ऊर्जा, पर्यटन में निभाई जिम्मेदारी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून।
उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) के तकनीकी सदस्य पद पर प्रभात कुमार डिमरी की नियुक्ति की है। वर्तमान में UERC में निदेशक (तकनीकी) पद पर कार्यरत डिमरी ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्रों में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं।
UERC में तकनीकी सदस्य का पद कुछ समय से रिक्त था, जिसके लिए सरकार ने देशभर से योग्य तकनीकी विशेषज्ञों से आवेदन आमंत्रित किए थे। इन आवेदनों में से जोशीमठ निवासी, ऊर्जा, पर्यटन और प्रबंधन क्षेत्र में समृद्ध अनुभव रखने वाले प्रभात डिमरी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।
जोशीमठ के पाखी गांव से शुरू हुआ सफर
चमोली जिले के जोशीमठ तहसील स्थित छोटे से गांव पाखी में जन्मे डिमरी का जीवन सादगी, सेवा और संकल्प से प्रेरित रहा है। उन्होंने वर्ष 1986 में गोपेश्वर पी.जी. कॉलेज से स्नातक और 1992 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके साथ ही एलएलबी, एमबीए (फाइनेंस) और इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन में एडवांस सर्टिफिकेट जैसे पाठ्यक्रमों से अपने ज्ञान को और समृद्ध किया।
डिमरी ने उच्च शिक्षा के उपरांत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रस्तावों को ठुकराकर राज्य में कार्य करने का निर्णय लिया। उनका कार्यकाल कई अहम जिम्मेदारियों और सफल योजनाओं से जुड़ा रहा है:
गढ़वाल मंडल विकास निगम (1996–2005): जोशीमठ-औली रोपवे, चेयरलिफ्ट और स्की लिफ्ट परियोजनाओं में नेतृत्व किया।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम (2005–2008): अधिशासी अभियंता के रूप में चीला पावर हाउस में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया।
UERC (2008–2023): उपनिदेशक से निदेशक (तकनीकी) तक का सफर तय करते हुए आयोग का स्थायी भवन तैयार कराया और राज्यभर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया।
डिमरी ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों जैसे धारचूला, मुनस्यारी, हर्षिल, मोरी आदि में जाकर उपभोक्ताओं की समस्याएं सुनने और समाधान के प्रयास किए। उनका विशेष ध्यान पर्वतीय क्षेत्रों के समावेशी विकास और ग्रीन टूरिज्म को बढ़ावा देने पर रहा है।
जोशीमठ-औली रोपवे जैसे प्रोजेक्ट को आधुनिक व्यावसायिक मॉडल में संचालित कर उन्होंने पर्यावरण और पर्यटन के बीच संतुलन का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
उनकी नियुक्ति पर जिले की जनता ने सीएम धामी।का आभार जताया है।

