हल्द्वानी का बनभूलपुरा दंगा केस
अविकल उत्तराखण्ड
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में बनभूलपुरा दंगे के प्रमुख आरोपी अब्दुल मलिक, अब्दुल मोइद और अन्य की जमानत याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने सुनवाई के बाद मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक और अब्दुल मोइद की जमानत याचिका खारिज कर दी, जबकि आरोपित निजाम और शारिक सिद्दीकी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।
आरोपियों और सरकार की दलीलें
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि उनका दंगे से कोई संबंध नहीं है और उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। घटना के बाद से वे जेल में बंद हैं, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। कोर्ट ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद दो आरोपियों को जमानत पर रिहाई का आदेश दिया।
सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि मुख्य साजिशकर्ता और अन्य के खिलाफ सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, इसलिए आरोपियों को वहीं जमानत के लिए जाना चाहिए। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि चार्जशीट तय समय में दाखिल नहीं हुई, इसलिए उन्हें डिफॉल्ट बेल मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि बनभूलपुरा दंगे में कई आम नागरिक और सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ था। इस मामले में अब तक 50 से अधिक आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जबकि मुख्य आरोपी और उसके करीबी अभी जेल में हैं।
Pls clik
हाईकोर्ट ने पूछा, प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था क्यों चरमरा गई ?

