CIMS & UIHMT Group of Colleges ने एक साल में तीन सौ students को निःशुल्क पढ़ाने का फैसला किया
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून । कई छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दसवीं/बारहवीं के बाद उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं और कई गलत रास्तों में भटक जाते हैं और कई युवा नशे के जंजाल में फंस जाते हैं।
लिहाजा, CIMS & UIHMT Group of Colleges अपने निजी शिक्षण संस्थान में 300 छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष निःशुल्क शिक्षा प्रदान करेंगे, ताकि वह आगे बढ़कर अपने परिवार के भरण-पोषण के साथ-साथ प्रदेश एवं देश के काम आ सकें एवं व्यसनमुक्त समाज के निर्माण में भागीदार बन सकें।
चेयरमैन ललित जोशी ने कहा कि संस्थान के सहयोग से सजग इंडिया के माध्यम से पिछले 12 वर्षो में 1000 से अधिक स्कूल एवं शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ 5 लाख युवाओं के मध्य युवा संवाद के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं ।
संस्थान द्वारा इससे पूर्व भी कोरोना में अनाथ हुए 100 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है और इस वर्ष भी सत्र् 2022-23 के लिए निम्न पाठ्यक्रमों (B.Sc. Medical Microbiology, B.Sc. Optometry, B.Sc.Pathology, Bachelor in Hospital Administration, BBA, BCA, B.Sc.IT, B.A.(Honour), Mass Communication, B.Com (Hons.), BHM, DHM, BA, B.Com, B.Sc.(PCM/ZBC),Master in Public Health, Master in Hospital Administration, Master in Hostel Management, M.Sc. Biochemistry, M.Sc.Microbiology, M.Sc.MLT, P.G. Diploma-Diploma in Yoga Science, Diploma in Yoga, P.G. Diploma in Fitness & Sports Management, P.G. Diploma in Business Accounting & Taxation, P.G. Diploma in Journalism & Mass Communication, P.G. Diploma in Water Sanitization & Hygiene) में आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं के निःशुल्क उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा प्रदान करके उनको शत-प्रतिशत जॉब में लाने का प्रयास किया जाएगा। प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2022 तक रखी गई है, जिसमें पहले आओ, पहले पाओ के माध्यम से सीटें आवंटित की जाएगी।
इन सीटों को भरने हेतु संस्थान द्वारा उन छात्र-छात्राओं को पहले प्राथमिकता दी जाएगी, जो निम्नलिखित श्रेणी में आते हैं।
- कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चे जो कि दसवीं या बारहवीं के बाद आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं या कारोनाकाल मे उनके घर के कमाऊ व्यक्ति माता या पिता की मृत्यु हो चुकी है।
- देश एवं प्रदेश के किसी भी फोर्स (आर्मी, पुलिस, अर्धसैनिक अथवा अन्य फोर्स) में शहीद हुए उत्तराखण्ड के जवान के बच्चे जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो।
- उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रित बच्चे, जिनकी आर्थिक स्थित ठीक ना हो, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हों।
- उत्तराखण्ड के लोक-कलाकर एवं लोक संस्कृति एवं साहित्य को जीवित रखने के लिए जो कलाकार निःस्वार्थ भाव से लगे हैं, अगर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो उनके ऐसे बच्चों को संस्थान द्वारा दसवीं/बारहवीं बाद निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करके उनको रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
- उत्तराखण्ड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे बच्चे जिनकी आपदाओं के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो, को भी उच्च शिक्षा एवं रोजगारपरक शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
- कोरोना महामारी के बाद हमारे प्रदेश के अनेक मीडिया साथियों (प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया, स्वतंत्र पत्रकार एवं अन्य मीडिया के साथी) जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो, के परिवार के बच्चों को भी निःशुल्क उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।
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