मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने मंगलवार को जारी किए आदेश
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। मंगलवार को श्रीनगर के पास चार साल की बालिका का शिकार करने वाले गुलदार को मारने के आदेश दिए गए हैं । डा० समीर सिन्हा प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) / मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की ओर से यह आदेश जारी किए गए।
देखें आदेश
प्रभागीय वनाधिकारी, गढ़वाल वन प्रभाग, पौड़ी द्वारा अपने पत्रांक-922 / 6-3-1, दिनांक 05 सितम्बर, 2023 से अवगत कराया गया है कि वन प्रभाग की पौड़ी रेंज, नागदेव के अन्तर्गत ग्राम ढिक्वाल गांव कटूलस्यू, पो० श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल में गुलदार द्वारा एक बालिका, आयु लगभग 04 वर्ष को दिनांक 05 सितम्बर 2023 को घर के आंगन से झपटा मारा गया, जिसमें बालिका की मृत्यु हो गई। घटना की जानकारी प्राप्त होते ही वन कर्मियों की टीम तत्काल मौके पर पहुँच गई। गुलदार द्वारा अन्य किसी अप्रिय घटना की सम्भावना है। प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा घटनाक्रम से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराये जाने पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा गुलदार को पिंजरा लगाकर पकड़ने की अनुमति दूरभाष पर तत्काल दी गयी। प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा अपने पत्रांक 930/6-3-1 दिनांक 05 सितम्बर, 2023 से अवगत कराया गया है कि घर के आंगन में गुलदार द्वारा बालिका को मारे जाने से ग्रामीणों में भय एवं आक्रोश का माहौल है। तथा प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा किसी अन्य अप्रिय घटना को रोकने के दृष्टिगत गुलदार को नष्ट करने की अनुमति चाही गई है। अधोहस्ताक्षरी द्वारा प्रभागीय वनाधिकारी से वार्ता कर गुलदार एवं क्षेत्र की परिस्थितियों के सम्बन्ध में पूर्ण विवरण प्राप्त किया गया।
तदक्रम में प्रभागीय वनाधिकारी के उल्लिखित पत्र के क्रम में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 की धारा 11 (1) क से प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी, गढ़वाल वन प्रभाग, पौड़ी को उक्त क्षेत्र में गुलदार को पिंजरा लगाकर पकड़ने की औपचारिक अनुमति तथा पिंजरे में पकड़ में न आने पर ट्रैक्युलाईज कर पकड़ने की अनुमति प्रदान की जाती है। गुलदार को पकड़ने के सम्पूर्ण प्रयासों के उपरांत भी पकड़ में न आने की दशा में अंतिम विकल्प के रूप में गुलदार को नष्ट करने की अनुमति निम्न प्रतिबन्धों के अन्तर्गत प्रदान की जाती हैं:-
- इस कार्यालय के पत्रांक 179/6-28 दिनांक 25 जुलाई 2022 एवं 203 /6-28, दिनांक 27 जुलाई 2022 द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन करना सुनिश्चित करेगें । 2. क्षेत्र में कैमरा ट्रैप तथा पी०आई०पी० के माध्यम से गुलदार की निगरानी की जाये। यथासंभव
ड्रोन द्वारा भी क्षेत्र में निगरानी रखी जाये। 3. यह आज्ञा जारी होने के दिनांक से 01 माह तक वैध रहेगी और इस अवधि के उपरान्त स्वतः समाप्त हो जायेगी।
- उक्त आदेश पर कृत कार्यवाही की सूचना तत्काल इस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय एवं यदि उक्त 01 माह की समयावधि के भीतर कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है तो उसकी सूचना अवधि समाप्त होने की तिथि के अगले कार्यालय दिवस में आवश्यक रूप से इस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
- गुलदार को पकड़ने के उपरान्त तत्काल इस कार्यालय को सूचित किया जाये, ताकि गुलदार के सम्बन्ध में अग्रेत्तर निर्देश दिये जा सके।
(डा० समीर सिन्हा) प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) / मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड ।
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