अनियमित बिजली लाइन बिछाने पर हुई कार्रवाई
सोलर प्लांट सब्सिडी और स्मार्ट मीटर के खेल में कुछ इंजीनियरों की पत्नी व परिजन शामिल
अविकल उत्तराखण्ड
कोटद्वार/देहरादून। घाटे में चल रहे चर्चित यूपीसीएल में कई गड़बड़ियां सामने आ रही है। किसी इंजीनियर ने गलत विद्युत लाइन खींच दी। तो किसी इंजीनियर ने पत्नी व परिजन के नाम पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम ले लिया। और कुछ सोलर प्लांट ली सब्सिडी खाने के चक्कर में लग गए। गजब के बारे-न्यारे हो रहे। कहीं तत्काल एक्शन तो कहीं मौन.. जांच जारी है..
बहरहाल, बुधवार को उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने विद्युत वितरण खंड कोटद्वार के कुम्भीचौड़ (निकट कृष्णा पैलेस) क्षेत्र में खेतों के बीच करीब 375 मीटर लंबी अनियमित विद्युत लाइन और 10 खंभे लगाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर श्री स्वप्निल जोशी, अवर अभियंता, 33/11 केवी उपसंस्थान, गिवईश्रोत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें विद्युत वितरण खंड, पौड़ी गढ़वाल से संबद्ध किया गया है।
निलंबन के दौरान उन्हें निगम के नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। आदेश अधीक्षण अभियंता रवि दुबार संजोरा द्वारा जारी किए गए और तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।

देखें आदेश
कार्यालय-ज्ञाप
विद्युत वितरण खण्ड, कोटद्वार के अन्तर्गत कुम्भीचौड़ क्षेत्र (निकट कृष्णा पैलेस) में खुले खेतों में 10 विद्युत खम्बों में लगभग 375 मीटर अनियमित विद्युत लाईन बनाये जाने के फलस्वरूप श्री स्वप्निल जोशी, अवर अभियन्ता, 33/11 के०वी० उपसंस्थान, गिवईश्रोत, विद्युत वितरण खण्ड, कोटद्वार को प्रथमदृष्ट्या दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है साथ ही निलम्बन की अवधि में उन्हें विद्युत वितरण खण्ड, पौडी गढवाल से सम्बद्ध किया जाता है। निलम्बनकाल की अवधि में श्री स्वप्निल जोशी, अवर अभियन्ता को कारपोरेशन में प्रचलित नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
(रवि दुबार संजोरा) अधीक्षण अभियन्ता
पत्नी के नाम पर कंपनी बनाकर ठेका लेने वाले जेई पर जांच
सोलर प्लांट में भी इंजीनियरों की गड़बड़ी उजागर, सब्सिडी हड़पने का खेल
यूपीसीएल के स्मार्ट मीटर और उरेडा की सोलर योजना में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। यूपीसीएल के मीटर टेस्ट डिवीजन, अर्बन देहरादून में तैनात जूनियर इंजीनियर (जेई) पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी के नाम पर कंपनी बनाकर, उसी कंपनी से अपने कार्यक्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका ले लिया।
बताया जा रहा है कि यूपीसीएल ने स्मार्ट मीटर लगाने का काम एक निजी कंपनी को दिया था, लेकिन इस जेई ने उस कंपनी से काम सबलेट पर लिया और देहरादून अर्बन व ग्रामीण क्षेत्र में अपनी पत्नी की कंपनी के जरिए काम शुरू कर दिया। शिकायत के बाद मुख्य अभियंता गढ़वाल को जांच सौंपी गई है। जेई से जवाब तलब किया गया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया।
सोलर प्लांट की सब्सिडी में भी खेल
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में भी इंजीनियरों और अधिकारियों ने अपने व पत्नियों के नाम पर सोलर प्लांट लगवाकर सब्सिडी लेने का प्रयास किया। मामला सामने आने पर प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय अधिकारियों को सब्सिडी नहीं मिलेगी और दोषियों से वसूली की जाएगी।
यूपीसीएल निदेशक (ऑपरेशन) एम.आर. आर्य ने कहा कि जेई के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद सख्त कदम उठाए जाएंगे।
उधर, यूपीसीएल के एक कर्मी द्वारा स्मार्ट मीटर को लेकर अपनी पत्नी के नाम बनाई गई फर्जी कम्पनी के मामले में कोई एक्शन अभी तक सामने नहीं आया।

