महिला प्रोफेसर सुसाइड- निदेशक व विभागाध्यक्ष को द्वाराहाट व पिथौरागढ़ सम्बद्ध किया

डॉ० वाई० सिंह, निदेशक को विपिन त्रिपाठी, कुमाऊँ प्रौद्योगिक संस्थान, द्वाराहाट, अल्मोड़ा में सम्बद्ध किया गया

ए०के० गौतम, विभागाध्यक्ष को नन्ही परी, सीमान्त प्रौद्योगिक संस्थान, पिथौरागढ़ में सम्बद्ध किया गया

महिला प्रोफेसर सुसाइड- निदेशक व विभागाध्यक्ष पर धारा 306 के तहत दर्ज हुआ था मुकदमा

क्षेत्रीय दल उक्रांद ने सीएम को सम्बोधित ज्ञापन में डॉ वाई सिंह व ए के गौतम की गिरफ्तारी की मांग की

अविकल उत्तराखंड

पौड़ी। जीबी पंत घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कालेज की महिला प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले में निदेशक डॉ वाई सिंह व विभागाध्यक्ष ए के गौतम को क्रमशः अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ सम्बद्ध कर दिया है।

सचिव रविनाथ रमन की ओर से 27 मई को इस आशय के आदेश जारी किए गए।

आदेश में कहा गया है कि प्रकरण में प्रश्नगत जांच प्रभावित हो, के दृष्टिगत डॉ० वाई० सिंह, निदेशक, न जी०बी०पी०आई०ई०टी०, घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल को तत्काल प्रभाव से विपिन त्रिपाठी, कुमाऊँ प्रौद्योगिक संस्थान, द्वाराहाट, अल्मोड़ा तथा श्री ए०के० गौतम, विभागाध्यक्ष, इलैक्ट्रॉनिक एवं कम्यूनिकेशन विभाग, जी०बी०पी०आई०ई०टी०, घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल को नन्ही परी, सीमान्त प्रौद्योगिक संस्थान, पिथौरागढ़ में सम्बद्ध किया जाता है।

यह दोनों अधिकारी जांच प्रभावित नहीं कर सके। इसलिए शासन ने दोनों को पौड़ी से अन्यत्र भेज दिया।

