कांवड़ मेला -साम्प्रदायिक तत्वों पर कड़ी निगरानी

ड्रोन, CCTV, QRT और अंतरराज्यीय समन्वय के साथ उत्तराखंड पुलिस पूरी तरह अलर्ट

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। श्रावण मास के दौरान आयोजित होने वाले कांवड़ मेला 2025 की तैयारियों को लेकर पुलिस मुख्यालय  में डीजीपी दीपम सेठ की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित विभिन्न जिलों के पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

डीजीपी ने कहा कि कांवड़ मेला एक विशाल धार्मिक आयोजन है, जिसकी शांति, सुरक्षा और सुव्यवस्थित संचालन उत्तराखंड पुलिस की प्राथमिकता है।

डीजीपी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:

▪️ सुरक्षा प्रबंधन: संवेदनशील, अतिसंवेदनशील और अतिभीड़ वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां पर्याप्त संख्या में अनुभवी पुलिस बल, रिज़र्व टीमें व महिला पुलिस तैनात की जाए। संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए एटीएस, बम डिस्पोजल यूनिट और खुफिया इकाइयां रणनीतिक बिंदुओं पर सक्रिय रहें।

▪️ यातायात नियंत्रण व मार्ग व्यवस्था: मुख्य मार्गों, कांवड़ रूट, वैकल्पिक रास्तों व पार्किंग स्थलों के लिए स्पष्ट ट्रैफिक प्लान बने, जिसका प्रचार सीमावर्ती राज्यों में फ्लैक्स, होर्डिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से हो। भारी वाहनों के डायवर्जन, अस्थायी पुलिस चौकियों, मोबाइल पेट्रोलिंग व पैदल और डाक कांवड़ियों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किए जाएं।

▪️ तकनीकी निगरानी: CCTV, ड्रोन और बॉडी वॉर्न कैमरों की मदद से प्रमुख स्थलों की 24×7 निगरानी हो। मेला नियंत्रण कक्ष में क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) निरंतर सक्रिय रहे। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रमाणिक जानकारी दी जाए और किसी भी अफवाह या आपत्तिजनक सामग्री पर तत्काल कार्रवाई हो।

▪️ जनसहयोग और मूलभूत सेवाएं: श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, चिकित्सा, मोबाइल टॉयलेट, रात्रि विश्राम स्थल, शिविर व धर्मशालाओं की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन से समन्वय में हो। ठहरने वालों का सत्यापन अनिवार्य किया जाए। हरिद्वार में अत्यधिक भीड़ की स्थिति में अन्य घाटों को वैकल्पिक रूप से प्रचारित किया जाए।

▪️ अंतरराज्यीय समन्वय और आपात तैयारी: सीमावर्ती जिलों और राज्यों के पुलिस अधिकारियों से समन्वय बैठकें हों। इंटेलिजेंस इनपुट्स पर तत्काल SOP लागू हो। ड्रेस रिहर्सल, मॉक ड्रिल और आपदा प्रबंधन टीमें पहले से तैनात रहें। हरकी पैड़ी, नीलकंठ मंदिर, रेलवे स्टेशन और बस अड्डा जैसे स्थानों पर विशेष सुरक्षा योजना और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लागू हो।

▪️ कानून व्यवस्था और नैतिक नियंत्रण: मांस, शराब और मादक पदार्थों की बिक्री पर संवेदनशील क्षेत्रों में पूर्ण प्रतिबंध लागू हो। श्रद्धालुओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो और असामाजिक या साम्प्रदायिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।

डीजीपी ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड पुलिस शांति, सुरक्षा और समन्वय के साथ कांवड़ मेला 2025 के सफल संचालन हेतु पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है।

उपस्थित अधिकारीगण:


अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था – वी. मुरुगेशन,
अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन – ए.पी. अंशुमान,
पुलिस महानिरीक्षक पीएंडएम – विम्मी सचदेवा,
पुलिस महानिरीक्षक पीएसी – नीरू गर्ग,
पुलिस महानिरीक्षक फायर – मुख्तार मोहसिन,
पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात – नारायण सिंह नपलच्याल,
पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ – अरुण मोहन जोशी,
पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल रेंज – राजीव स्वरुप,
पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था – धीरेन्द्र गुंज्याल,
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून – अजय सिंह,
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार – परमेन्द्र डोभाल,
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ – नवनीत सिंह,एसपी पंकज गैरोला
तथअन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

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