कांग्रेस ने केंद्रीय वित्त आयोग को दिए सुझाव
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। केंद्रीय वित्त आयोग की टीम के उत्तराखंड दौरे के दौरान कांग्रेस पार्टी ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने और आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराने की मांग उठाई। देहरादून में आयोग के साथ आयोजित बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष (संगठन एवं प्रशासन) सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने भाग लेते हुए सुझाव पत्र सौंपा।
धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड का गठन जनता के दशकों लंबे संघर्ष और बलिदान के बाद हुआ था। हालांकि राज्य का बजट बीते 25 वर्षों में 24 गुना बढ़ा है, लेकिन जिन मूलभूत कारणों से राज्य की मांग उठी थी—जैसे पलायन, रोजगार संकट, महिलाओं की दुश्वारियां और बुनियादी सुविधाओं की कमी—वे अब भी जस की तस बनी हुई हैं।
प्राकृतिक आपदाएं, सीमांत स्थिति और पलायन बने चुनौती
सुझाव पत्र में कांग्रेस ने 10 मुख्य बिंदुओं के ज़रिए राज्य की विशिष्ट भौगोलिक, पर्यावरणीय और सामरिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने और ग्रीन बोनस देने की मांग की। पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड के 67% हिस्से पर वन क्षेत्र है, जो विकास की गतिविधियों को सीमित करता है। पर्वतीय जिलों में जनसंख्या घनत्व कम और क्षेत्रफल अधिक होने के कारण बुनियादी ढांचे का विकास चुनौतीपूर्ण है।
राज्य में लगातार प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं, लेकिन दीर्घकालिक आपदा प्रबंधन की दिशा में पर्याप्त प्रयास नहीं हुए हैं। सीमांत जिलों में बुनियादी सुविधाओं के लिए विशेष अनुदान, पलायन रोकने के लिए रोजगारपरक योजनाएं और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए अलग नीति की मांग की गई है।
ऊर्जा, तीर्थाटन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी संभावनाओं के अनुरूप निवेश व केंद्र की सहायता की आवश्यकता बताई गई है। राज्य के लगातार बढ़ते राजस्व घाटे को देखते हुए अगले 10 वर्षों के लिए विशेष अनुदान देने की भी मांग की गई है।
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस प्रवक्ता गिरिराज किशोर हिंदवान भी शामिल रहे।