कार्यालय ज्ञाप
श्रीमती मनीषा भट्ट, सहायक आचार्य, जी०बी०पी०आई०ई०टी०. घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल का सम्बन्धित संस्थान के निदेशक एवं विभागाध्यक्ष के द्वारा उत्पीडन के कारण आत्महत्या करने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी, गढ़वाल के पत्र संख्या-459 / 20- प्रशा० अधि०न्याय / 2023 दिनांक 26.05.2023 के द्वारा अवगत कराया गया कि श्री संदीप भट्ट पुत्र श्री एस०पी० भट्ट निवासी ग्लास हाऊस रोड, श्रीनगर गढ़वाल द्वारा दिनांक 26. 05.2023 को कोतवाली प्रभारी श्रीनगर / पुलिस उपाधीक्षक श्रीनगर को प्रस्तुत शिकायत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उनके द्वारा निम्न तथ्यों का उल्लेख किया गया है:-
(1) श्रीमती मनीषा भट्ट, जी०बी०पी०आई०ई०टी०. घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल में ई०सी०ई० विभाग में अप्रैल, 2019 में सहायक आचार्य के पद पर स्थाई नियुक्ति हुई थी, उस समय विभागाध्यक्ष, डॉ० वाई० सिंह थे, जो वर्तमान में निदेशक के पद पर तथा डॉ० ए०के० गौतम, विभागाध्यक्ष के पद पर वर्तमान मॅकार्यरत हैं, तथा श्रीमती मनीषा भट्ट की नियुक्ति के बाद से ही दोनों प्रोफेसरों के द्वारा मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था। वर्ष 2022-23 में श्रीमती मनीषा भट्ट के गर्भावस्था के दौरान दोनों प्रोफेसरों के द्वारा श्रीमती भट्ट से प्रसव होने से पहले भी मानसिक उत्पीड़न किया गया तथा बार-बार कहा जा रहा था कि आपका प्रसव अवकाश तभी स्वीकृत होगा, जब तक वह अपने स्थान पर वैकल्पिक प्रोफेसर को नियुक्ति करने के लिए उपलब्ध नहीं करायेंगे और अपना सारा पाठ्यक्रम पूरा करके नहीं देंगे, तब तक श्रीमती भट्ट का अवकाश स्वीकृत नहीं करेंगे, अवकाश न मिलने पर श्रीमती भट्ट की प्रसव पीड़ा अधिक होने केकारण श्रीमती भट्ट द्वारा आकस्मिक अवकाश लिया गया। उक्त के उपरान्त श्रीमती भट्ट से पुत्री पैदा होने के उपरान्त तथा प्रसव अवकाश स्वीकृत न होने के उपरान्त वह पुत्री सहित अपने निवास पर आ गयी थी। इस दौरान उनकी पुत्री का भी देहान्त हो गया।
(2) श्रीमती भट्ट के दिनांक 12.05.2023 को उक्त कॉलेज / संस्थान में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी, तो पता चला कि ए०के० गौतम द्वारा उपस्थिति रजिस्टर से उनका नाम हटा दिया गया था। इस मध्य प्रदोन्नति की प्रक्रिया प्रारम्भ होने के पश्चात् श्रीमती भट्ट द्वारा विभागाध्यक्ष श्री ए०के० गौतम से प्रदोन्नति हेतु उनका नाम अग्रसारित कराने के लिए बार-बार जाती रही, लेकिन विभागाध्यक्ष श्री गौतम द्वारा श्रीमती भट्ट के प्रमोशन सम्बन्धी अभिलेखों को अग्रसारित करने से मना कर दिया गया तथा इतना प्रताड़ित किया गया कि श्रीमती भट्ट को उनके द्वारा कहा
कि “तुम चाहो तो नौकरी छोड़ दो या आत्महत्या कर दो, मैं आपको प्रमोशन नहीं होने दूंगा।” (3) दिनांक 25.05.2023 को श्रीमती मनीषा भट्ट अपने कार्यालय गयी तथा उनके द्वारा अपने पति श्री संदीप भट्ट को फोन करते हुये अवगत कराया कि श्री ए0के0
2516/2023
गौतम, उन्हें बहुत प्रताडित एवं अपमानित कर रहे हैं तथा अपशिष्ट एवं अश्लील शब्दों का भी प्रयोग कर रहे हैं। तत्पश्चात् श्रीमती भट्ट ने निदेशक व विभागाध्यक्ष के उत्पीड़न के कारण अलकनन्दा, श्रीनगर, नैथाणा झूल पुल से कूदकर आत्महत्या कर ली।
2- जिलाधिकारी, गढ़वाल की उक्त प्रकरण से सम्बन्धित सूचना / आख्या में यह तथ्य भी अंकित किये गये हैं कि श्री ए०के० गौतम विभागाध्यक्ष द्वारा पूर्व में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा में भी छेड़छाड़ करने के कारण वहां से निष्कासित कर दिया गया था। वर्ष 2014 में भी श्री गौतम पर छात्रा द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था, जिसे निदेशक वाई0 सिंह ने दबा दिया। आत्महत्या की उक्त घटना के लिए श्री वाई0 सिंह, निदेशक एवं श्री ए०के० गौतम, विभागाध्यक्ष दोनों प्रोफेसर दोषी हैं।
3- प्रकरण में प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली श्रीनगर की स्पेशल रिपोर्ट के अनुसार उक्त तहरीर के क्रम में कोतवाली – पौड़ी में मुकदमा अपराध संख्या-20/2023, अन्तर्गत धारा-306, भारतीय दण्ड संहिता, सरकार बजरिये, संदीप भटट बनाम डॉ० वाई० सिंह एवं श्री ए०के० गौतम, निवासीगण इंजीनियरिंग कॉलेज, घुड़दौड़ी के विरूद्ध पंजीकृत किया गया है।
4- उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु कॉलेज के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं द्वारा मनीषा भट्ट को न्याय दो, बैनर के साथ कॉलेज के मेन गेट से इलैक्ट्रानिक डिपार्टमेंट होते हुये ट्राजिट हॉस्पिटल तक कैंडल मार्च निकाला गया तथा मृतका को न्याय दिलाये जाने / अभियुक्तों को गिरफ्तारी आदि को प्रस्तावित उक्त आंदोलनात्मक कार्यक्रमों के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज में शान्ति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित होने की सम्भावना बनी हुई है।
5- उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत एवं जिलाधिकारी, गढ़वाल की उक्त सूचना / आख्या के आधार पर डॉ० वाई0 सिंह, प्रभारी निदेशक, जी०बी०पी०आई०ई०टी०, घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल व श्री ए०के० गौतम, विभागाध्यक्ष, इलैक्ट्रॉनिक एवं कंम्यूनिकेशन विभाग, जी०बी०पी०आई०ई०टी०, घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा पंजीकृत / विवेचनाधीन होने के कारण उक्त दोनों अधिकारियों का आचरण, सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 के प्रतिकूल होने का प्रथम दृष्ट्या दोषी मानते हुए एवं वाद पंजीकृत होने के कारण तथा विधिक जांच के गतिमान रहने की अवधि तक एवं प्रकरण में प्रश्नगत जांच प्रभावित हो, के दृष्टिगत डॉ० वाई० सिंह, निदेशक, न जी०बी०पी०आई०ई०टी०, घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल को तत्काल प्रभाव से विपिन त्रिपाठी, कुमाऊँ प्रौद्योगिक संस्थान, द्वाराहाट, अल्मोड़ा तथा श्री ए०के० गौतम, विभागाध्यक्ष, इलैक्ट्रॉनिक एवं कम्यूनिकेशन विभाग, जी०बी०पी०आई०ई०टी०, घुड़दौड़ी, पौड़ी गढ़वाल को नन्ही परी, सीमान्त प्रौद्योगिक संस्थान, पिथौरागढ़ में सम्बद्ध किया जाता है।
Signed by Raman Ravinath
Date: 27-05-2023 17:31:15
(रविनाथ रामन)
सचिव

