अब उनके कंधे पे बस्ता और हाथ में होगी कलम
” ऑपरेशन मुक्ति” अभियान के तहत जनपद देहरादून पुलिस द्वारा कूडा बीनने / भिक्षावृत्ति में लिप्त 06 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूल में दाखिला करवाया
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। . ..अब इन बच्चों के हाथ में किताबें होंगी। कूड़ा बीनने वाला थैला नहीं। ‘ऑपरेशन मुक्ति’ अभियान के तहत देहरादून पुलिस ने सड़क पर कूड़ा बीनने व भीख मांग रहे छह बच्चों का स्कूल में दाखिला करवा दिया।
गौरतलब है कि बीते सोमवार को ऑपरेशन मुक्ति टीम व जिला टास्क फोर्स ने कोतवाली नगर क्षेत्रान्तर्गत प्रिंस चौक और राजा रोड़ पर 6 बच्चे बच्चे कूड़ा बीनते / भिक्षावृत्ति करते हुए मिले ।
इन बच्चों को रेस्क्यू कर मेडिकल परीक्षण के लिए कोरोनेशन हॉस्पिटल ले जाया गया । इसके बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया। समिति ने 6 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया ।
ऑपरेशन मुक्ति अभियान के तहत मंगलवार को ऑपरेशन मुक्ति टीम ने बच्चों के माता- पिता से मुलाकात की। माता-पिता ने बताया कि हम मजदूरी कर के अपना पेट पालते हैं । बेहद गरीबी के कारण हम बच्चों को स्कूल में भी पढ़ाने में असमर्थ है।

टीम ने ऑपरेशन मुक्ति की जानकारी देते हुए शिक्षा के मह्त्व के सम्बन्ध में बताया गया कि अपने बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा दें । सभी बच्चों का इनके माता- पिता के सहयोग से देहरादून के रा0प्रा0वि0 अजबपुर कलां में दाखिला कराया गया । बच्चों के माता-पिता व आस-पास में रहने वाले व्यक्तियों द्वारा प्रशंसा की गयी।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में “ भिक्षा नहीं शिक्षा दें” की थीम पर भीख मांगने, कूड़ा बीनने, बाल मजदूरी आदि में लिप्त एवं शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूली शिक्षा की ओर अग्रसर करते हुये उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए “ ऑपरेशन मुक्ति ” अभियान चलाया जा रहा है ।
पुलिस उपमहानिरीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुँवर , पुलिस उपाधीक्षक नगर / नोडल अधिकारी ऑपरेशन मुक्ति नीरज सेमवाल इस अभियान को संचालित कर रहे हैं।


