मेडिकल कॉलेजों में डिप्टी डायरेक्टर की नियुक्ति पर विचार
निदेशालय में वर्षों से जमे हैं कई चिकित्सक
स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल सुधार की तैयारी: मुख्यमंत्री के निर्देश पर तेज हुई प्रक्रिया
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
चिकिरसकों व एक्सपर्ट चिकित्सकों की भारी कमी के कारण समुचित इलाज में काफी कठिनाइयां भी देखने में आ रही है। आकर्षक पैकेज के बाद भी चिकित्सक नहीं मिल रहे हैं। इधऱ, निदेशालय में वर्षों से जमे एक्सपर्ट चिकित्सकों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इन चिकित्सकों को हिलाने की जहमत तक नहीं उठाई गई है।
बीते दिनों पिथौरागढ़ में कुंती देवी, दीया मर्तोलिया व चमोली के सैनिक के डेढ़ साल के पुत्र शिवांग की समुचित इलाज के अभाव में मौत हो गयी थी। ऐसी ही कई घटनाओं ने स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
इधऱ, शनिवार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने सचिव स्वास्थ्य व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य तंत्र की समीक्षा की। उन्होंने जिला चिकित्सालयों सहित प्रमुख अस्पतालों में हेल्प डेस्क की स्थापना और वहाँ पीआरओ की अनिवार्य तैनाती के निर्देश दिए, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को समुचित सहायता मिल सके।
प्रमुख सचिव ने जिला प्रशासन के माध्यम से जिला एवं उप-जिला चिकित्सालयों में रोस्टर के आधार पर एक जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, आयुष्मान योजना के अंतर्गत कार्यरत ‘आयुष्मान मित्रों’ की कार्यप्रणाली को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता जताई।
स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुदृढ़ करने हेतु प्रमुख सचिव ने राज्य में स्वास्थ्य आयुक्त की नियुक्ति पर भी विचार करने को कहा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग से एक विस्तृत, सुसंगत और स्पष्ट प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
मेडिकल कॉलेजों में एम्स की तर्ज पर डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के पद सृजित करने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने अस्पतालों में भीड़ नियंत्रण व मरीजों की सुविधा हेतु ओपीडी स्लॉट की ऑनलाइन बुकिंग व्यवस्था को मजबूत बनाने के निर्देश भी दिए।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. शिखा जंगपांगी और निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना उपस्थित रहे।