दोनों पर मनीषा भट्ट को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 26 मई की देर रात 11 बजकर 15 मिनट पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

उल्लेखनीय है कि 25 मई को डॉ मनीषा भट्ट ने अलकनन्दा नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली थी। मनीषा के पति संदीप भट्ट ने पौड़ी पुलिस को दी गयी तहरीर में घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कालेज के प्रभारी निदेशक डॉ वाई सिंह व विभागाध्यक्ष ए के गौतम पर आत्महत्या के लिए उकसाने का गंभीर आरोप लगाया था।

गौरतलब है कि बीते काफी समय से दोनों अधिकारी मनीषा भट्ट का उत्पीड़न कर रहे थे। मातृत्व अवकाश समेत अन्य मसलों पर मनीषा को परेशान किया। इसी बीच, मनीषा भट्ट की तीन महीने की बेटी की भी दुखद मौत हुई।

आत्महत्या करने से पहले दोनों अधिकारियों ने सहायक प्रोफेसर मनीषा भट्ट की ड्यूटी उपस्थिति व अवकाश की स्वीकृति को लेकर मानसिक उत्पीड़न किया। मनीषा ने अधिकारियों कर गलत व्यवहार की शिकायत अपने पति से की । और थोड़ी देर बाद नैथाणा पुल से अलकनन्दा नदी में छलांग लगा दी।

26 मई को सहायक प्रोफेसर मनीषा भट्ट का श्रीनगर में अलकनन्दा किनारे अंतिम संस्कार किया गया।

इस बीच, उक्रांद ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सीएम को सम्बोधित ज्ञापन भी सौंपा। और आंदोलन की चेतावनी दी। अंकिता भण्डारी हत्याकांड के बाद मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले को लेकर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों में नाराजगी देखी जा रही है।

ए के गौतम पर पूर्व में कई गंभीर आरोप लग चुके हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है, जो कोई भी ऐसी आत्महत्या करने का दुष्प्रेरण करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले मे यूकेडी मुखर


उत्तराखंड क्रांति दल ने घुड़दौड़ी पौड़ी गढ़वाल में महिला कर्मचारी को प्रताड़ित करने व आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कड़ी कार्यवाही हेतु देहरादून में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया।

यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल के नेतृत्व मे यूकेडी कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय विद्यालय शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी  पौड़ी गढ़वाल में ई०सी०ई० विभाग में अप्रैल 2019 में सहायक आचार्य मनीषा भट्ट को प्रताड़ित किये जाने व आत्महत्या के लिए उकसाने के प्रकरण में यूकेडी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कडी कार्रवाई की मांग की है । सेमवाल ने कहा कि तत्काल सभी संभावित साक्ष्य स्थल सील कराये जाएं।

यूकेडी उपाध्यक्ष सुनील ध्यानी ने मांग की है कि इस विषय मे कालेज के जिन जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों पर उत्पीडन के आरोप हैं तत्काल उनको गिरफ्तार किया जाए।

यूकेडी नेता मनोज कुमार ने कहा कि यदि शीघ्र गिरफ्तारी नही होती तो उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता आदोलन को बाध्य होंगे।

यूकेडी नेता समीर मुंडेपी ने कहा कि उत्तराखंड मे महिलाएं सबसे असुरक्षित महसूस कर रही हैं। यूकेडी ने उत्पीडन रोकने के लिए बनी समितियों को भी सक्रिय करने की माग की है।

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सहायक प्रोफेसर आत्महत्या केस में निदेशक व विभागाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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