20-20 सालों से शिक्षकों के स्थायीकरण के मामले लम्बित.विभाग प्रक्रिया पूरी करें, शिक्षकों को आवेदन करने की जरूरत न पड़े
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 20-20 साल से लंबित स्थायीकरण के मामले को सूचना आयोग ने काफी गम्भीर माना है। सूचना आयुक्त विपिन घिल्डियाल ने गुरुवार को दिए अपने आदेश में कहा है कि ऐसे कई मामलों में कई शिक्षक रिटायर भी हो चुके हैं। यह स्थिति स्थायीकरण के प्रावधान के आशय को ही समाप्त कर देती है। लिहाजा,सरकारी विभाग में स्थायीकरण की प्रक्रिया निरन्तर रूप से स्वयं विभागों द्वारा सुनिश्चित होनी चाहिए और इसके लिए कर्मचारियों को आवेदन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
सूचना आयुक्त घिल्डियाल ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अध्यापकों के स्थायीकरण के जो भी मामले लम्बित हैं तथा जिन अध्यापकों की परिवीक्षा काल की समयावधि समाप्त हो गयी हो एवं जो स्थायीकरण की अर्हता पूर्ण कर रहे हों, उनके स्थायीकरण की कार्यवाही यथाशीघ्र कराना सुनिश्चित करें।
फैसले में कहा गया है कि सरकारी विभाग में स्थायीकरण की प्रक्रिया निरन्तर रूप से स्वयं विभागों द्वारा सुनिश्चित होनी चाहिए और इसके लिए कर्मचारियों को आवेदन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
अपीलार्थी डॉ जगदीश चन्द्र ने चमोली जिले से जुड़े मामले में शिक्षा विभाग से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। सूचना आयोग के फैसले की प्रति बेसिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा ,देहरादून को उचित कार्रवाई करने की उम्मीद के साथ भेजी गई है।
सूचना आयोग का फैसला
आज दिनांक 09.03.2023 को एक प्रकरण अपीलार्थी डॉ जगदीश चन्द्र बनाम लोक सूचना अधिकारी / जिला शिक्षा (प्रा०शि०) चमोली, जिला चमोली, एवं विभागीय अपीलीय अधिकारी / मुख्य शिक्षा अधिकारी, चमोली जिला चमोली में आयोग के संज्ञान में लाया गया कि प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों का स्थायीकरण लगभग 20-20 वर्षों से लम्बित है।
कई मामलों में तो अध्यापक सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं, किन्तु तब तक उनका स्थायीकरण नहीं हुआ था। जिस के संबंध में आयोग द्वारा सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया गया, “इस संबंध में आयोग का मानना है कि यह स्थिति स्थायीकरण के प्रावधान के आशय को ही समाप्त कर देती है।
सरकारी विभाग में स्थायीकरण की प्रक्रिया निरन्तर रूप से स्वयं विभागों द्वारा सुनिश्चित होनी चाहिए और इसके लिए कर्मचारियों को आवेदन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। अतः लोक सूचना अधिकारी एवं विभागीय अपीलीय अधिकारी को आदेशित किया जाता है कि वे अपने यहां अध्यापकों के स्थायीकरण के जो भी मामले लम्बित हैं तथा जिन अध्यापकों की परिवीक्षा काल की समयावधि समाप्त हो गयी हो एवं जो स्थायीकरण की अर्हता पूर्ण कर रहे हों, उनके स्थायीकरण की कार्यवाही यथाशीघ्र कराना सुनिश्चित करें।
इस आदेश की प्रति निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, ननूरखेड़ा देहरादून को इस आशय से प्रेषित की जा रही है कि उपरोक्त स्थिति मात्र चमोली जिले में नहीं है वरन् प्रदेश के सभी जिलों में यही स्थिति है। इस स्थिति का संज्ञान लेते हुए अध्यापकों के स्थायीकरण करने की सही प्रक्रिया का गठन करें, जिससे स्थायीकरण की प्रक्रिया लागू करना सुनिश्चित करें, जो अपने आप में विभाग द्वारा स्वतः लागू हो और जिसके लिए किसी भी अध्यापक को प्रत्यावेदन देने की आवश्यता न हो’
आयोग शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से अपेक्षा करता है कि अध्यापकों के स्थायीकरण करने की सही प्रक्रिया अपनाना सुनिश्चित करें।
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