सूचना अनुरोध पत्र की सभी सूचनायें प्रेषित होने तक प्रथम अपील का निस्तारण न करें अधिकारी
सामान्य प्रशासन विभाग में ’दीपक तले अंधेरा’ की टिप्पणी करते हुये अधिकारियों को कड़ी चेतावनी जारी
उत्तराखंड राज्य सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने नदीम उद्दीन की द्वितीय अपील पर सुनवाई में अपनाया कड़ा रुख
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। प्रथम अपीलीय अधिकारी लोक सूचना अधिकारी को सूचना दिये जाने हेतु निर्देशित करें व तब तक अपील का निस्तारण न करें जब तब कि अनुरोध पत्र की सभी दी जाने वाली सूचनायें प्रेषित न कर दी जायें।
मुख्य सचिव के शासनादेश सं0 231 के उक्त प्रावधान का उल्लेख करते हुये प्रदेश में सूचना अधिकार क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा ही नियमानुसार कार्यवाही न करने को ’दीपक तले अंधेरा’ के समान बताते हुये तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी/अनुभाग अधिकारी तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी/उपसचिव को कड़ी चेतावनी राज्य सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र द्वारा जारी की गयी है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अपने 01-10-2021 के सूचना प्रार्थना पत्र से उत्तराखंड में मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति तथा उत्तराखंड सूचना आयोग की वार्षिक रिपोर्ट पर कार्यवाही व विधानसभा के समक्ष रखे जाने से सम्बन्धित सूचनायें सामान्य प्रशासन विभाग के लोक सूचना अधिकारी से मांगी थी। वांछित सूचना न प्राप्त होने पर प्रथम अपील अपील की गयी इसका नियमानुसार निपटारा न करने व इस पर भी सूचनायें न उपलब्ध कराने पर उत्तराखंड सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत की गयी।
उत्तराखंड सूचना आयोग ने अपील सं0 36399 की सुनवाई 22-03-2023 को राज्य सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र के समक्ष हुई। राज्य सूचना आयुक्त ने तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी/अनुभाग अधिकारी रमेश चन्द्र नित्वाल, को सूचना का अधिकार अधिनियम के अनुपालन में त्रुटियों के लिये कठोर चेतावनी निर्गत की कि भविष्य में इस प्रकार की त्रुटियों की पुनरावृत्ति न की जाये, यदि इस प्रकार की त्रुटियों की पुनरावृत्ति की गयी तो उनके विरूद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत प्रावधानित कार्यवाही की जायेगी। साथ ही उन्हें यह भी निर्देशित किया जाता है कि भविष्य में सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त प्रकरणों का समयान्तर्गत एवं नियमानुसार निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
विपिन चन्द्र ने विभागीय अपीलीय अधिकारी द्वारा अपीलीय आदेश पारित न करने पर तत्कालीन विभागीय अपीलीय अधिकारी/उपसचिव सामान्य प्रशासन विभाग कवीन्द्र सिंह को कठोर चेतावनी निर्गत की है कि भविष्य में सूचना अधिकार अधिनियम की अपीलों को नियमानुसार निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
विपिन चन्द्र ने मुुख्य सचिव द्वारा जारी शासनादेश संख्या 231 दिनांक 17 फरवरी 2016 का उल्लेख करते हुये स्पष्ट किया कि प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी, प्रथम अपील के निस्तारण में 15-15 दिन की तारीखें लगाकर लोक सूचना अधिकारी को सूचना दिये जाने हेतु निर्देशित करंे व तब तक अपील का निस्तारण न करें जब तक कि अनुरोध पत्र की सभी सूचनायें प्रेषित न कर दी जाये। उक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
इस अपील का भी निस्तारण अगले 45 दिन में करते हुये कृत कार्यवाही से अगली सुनवाई तिथि (11 मई 2023) से पूर्व आयोग को अवगत कराना सुनिश्चित करने के आदेश दियेे है।
विपिन चन्द्र ने अपने उक्त आदेश में स्पष्ट लिखा है कि सामान्य प्रशासन विभाग ही सूचना का अधिकार अधिनियम क्रियान्वित करने के लिये जिम्मेदार हैं किन्तु वे स्वयं ही सूचना के अधिकार का सही क्रियान्वयन नहीं कर रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की इस प्रकरण में की गयी कार्यवाही ’दीपक तले अंधेरा’ के समान है। इस आदेश की प्रति विभाग के सचिव को इस आशय से प्रेषित की जाती है कि वह विभाग में अधिनियम के पूर्व/सही क्रियान्वयन हेतु सख्त आदेश जारी करना सुनिश्चित करें जिससे सूचना का अधिकार अधिनियम का विधि व्यवस्था के अनुसार क्रियान्वयन किया जा सके।
Total Hits/users- 30,52,000
TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245