बद्री केदार विधानसभा से दो बार विधायक का चुनाव जीते कुंवर सिंह नेगी
अविकल उत्तराखण्ड
गोपेश्वर। बद्री-केदार विधान सभा से दो बार विधायक रहे कुंवर सिंह नेगी का निधन हो गया है। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। कांग्रेस पार्टी के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
कुंवर सिंह नेगी 1980 व 84 में बद्री केदार विधानसभा का चुनाव जीते
वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी ने कहा कि वे
एक अच्छे राजनेता, एक उत्तरदायी समाजसेवी, सौहार्दपूर्ण व्यक्तित्व के धनी भाई कुंवर सिंह नेगी जी का असामयिक निधन चमोली और रुद्रप्रयाग जिले की ऐसी अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में सम्भव नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि पूर्व विधायक कुंवर सिंह नेगी शांत ,सरल सौम्य व्यवहार के लिए जाने जाते रहे। निधन से 10 मिनट पूर्व तक लेखन रत रहे अंतिम समय तक वे एक कर्म योगी तरह अपने जीवन के उद्देश्य को सार्थक करते रहे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने कुछ इस तरह दी श्रद्धांजलि
स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी के अनन्य भक्त व चमोली के लोकप्रिय नेता कुंवर सिंह नेगी जी। बुधवार देर शाम उनके निधन के समाचार से मन बहुत दुखी है। उत्तरप्रदेश के जमाने में संयुक्त चमोली जनपद के बद्री केदार विधानसभा से वे विधायक रहे। 1980 में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और 1981 में श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी के साथ कांग्रेस छोड़ कर बहुगुणा जी की नई पार्टी लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। बहुगुणा जी के ऐतिहासिक गढ़वाल चुनाव में बहुगुणा जी को चमोली से बड़ी लीड दिलवाने में श्री कुंवर सिंह जी की अहम भूमिका रही। बहुगुणा जी के अंतिम समय तक वे उनके साथ रहे और फिर 1989 में बहुगुणा जी के स्वर्गवास होने के पश्चात कोंग्रेस में शामिल हो गए । और अंतिम सांस तक कांग्रेस में ही रहे।
मेरा कुंवर सिंह जी से बहुगुणा जी के समय से बहुत प्रेम व लगाव था। हम छात्र जीवन से उनको एक प्रखर नेता के रूप में देखते आये थे। उनके सानिध्य में बहुगुणा जी के लिए काम किया। गढ़वाल दौरे में हम बहुगुणा जी की एडवांस टीम में जाते थे तो चमोली जनपद में आदरणीय कुंवर सिंह जी ही हमारी युवा टीम का सारा इंतज़ाम करते थे। उनके साथ कि बहुत सारी यादें हैं मेरे पास जिनको सांझा करूंगा कभी। पोस्ट में जो फ़ोटो है बहुगुणा जी के साथ उनका उसमें मैंने बैज अलंकरण किया था युवा लोकदल के मंडलीय सम्मेलन में बहुगुणा जी और उनका 1986 में। इस सम्मेलन का मैं संयोजक था।
मृदुभाषी सरल व सौम्य कुंवर सिंह जी के निधन से चमोली गढ़वाल ने एक लोकप्रिय नेता खो दिया। ईश्वर उनको अपने चरणों में स्थान दें व परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को बर्दाश्त करने की शक्ति प्रदान करें।
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