पौड़ी के घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कालेज की सहायक प्रोफेसर मनीषा भट्ट ने विभागीय उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी
अविकल उत्तराखंड
पौड़ी। जी बी पंत घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कालेज की सहायक प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले में निदेशक डॉ वाई सिंह व विभागाध्यक्ष ए के गौतम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पौड़ी की एसएसपी श्वेता चौबे ने कहा कि आत्महत्या से जुड़े मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मृतका के पति संदीप भट्ट की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया। गौरतलब है गुरुवार को निदेशक व विभागाध्यक्ष के उत्पीड़न से तंग आकर मनीषा भट्ट ने अलकनन्दा नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस को दी गयी तहरीर में मृतका के पति संदीप भट्ट ने कहा कि कॉलेज के दोनों अधिकारियों ने मनीषा भट्ट के मातृत्व अवकाश देने समेत अन्य मामलों में मानसिक उत्पीड़न किया।
इसी वजह से उनकी तीन महीने की बेटी की भी मृत्यु हुई।
तहरीर में ए के गौतम के पुराने कारनामों का भी जिक्र किया गया है। इंजीनियरिंग कालेज में हुए मामलों को निदेशक डॉ वाई सिंह ने दबा दिया था।
सहायक प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के बाद स्थानीय स्तर पर लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

श्रीमान कोतवाली प्रभारी श्रीनगर पुलिस उपाधीक्षक श्रीनगर
जिला पौड़ी गढ़वाल ।
महोदय,
प्रार्थी की पत्नी श्रीमती मनीषा भट्ट जी.बी.पी.आई. ई. टी. घुरदौड़ी पौड़ी गढ़वाल में ई०सी०ई० विभाग में अप्रैल 2019 में सहायक आचार्य के पद पर स्थाई नियुक्ति हुई थी उस समय विभागाध्यक्ष डॉ० वाई० सिंह थे जो वर्तमान में निदेशक के पद पर कार्यरत है, तथा वर्तमान में डॉ० ए०के० गौतम विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत है मेरी पत्नी श्रीमती मनीषा भट्ट की नियुक्ति के बाद से ही दोनो प्रोफेसरों के द्वारा उसका मानसिक उत्पीडन किया जा रहा था इस बीच वर्ष 2022-23 में मेरी पत्नी के गर्भावस्था के दौरान दोनो प्रोफेसरो के द्वारा मेरी पत्नी प्रसव होने से पहले भी मानसिक उत्पीडन किया गया तथा बार -बार यह कहां जा रहा था कि आपका प्रसव अवकाश तभी स्वीकृत होगा जब आप अपने स्थान पर वैकल्पिक प्रोफेसर को नियुक्ति के लिए नहीं उपलब्ध करायेगें और अपना सारा पाठ्यक्रम पूरा करके नहीं देगें तब तक आपका अवकाश स्वीकृत नहीं करेगें, अवकाश न मिलने पर प्रसव पीड़ा अधिक होने के कारण मेरी पत्नी के द्वारा आकस्मिक अवकाश लिया इसी अवधि में मेरी पत्नी से पुत्री पैदा हो गई बाद में प्रसव अवकाश पर स्वीकृति होने के बाद मैं अपनी पुत्री सहित अपने निवास पर आ गई थी इस दौरान मेरी नवजात पुत्री का भी देहान्त हो गया मैं सदमें में आ गई थी प्रसूती अवकाश समाप्त होने के बाद दिनांक 12-05-2023 को कॉलेज में अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी तो पता चला कि ए० के० गौतम द्वारा मेरी पत्नी का नाम उपस्थिति रजिस्टर से भी हटा दिया गया था तत्पश्चात् विभागीय प्रदोन्नति की प्रक्रिया आरम्भ हो गई थी मेरी पत्नी द्वारा भी प्रदोन्नति की पत्राचार की कार्यवाही तैयार कर पिछले तीन, चार दिन से विभागाध्यक्ष श्री ए० के० गौतम से अग्रसारित करवाने के लिए बार-बार जाती रही लेकिन उसके द्वारा मेरी पत्नी के प्रदोन्नति सम्बन्धी अभिलेखों को नकारता रहा जिस कारण मेरी पत्नी बहुत मानसिक दबाव में आ गई विभागाध्यक्ष द्वारा स्पष्ट रूप मेरी पत्नी के प्रमोशन सम्बन्धी अभिलेखों को अग्रसारित करने से मना कर दिया गया तथा इतना प्रताड़ित किया तथा दिनांक 22-05-23 से दिनांक 25-05-23 तक उसे यह कह दिया कि तुम चाहे तो नौकरी छोड दो, या आत्म हत्या कर दो, मैं आपके प्रमोशन को नहीं होने दूंगा, दिनांक 25-05-23 को मेरी पत्नी मनीषा भट्ट अपने कार्यालय में गई और उसके द्वार मुझे फोन किया गया कि विभागाध्यक्ष श्री ए०के० गौतम मुझ बहुत प्रताड़ित कर रह है तथा मुझे बहुत अपमानित कर रहे है तथा अशिष्ट व अशलील शब्दो का प्रयोग कर रहे है मैने कहा कि समझा लेगें, उसके पश्चात् मेरी पत्नी ने निदेशक व विभागाध्यक्ष के उत्पीडन के कारण अलकनन्दा, श्रीनगर नैथाण झूल पुल से कूदकर आत्म हत्या कर दी है,

विभागाध्यक्ष ए० के० गौतम द्वारा गौतम बुद्धा विश्वविद्यालय ग्रेटर नोयडा में भी किसी महिला प्रोफेसर से भी छेड़छाड करने के कारण उसको वहा से पद से निष्कासित कर दिया गया था। अपने कॉलेज में भी वर्ष 2014 में भी छात्रा द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था जिस को निर्देशक वाई0 सिंह ने दबा दिया था, विभागाध्यक्ष व निर्देशक के द्वारा मेरी पत्नी के मानसिक उत्पीडन करने के कारण आत्म हत्या करने के लिए प्रेरित करने पर यह घटना हुई जिस के लिए उपरोक्त दोनो प्रोफेसर दोषी है
अतः महोदय से निवेदन है कि निदेशक डॉ० वाई सिंह व विभागाध्यक्ष श्री० ए० के० गौतम के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें।

Total Hits/users- 30,52,000
TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245