गंगनानी के पुल व कई मार्गों की मरम्मत बनी मुख्य चुनौती
अर्ली वार्निंग सिस्टम, डॉप्प्लर रडार और सेटेलाइट फोन भी चर्चा के केंद्र में
सैकड़ों फंसे यात्री गंतव्य की ओर रवाना,संचार सुविधा बाधित
अविकल थपलियाल
उत्तरकाशी। मंगलवार को धराली – हर्षिल व अन्य इलाकों में आयी भीषण आपदा के तीसरे दिन फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कवायद होती रही।
हालांकि, गुरुवार को हुई मशक्कत के बाद भी सेना के 9 जवान समेत कुल 16 लापता लोगों का कोई सुराग नहीं लगा। सरकारी आंकड़ों ने इस बड़ी आपदा में 16 लोग लापता बताए हैं। जबकि स्थानीय सूत्र लापता लोगों की संख्या काफी अधिक बता रहे हैं। उस दिन धराली में स्थानीय मेले की वजह से काफी लोग इकठ्ठा थे। अभी तक प्रशासन ने 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
गुरुवार को मौसम की मेहरबानी की वजह से चिनूक व अन्य हेली सर्विस की मदद से यात्रियों को उत्तरकाशी, दून ,ऋषिकेश व अन्य जगह के लिए रवाना किया गया।
गंगोत्री हाईवे के गंगनानी के पास मंगलवार को टूटे पुल का विकल्प अभी तैयार नहीं हो पाया। इस हाईवे के कई जगह ध्वस्त होने की वजह से राहत कार्यों में काफी कठिनाई देखने में आ रही है।
हालांकि, गुरुवार की रात को भी निर्माण एजेंसी बेली ब्रिज बनाने की कोशिश में जुटी है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार तक बेली ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा।

दो दिन की बारिश के बाद गुरुवार को मौसम साफ होने की वजह से सैकड़ों यात्रियों को उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया। इन यात्रियों की खुशी साफ झलक रही थी। तीसरे दिन धराली ब हर्षिल के मलबे से कोई लापता व्यक्ति नहीं मिला।
धराली क्षेत्र में बिजली व संचार सुविधा ठप होने की वजह से आयी बाधा को देखते हुए 125 केवी के जेनसेट को चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से घटना स्थल की ओर रवाना किया गया है। एक वी सेट के भी शुक्रवार तक कार्य करने से संचार सुविधाएं बहाल होने की उम्मीद है।
इस बीच , गुरुवार को सीएम धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने पाबौ इलाके में आपदा के शिकार हुए दो बहनों के परिजनों को सांत्वना दी। सीएम ने एक महीने का और आईएएस एसोसिएशन ने एक दिन का वेतन देने की भी घोषणा की।
अभी सीएम धामी उत्तरकाशी में ही रुके हैं। शुक्रवार को सेना के 9 जवानों समेत अन्य लापता लोगों की तलाश की जाएगी। बचाव दल इस कार्य के लिए स्निफर डॉग की भी मदद ले रहे हैं।
बहरहाल, धराली में कई फ़ीट तक जमे मलबे को हटाने के बाद ही लापता लोगों का सुराग मिलने की उम्मीद है। इस मलबे में कितने स्थानीय व श्रद्धालु दबे हैं, यह आंकड़ा सामने आने में कुछ दिन लग सकते हैं। हालांकि, दो दिन गुजर जाने के बाद बचने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।

इस कार्य के लिए आवश्यक उपकरण भी शुक्रवार तक आपदा प्रभावित इलाकों तक पहुंचने की उम्मीद है।
इधऱ,गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित रजनीकांत सेमवाल का कहना है कि आपदा के मद्देनजर इन इलाकों में सेटेलाइट फोन की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि चिंतित व परेशान लोग संचार सुविधा बहाल होने तक अपने घर बात कर सकें।

इसके अलावा दिल्ली,दून व उत्तरकाशी में विभिन्न स्तर पर मंथन का सिलसिला जारी रहा।आपदा को लेकर वॉयरल हो रही भ्रामक सूचनाओं पर प्रशासन ने चेतावनी देते हुए कार्रवाई की मांग की। सड़क मार्ग बाधित होने से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पैदल ही धराली की ओर कूच कर गए थे।
उधर, अर्ली वार्निंग सिस्टम और डॉप्प्लर रडार की आपदा में उपयोगिता को लेकर भी बहस छिड़ गई है। प्रदेश में मुक्तेश्वर, लैंसडौन व सुरकुंडा देवी में लगे डॉप्लर रडार से मिले संकेतों के बाद कितनी सावधानी बरती गई, यह सवाल भी चर्चा में है।
घायलों की रेस्क्यू किये गये लोगों का विवरण-
रेस्क्यू किये गये घायल जिन्हें मातली लाया गया- 14
मातली लाये गये लोगों में से 03 गम्भीर को एम्स ऋषिकेश, 02 घायलों को देहरादून तथा शेष 09 जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी में भर्ती।
कार्यरत मशीनों का विवरण-
(जे0सी0बी0-05, एस्कवेटर-03, डोजर-02, टिप्पर-10, जनरेटर-01) कुल-21
ऽ गंगोत्री से हर्षिल लाये गये यात्री संख्या -274
ऽ गंगोत्री से नीलांग लाये गये यात्री संख्या -19
ऽ हर्षिल से मातली लाये गये यात्री संख्या -255
ऽ हर्षिल से जौलीग्रान्ट लाये गये यात्री संख्या -112
ऽ हर्षिल से लाए गए यात्रियों की कुल संख्या-367
मृतक व्यक्तियों की संख्या जिनके शव प्राप्त हुए हैं – 02
लापता लोगों की अनुमानित संख्या-
सेना के – 09
सिविल – 07
कुल – 16 लगभग
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