लगभग तीन दर्जन विभाग ही वित्त विभाग को दे पाए बजट सम्बन्धी मांग प्रस्ताव
पांच दर्जन विभागों ने स्वीकृत व कार्यरत पदों का विवरण शासन को नहीं भेजा
वित्त सचिव ने 2024-25 के बजट प्रस्तावों पर की विभागवार समीक्षा
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट निर्माण की प्रक्रिया को लेकर कई विभाग काफी सुस्त नजर आ रहे हैं।
अभी तक 100 विभागाध्यक्षों में सिर्फ 40 विभागाध्यक्षों ने ही शासन को बजट से सम्बंधित मांग प्रस्ताव दिए हैं। वित्त सचिव ने इस विभागीय लापरवाही पर नाराजगी भी जताई।
माध्यमिक शिक्षा, आयुर्वेद, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, ईएसआई, न्याय विभाग सहित लगभग 40 विभागों ने शासन के निर्देशों की अनदेखी करते हुए बजट सम्बन्धी मांगे पेश नहीं की।
गुरुवार को वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने सचिवालय विभिन्न विभागों की ओर से प्राप्त बजट प्रस्तावों की समीक्षा की।
वित्त सचिव ने कहा कि वित्त विभाग द्वारा विभागों को 15 दिसम्बर, 2023 तक अपनी मांग वित्त विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये थे। अभी तक 100 विभागाध्यक्षों के सापेक्ष 40 विभागाध्यक्षों की ओर से ही बजट मांग प्रस्ताव दिए गए।
शेष 60 विभाग की ओर से स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का विवरण नहीं भरा गया है। स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का सही विवरण नहीं भरे जाने की वजह से वित्तीय प्रबंधन की समुचित मॉनीटरिंग नहीं की जा सकती है । इससे अपव्यय की आशंका बनी रहती है।
स्वीकृत व कार्यरत पदों की सटीक व शत प्रतिशत जानकारी भरे जाने के बाद ही यह सुनिश्चित हो सकेगा कि राजकोष से आहरित होने वाले वेतन के सापेक्ष पदों की सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है।
विभागीय सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि वित्त विभाग द्वारा बीते 6 माह से स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का डेटा एकत्रित कर उसे कोषागार के आईएफएमएस पोर्टल पर एकीकृत करने का कार्य किया जा रहा है। फिर भी विभागों द्वारा उदासीनता बरती जा रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-2025 के बजट मांग करने से पूर्व यह शर्त लगाई गई थी कि विभागाध्यक्ष को पहले स्वीकृत व कार्यरत पदों का सटीक व शतप्रतिशत विवरण भरना अनिवार्य है।
उन्होंने निर्देश दिये कि भविष्य में कोई भी विभागाध्यक्ष अथवा आहरण-वितरण अधिकारी अपने स्तर से, यदि स्वीकृत पद के सापेक्ष तैनातियां नहीं की गयी हैं, उनका वेतन आहरित नही कर पाएंगे।
साथ ही वेतनमान, प्रोन्नति एंव ससमय पेंशन प्राप्त करने में अधिकारियों एवं कार्मिकों को कठिनाई न हो इस हेतु आईएफएमएस पोर्टल के माध्यम से इसकी निरन्तर समीक्षा की जायेगी।
उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि आठ हजार पदों की सूचना विभाग के स्तर पर संरक्षित नही होने के कारण उपलब्ध नहीं है।
उनके द्वारा विशेष छूट देने के लिए अनुरोध किया गया था जिसे स्वीकार नही किया गया है और उन्हें त्वरित कार्यवाही करते हुए पूर्ण व सही सूचना अविलम्ब भरने के निर्देश दिये गये हैं।
वित्त सचिव की बैठक में विभागाध्यक्ष आयुर्वेद की ओर से किसी भी अधिकारी ने हिस्सा नहीं लिया। यहीं नहीं, विभागाध्यक्ष के स्तर पर पदों की सूचना भी अंकित नहीं की गयी है।
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