फ्रीडम फाइटर की विवाहित पुत्रियों के बच्चों के प्रमाण पत्र के बाबत सूचना आयोग के निर्देश

राज्य सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने एक मामले की सुनवाई में अपर सचिव गृह को भेजे पत्र में कहा कि इस बाबत सभी डीएम स्पष्ट आदेश दिए जायँ

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। राज्य सूचना आयोग ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों / उत्तराधिकारियों (विशेषकर विवाहित पुत्रियों के बच्चों) के प्रमाण-पत्रों के बनाने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए शासन को स्पष्ट आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला किया।

सूचना आयुक्त ने अपर सचिव गृह को कहा है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों / उत्तराधिकारियों (विशेषकर विवाहित पुत्रियों के बच्चों) द्वारा बनाये जाने वाले प्रमाण-पत्रों के संबंध में अपने स्तर से सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट आदेश / शासनादेश जारी करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि यह समस्या अपीलार्थी की ही नहीं बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों / उत्तराधिकारियों और विशेष रूप से विवाहित पुत्री के बच्चों की, जिनके विवाहोपरान्त मूल पता परिवर्तित होता है, की भी है। अतः इसका निराकरण करने के लिए उत्तराखण्ड शासन द्वारा एक उचित निर्णय / आदेश जारी किया जाना उचित है।”

आयोग द्वारा अपर सचिव गृह, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून को इस आशय से आदेश की प्रति प्रेषित की गयी है ।

राज्य सूचना आयुक्त विपिन चंद्र घिल्डियाल

यह है पूरा मामला

समक्ष:

विपिन चन्द्र, मा० राज्य सूचना आयुक्त, उत्तराखण्ड सूचना आयोग

  • उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या-09/XX (5)/20-18(स्व०सं० से०) / 2004 गृह अनुभाग-6 देहरादून दिनांक 22 जुलाई 2020 क्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुत्री के बच्चों को भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित / उत्तराधिकारी माना है, किन्तु विवाहित पुत्री के बच्चों का प्रमाण पत्र कहाँ से बनाया जाना इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं है।

श्री कैलाश चन्द्र पाण्डेय, निवासी ग्राम व पोस्ट लोकमणीपुर (सिगडी), कोटद्वार, जनपद पौड़ी गढ़वाल द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों / उत्तराधिकारियों (विशेषकर विवाहित पुत्रियों के बच्चों) द्वारा को देय प्रमाण-पत्रों को बनाये जाने के संबंध में उप जिलाधिकारी, कोटद्वार के माध्यम से जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण-पत्र जारी करने का निवेदन किया गया, किन्तु जिलाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल द्वारा टिप्पणी की गयी कि “श्री कैलाश चन्द्र पाण्डेय के नाना स्व० जगन्नाथ दुर्गापाल पुत्र स्वo ईश्वरीदत्त दुर्गापाल ग्राम मल्ली सिनौली, पो० प्यूड़ा, रामगढ़ जिला नैनीताल के निवासी थे.” जिस कारण उनका प्रमाण पत्र पौड़ी जनपद में नहीं बनाया जा सकता है।

जिलाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल से प्राप्त सलाह के अनुसार अपीलार्थी द्वारा जिलाधिकारी, नैनीताल के सम्मुख ऑनलाईन फार्म भर कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र जारी करने का प्रयास किया गया, किन्तु अपीलार्थी का वर्तमान पता कोटद्वार होने के कारण प्रार्थना पत्र मान्य नहीं रहा। उपरोक्त स्थिति में भरसक प्रयास करने के बाद भी अपीलार्थी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र पाने में असमर्थ रहा तथा मात्र कठपुतली बनकर रह गया।

अपीलार्थी ने उक्त प्रकरण का संज्ञान उत्तराखण्ड शासन को भी दिया, किन्तु शासन स्तर से भी इस पर कोई संवेदनशीलता नहीं दर्शायी गयी और इस विषय में कोई कार्यवाही नहीं हुयी, जिस कारण अपीलार्थी को मजबूर होकर आयोग में द्वितीय अपील दायर करनी पड़ी।

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राज्य सूचना आयोग का फैसला

“शासनादेश द्वारा स्पष्ट रूप से विवाहित पुत्री के बच्चों का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रमाण पत्र बनाये जाने सम्बन्धी स्पष्ट शासनादेश शासन स्तर से सभी जिलाधिकारियों को जारी होना चाहिए। यह समस्या अपीलार्थी की ही नहीं अपितु अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों / उत्तराधिकारियों और विशेष रूप से विवाहित पुत्री के बच्चों की, जिनके विवाहोपरान्त मूल पता परिवर्तित होता है, की भी है। अतः इसका निराकरण करने के लिए उत्तराखण्ड शासन द्वारा एक उचित निर्णय / आदेश जारी किया जाना उचित है।”

आयोग द्वारा अपर सचिव गृह, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून को इस आशय से आदेश की प्रति प्रेषित की गयी है कि वे उक्त प्रकरण का संज्ञान लेते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों / उत्तराधिकारियों (विशेषकर विवाहित पुत्रियों के बच्चों) द्वारा बनाये जाने वाले प्रमाण-पत्रों के संबंध में अपने स्तर से सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट आदेश / शासनादेश जारी करना सुनिश्चित करें।

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