आयुर्वेद विवि में पूरी ठसक से बैठ कर जारी कर रहे भुगतान के चेक. पढ़ें पुख्ता सबूत के साथ एक्सक्लूसिव खबर
26 जून को हुए ट्रांसफर के बाद भी नयी तैनाती पर नहीं गए वित्त अधिकारी. तो विजिलेंस जांच होगी प्रभावित !
दो दिन पहले हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक जमे है कुलपति डॉ सुनील जोशी भी
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। आयुर्वेद विवि में ये क्या हो रहा है । किसी का कोई डर ही नहीं। शासन के कड़े आदेश भी डस्टबिन के हवाले। अरे कोई है..अजब गजब तमाशा..सुनो सरकार सुनो..
बीते 26 जून को उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि के मुख्य वित्त अधिकारी अमित जैन को आयुर्वेद विवि से हटाकर निदेशालय, कोषागार पेशन एवं हकदारी से सम्बद्ध किया जाता है। शासन की ओर से हुए आदेश में कहा जाता है कि नयी तैनाती स्थल पर जॉइन करके अवगत कराएं। यह आदेश उप सचिव गजेंद्र सिंह कफलिया की ओर से जारी किए जाते हैं। (नीचे देखें आदेश)
लेकिन दादागिरी यह कि 11 दिन बाद भी वित्त अधिकारी अमित जैन आयुर्वेद विवि में जमे ही नहीं बल्कि बेधड़क चेक भी काट रहे हैं। चेक पर धड़ाधड़ हस्ताक्षर हो रहे हैं।
आपके अपने न्यूज़ पोर्टल ” अविकल उत्तराखण्ड” को पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं। 6 जुलाई को अमित जैन ने बीएसएनएल टेलीफोन के 3008 रुपए के भुगतान का एक चेक काटा है। बैंक ऑफ बड़ोदा के चेक पर बाकायदा अमित जैन के हस्ताक्षर हैं (देखें चेक व भगतान के दस्तावेज) ।
यह भी आश्चर्यजनक है कि शासन ने वित्त संवर्ग के अधिकारी के ट्रांसफर के पालन की पड़ताल करना जरूरी ही नहीं समझा। सूत्रों का कहना है कि शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अमित जैन आयुर्वेद विवि की कुर्सी पर जमे हुए हैं।
आयुर्वेद विवि में हुए घपले के बाद शुरू हुई विजिलेंस जांच के दौरान ही अमित जैन को हटाया गया। जैन के कुर्सी में रहते हुए जांच प्रभावित होने की आशंका थी।
कुलपति डॉ जोशी को हटाने के आदेश का इंतजार
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व नैनीताल हाईकोर्ट ने आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ सुनील जोशी को तत्काल हटाने के आदेश दिए। लेकिन शासन अभी तक कुलपति जोशी को हटाने के आदेश नहीं कर सका है। कुलपति जोशी भी अपनी नियुक्ति, भर्तियों में गड़बड़ी व निर्माण कार्यों को लेकर विजिलेंस जांच का सामना कर रहे हैं।
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