठे वरिष्ठ अधिकारी भी स्थानिक आयुक्त कार्यालय के विभिन्न पदों का चार्ज भी संभाले हुए हैं। इस कोटे के तहत केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में मिलने वाली आवासीय सुविधा भी मिल रही हैं और सरकारी वाहन भी।

नये तीरथ निजाम में दिल्ली के स्थानिक आयुक्त कार्यालय की ओवरहालिंग को लेकर प्रवासियों में भारी उत्सुकता देखी जा रही है। प्रवासियों के मुद्दे व राज्य सरकार की योजनाओं पर केंद्र से बेहतर तालमेल के लिए वरिष्ठ व अनुभवी अधिकारी को दिल्ली में बैठाए जाने की तत्काल आवश्यकता महसूस की जा रही है।Bureaucracy uttarakhand
दिल्ली के स्थानिक आयुक्त कार्यालय की कार्यप्रणाली सुधारने के अलावा नये सीएम तीरथ रावत को बेहतर संदेश देने के लिए जिलों से लेकर सचिवालय में सफाई अभियान को बदस्तूर जारी रखने की भी जरूरत महसूस की जा रही है। हालांकि, त्रिवेंद्र राज के कई अधिकारी अभी भी जिलों से लेकर सचिवालय में जमे हैं । सीएम कार्यालय में भी अभी तक विश्वसनीय व परफॉर्मर अधिकारी तैनात नही हो सके हैं। Resident commissioner office uttarakhand
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