अंकिता के माता- पिता कई दिन से सरकारी वकील को हटाने की कर रहे थे मांग
अंकिता के परिजनों ने अब 17 जुलाई से प्रस्तावित धरना स्थगित किया
पौड़ी के नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर रखने की मांग
अविकल उत्तराखंड
देहरादून / बहुचर्चित वंतरा रिजॉर्ट रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी हत्याकांड में सरकारी वकील ने खुद को इस केस से अलग कर लिया है l सरकारी वकील को हटाने की मांग को लेकर आत्मदाह और धरना देने की चेतावनी दे चुके Ankita Bhandari के परिजनों ने 17 जुलाई को इसी क्रम में प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया है l
पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया, “सरकारी वकील के केस से खुद हटने पर अंकिता के परिजनों ने 17 जुलाई को प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया” ।
उन्होंने जिला प्रशासन व मुख्यमंत्री का आभार जताया। अंकिता के परिजनों ने एक जून को पहली बार जिला प्रशासन से वकील को केस से हटाने की मांग की थी। वहीं डीएम ने बताया कि मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
अंकिता भंडारी के केस से सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) जितेंद्र रावत अब खुद ही पीछे हट गए हैं। उन्होंने बीते रोज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर केस से हटने की इच्छा जताई है।
शनिवार को डीएम डॉ. आशीष चौहान ने अंकिता के माता सोनी देवी व पिता वीरेंद्र भंडारी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सरकारी वकील ने केस छोड़ने का खुद निर्णय लिया है। साथ ही सोनी देवी ने पौड़ी के नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर रखने की रखने की मांग सरकार से की है।
डीएम डॉ.आशीष चौहान ने बताया उनके द्वारा व शासन स्तर पर सचिव विधि को रिपोर्ट भेज दी है। जहां से नए वकील को नियुक्त करने का फैसला लिया जाएगा।
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