प्रेम के बिगड़े बोल के बाद उपजे संकट से पंचायत चुनाव के दावेदार बैकफुट पर

सीएम धामी की नई टीम पर मंथन जारी,दावेदार अलर्ट मोड पर

पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे भाजपा दावेदार पसोपेश में

पूर्व सैनिक,महिलाएं व युवाओं की हुंकार से माहौल बदला

अविकल थपलियाल

देहरादून। एक बार फिर दिल्ली समेत राज्य के एक बड़े हिस्से में विपक्षी दल, पूर्व सैनिक, संगठन और जनता का एक बड़ा हिस्सा सड़क पर है। शहरों से शुरू हुए विरोध की लपटें गांवों की सरहद तक पहुंच गई है।

सीएम धामी के मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के बिगड़े बोल के बाद और उससे पहले कुछ भाजपा नेताओं के वॉयरल बयान से और भी भड़के आक्रोश के बाद स्थिति और भी बेकाबू होती चली गयी।

राज्य आंदोलन की रीढ़ रहीं महिलाएं,युवा और पूर्व सैनिकों की त्रिवेणी की हुंकार के बाद भाजपा नेतृत्व नये फार्मूले को अमलीजामा पहनाने की जुगत में है।

अभी तक अपने संयत बोल से संतुलन बना कर चल रहे सीएम धामी ने पार्टी नेताओं समेत अन्य को भेदभाव फैलाने वाले किसी भी वक्तव्य पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

बहरहाल, मंत्री प्रेम चंद के सदन में दिए गए बयान के बाद स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी का बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला को दी गयी ‘नसीहत’ के बाद स्थिति और भी बिगड़ गयी।

बहरहाल, पर्वतीय जिलों से लेकर दिल्ली के प्रवासी उत्तराखंडी अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं। उत्तराखंडियों पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद पूर्व सैनिक भी लामबंद होकर भाजपा नेताओं के खिलाफ आग उगल रहे हैं।

देखें सीएम धामी का स्टैंड

प्रस्तावित पंचायत चुनाव में भड़की आग भी असर दिखाएगी। भाजपा उम्मीदवारों को अपने नेताओं के बिगड़े और बड़े बोल का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

मौजूदा उपजे राजनीतिक व सामाजिक हालात के बाद पहाड़ी जनता का हो रहा एकमुश्त ध्रुवीकरण भाजपा पंचायत चुनाव के संभावित उम्मीदवारों की धड़कन बढ़ाये हुए है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे सम्भावित भाजपा उम्मीदवार को स्थानीय स्तर पर विपक्ष व विभिन्न संगठनों की जली कटी सुननी पड़ रही है। उनके पार्टी नेताओं के खिलाफ लग रहे नारे और बारम्बार पुतला दहन कार्यक्रम ने भाजपा के रणनीतिकारों की नींद उड़ा दी है।

मंत्री प्रेम की मन्त्रिमण्डल से बर्खास्तगी को लेकर भी जनता ने दबाव बनाया हुआ है। इस राजनीतिक व सामाजिक संकट से भाजपा को हो रहे तात्कालिक नुकसान की भरपाई के विकल्पों पर पार्टी स्तर पर मंथन व कवायद जारी है।

..जाने अब क्या होगा

धामी कैबिनेट के पुनर्गठन के बाद ही इस बढ़ रहे तूफान की रफ्तार को कम किया जा सकता है। भाजपा नेतृत्व नये मंत्रियों के नामों को तलाश रहा है। इस राजनीतिक आपदा के दौर को कुछ विधायक अवसर के तौर पर देख रहे हैं।


कड़े स्टैंड का मन बना चुके सीएम धामी किन विवादित चेहरों की छुट्टी कर अन्य विधायकों को मौका देकर जन आक्रोश की धधक रही आग पर पानी डालते हैं। निकट भविष्य में आने वाली नई टीम के बाद पंचायत चुनाव से पूर्व लगे 440 वोल्ट के करंट से झुलसी भाजपा को भी नये चार्जर से पावर मिलने की उम्मीद है।

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