जनवरी 2023 में वित्त अधिकारी विवेक स्वरूप का आयुर्वेद निदेशालय से चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में हुआ था ट्रांसफर
आयुर्वेद निदेशालय से 1 जुलाई 2023 को जारी पत्र में हैं वित्त नियंत्रक विवेक स्वरूप के हस्ताक्षर
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि की कुर्सियों में पता नहीं किस ब्रांड का शहद चिपका हुआ है या पता नहीं किस कंपनी का फेविकोल। कि ट्रांसफर आदेश के बाद भी अधिकारी जमे ही रहते हैं। शासन में बैठे अधिकारी यह भी पता नहीं करते कि उनके हुक्म की तामील हुई भी या नहीं।
हाल ही में ,आयुर्वेद विवि के मुख्य वित्त अधिकारी अमित जैन को ट्रांसफर आदेश का पालन नहीं करने पर निलम्बन झेलना पड़ा। यह तथ्य जब सीएम धामी के संज्ञान में आया तो तुरत फुरत अमित जैन को चलता किया गया।
अमित जैन के बाद एक और वित्त अधिकारी विवेक स्वरूप का नाम सामने आ रहा है। इनका भी तबादला जनवरी 2023 में आयुर्वेदिक एवम यूनानी निदेशालय तथा होम्योपैथी निदेशालय से चिकित्सा शिक्षा निदेशालय, चंदर नगर किया गया था। यह आदेश जनवरी 2023 में किया (देखें ट्रांसफर आदेश) लेकिन बिना किसी अधिकार के आयुर्वेद निदेशालय,सहस्त्रधारा रोड पर लगातार कार्य कर रहे हैं। चिठ्ठी पत्री लिख रहे हैं। और अपने एक ‘आका’ की मेहरबानी से निदेशालय में ही जमे हैं।
हाल ही में “अविकल उत्तराखण्ड” को विवेक स्वरूप के हस्ताक्षरयुक्त 1 जुलाई का पत्र हाथ लगा है। इस पत्र में सभी जिला व यूनानी अधिकारियों को बजट खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी गई है (देखें पत्र)
पुष्ट सूत्रों के मुताबिक पांच महीने पहले चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में ट्रांसफर होने के बावजूद वित्त अधिकारी विवेक स्वरूप ने आयुर्वेद निदेशालय में तैनात लेखाकार व लेखाधिकारी को पैदल कर रखा है। उनके पास कोई फाइल या बिल नहीं भेजते हैं । और पटल सहायक के साथ मिलकर खुद ही फ़ाइल निपटाते हैं।
चर्चा यह भी है कि नियम विरुद्ध खरीद फरोख्त में बाधा बन रहे होम्योपैथ उप निदेशक को रुद्रप्रयाग और संयुक्त निदेशक आयुर्वेद को पौड़ी ट्रांसफर कराने में भी एक खास ‘रिपोर्ट’ की बड़ी भमिका रही। बताया जाता है कि कुछ मजबूत अधिकारियों को भी शीशे में उतारा हुआ है।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में खरीद, निर्माण, भर्ती, प्रवेश, परीक्षा आदि में घोटाओं की सतर्कता जांच और एफआईआर दर्ज होना विभागीय अधिकारियों की बेईमान कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल उठाता है।
इधर, अमित जैन के बाद विवेक स्वरूप ट्रांसफर के बाद भी अपने एक ‘मजबूत आका’ की वजह से आयुर्वेद निदेशालय में डटे पड़े हैं।
आयुर्वेद विवि में सम्बद्ध कई चिकित्सकों व प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश अडाना भी लम्बे समय तक नयी तैनाती पर नहीं गए। विवि से ही वेतन लेते रहे।
सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वंय आयुष विभाग संभाले हुए हैं। और शासन में बैठे अधिकारी ट्रांसफर आदेशों की धज्जियां उड़ने के बाद भी जानबूझकर आंखें मूंदे बैठे हैं।
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