कांग्रेस की फाइनल सूची से भाजपा राहत में
हरदा के रोड शो में पुत्र वीरेंद्र की हुई पॉलिटिकल लांचिंग
हरिद्वार से हरीश को चुनाव लड़ाने की रणनीति पर फिरा पानी
कांग्रेसी दिग्गजों ने चुनावी जंग से मुंह फेरा
हरिद्वार से हरीश के पुत्र वीरेंद्र व नैनीताल से प्रकाश जोशी चुनाव लड़ेंगे
अविकल थपलियाल
नई दिल्ली/देहरादून। आखिरकार कांग्रेस को पूर्व सीएम हरीश रावत की “अंकगणित” के आगे एक बार फिर झुकना पड़ा। और हरिद्वार से उनके पुत्र को ही चुनावी मैदान में उतारने पर विवश होना पड़ा। कांग्रेस के दिग्गजों का एक एक कर चुनावी मैदान से हटना भी एक तरह से वाक ओवर ही माना जा रहा है।
बीते दिनों नाम फाइनल होने के बावजूद दिल्ली में डटे हरीश रावत अपने पुत्र वीरेंद्र के लिए ही टिकट की गुहार लगाते रहे। हाईकमान वीरेंद्र को पहला चुनाव ही लोकसभा का लड़वाने के कतई मूड में नही थी। लेकिन हरीश रावत सूची जारी होने से पहले तक डटे रहे।
बहरहाल, कांग्रेस ने लम्बी जद्दोजहद व दबाव के बाद शनिवार को हरिद्वार व नैनीताल लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।
जारी सूची के मुताबिक हरिद्वार से पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दिया गया जबकि नैनीताल से प्रकाश जोशी को टिकट दिया गया है।
प्रकाश जोशी भी वीरेंद्र की तरह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। नैनीताल-उधमसिंहनगर सीट पर पूर्व सांसद महेन्द्रपाल का नाम फाइनल हो गया था। लेकिन ऐन मौके पर नाम काट कर राहुल के करीबी प्रकाश जोशी को टिकट थमा दिया गया।
इसके अलावा कई दिन से जारी कशमकश के बाद लगभग रोज बदलते समीकरणों के बीच हरिद्वार में हरीश रावत का टिकट फाइनल कर दिया गया था। लेकिन अंदरूनी राजनीति व हरीश रावत की इच्छा का सम्मान करते हुए उनके पुत्र वीरेंद्र रावत को टिकट दिया गया है।
इस सीट पर भाजपा ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को उम्मीदवार बनाया है।
पूर्व सीएम हरदा के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र से मधुर सम्बंध भी हैं। त्रिवेंद्र ने चुनाव अभियान तेज कर दिया है।
हरिद्वार में बसपा ने भावना पांडेय को टिकट दे अपना वोट बैंक एकजुट करने की कोशिश की है। हरिद्वार में कांग्रेस किंस तरह भाजपा व बसपा के वोट बैंक में सेंधमारी करती है। यह देखना भी दिलचस्प होगा।

उधर, नैनीताल से अजय भट्ट के मुकाबले अब युवा प्रकाश जोशी चुनाव लड़ेंगे। इस सीट पर महेन्द्र पाल,रंजीत रावत व भुवन कापड़ी के नाम की चर्चा थी।
हालांकि, हरीश रावत ने सूची सार्वजनिक होने से पहले नारसन बार्डर से रोड शो निकाल पुत्र वीरेंद्र की लांचिंग भी कर दी। हरिद्वार लोकसभा की विधसनसभा से उनकी पुत्री अनुपमा विधायक भी है।
बहरहाल,होली से ठीक पहले उत्तराखंड की पांचों सीट पर भाजपा व कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला नजर आ रहा है। उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस अपने दिग्गजों को चुनावी अखाड़े में उतारती तो जंग काफी रोचक होती। लेकिन दिग्गजों के स्वंय किनारे होने से भाजपा ने राहत की सांस ली है..
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