आईसीसीओएन 2025 का देहरादून में शुभारंभ
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। भारतीय वन्यजीव संस्थान में आयोजित भारतीय संरक्षण सम्मेलन (ICCON 2025) का उद्घाटन केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन 27 जून तक चलेगा, जिसमें देशभर से आए सैकड़ों छात्र, शोधकर्ता, वन अधिकारी और संरक्षण विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन की शुरुआत आयोजन सचिव डॉ. बिलाल हबीब के स्वागत भाषण से हुई। पहले सत्र में IISER त्रिवेंद्रम की प्रोफेसर डॉ. हेमा सोमनाथन ने मधुमक्खियों की संवेदी और संज्ञानात्मक पारिस्थितिकी पर व्याख्यान दिया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने बताया कि:
2014 में भारत में 47 बाघ अभयारण्य थे, जो अब बढ़कर 58 हो गए हैं।
रामसर साइट्स की संख्या 2014 में 25 थी, जो अब 91 हो चुकी है।
उन्होंने मिष्ठी, अमृत धरोहर और ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम जैसी पहलों को पारंपरिक ज्ञान, तकनीक और समुदाय आधारित विकास मॉडल का उदाहरण बताया। मंत्री ने ‘बाघ अभयारण्य के बाहर बाघ’ जैसी नई चुनौतियों का भी उल्लेख किया और कहा कि सरकार इनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।

वन महानिदेशक सुशील कुमार अवस्थी ने सम्मेलन को संरक्षण के क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित और समावेशी नीति निर्माण का मंच बताया। संस्थान के निदेशक वीरेंद्र तिवारी ने इसे भारत के संरक्षण लोकाचार का प्रतीक करार दिया। आयोजन में डॉ. रुचि बडोला की भूमिका भी उल्लेखनीय रही।

