जनप्रतिनिधियों के गोद लिए गांवों में भटक रहा विकास
सीएम की पहल पर तैयार होगा गांवों का समग्र विकास मॉडल
अविकल थपलियाल
देहरादून। पूर्व सीएम ,सांसदों और अन्य नेताओं के गोद लिए गांव पता नहीं किस हाल में होंगे। लेकिन भाजपा सरकार ने एक नई पहल की है। मुहिम यह कि अब वरिष्ठ अधिकारी गांव कप गोद लेंगे और विकास करेंगे।
इस बाबत 20 मई के मुख्य सचिव के जारी आदेश को सामने लाया गया है। इस आदेश के मुताबिक उत्तराखंड के सुदूरवर्ती गांवों के चतुर्दिक विकास के लिए राज्य के 40 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने अपने प्रथम नियुक्ति स्थल के गांवों को गोद लिया है। अब इन गांवों के लिए योजनाबद्ध ढंग से विकास कार्यों का खाका तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी की अपेक्षा पर ₹8700 या उससे अधिक ग्रेड-पे वाले अधिकारियों को अपने पहले कार्यक्षेत्र को गोद लेने के निर्देश दिए गए थे। इस क्रम में 20 मई 2025 को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा आदेश जारी किया गया था।
अधिकारियों ने अपने-अपने गांवों में जाकर रात्रि प्रवास किया, जनजीवन को नजदीक से समझा और विकास की प्राथमिकताओं को चिन्हित किया है।
इन प्रयासों के तहत प्रत्येक गांव के लिए अलग कार्ययोजना बनाई जा रही है, जिसमें जिला योजना, राज्य सेक्टर, वित्त आयोग और सीएसआर फंड जैसी उपलब्ध संसाधनों का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी से विकास को गति दी जा रही है।
मुख्यमंत्री का मानना है कि गांवों का सशक्तिकरण ही विकसित उत्तराखंड और विकसित भारत की आधारशिला है। यह पहल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी और टिकाऊ विकास की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।
बहरहाल, बीते 25 साल में प्रदेश के कई जनप्रतिनिधियों ने ढोल पीट पीट कर गांवों को गोद लिया था । लेकिन इन गांवों की दशा और दिशा कितने इंच आगे बढ़ी, यह भी किसी से छुपा नहीं है। गोद लिए गांवों का ‘विकास’ चुनावी मुद्दा भी बनता रहा है।
अब जनप्रतिनिधियों की इस करारी असफलता के बाद धामी सरकार के 40 बड़े अधिकारियों ने पहाड़ के बेहाल गांवों को आबाद करने का बीड़ा उठाया है। देखना यह है कि इनकी यह पहल कब तक रंग लाती है,,इंतजार रहेगा..
देखें आदेश

प्रेष्य,
प्रमुख सचिव/सचिव/अपर सचिव,
उत्तराखण्ड शासन।
राज्य योजना आयोग
देहरादूनः
दिनांक: 20 अप्रैल, 2025
विषयः राज्य सरकार के अधीन वर्तमान में सेवारत रू0 8700/- या उससे अधिक ग्रेड वेतनमान के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में अपनी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नियुक्ति के कार्यक्षेत्र को गोद लिये जाने के सम्बन्ध में।
महोदय/महोदया,
आप विदित है कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रशासकीय विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निवास कर रहे अन्तिम व्यक्ति तक पहुँचाये जाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य किये जा रहे हैं। उक्त कार्यों को और अधिक प्रभावशाली बनाये जाने हेतु राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवारत अधिकारियों (रू0 8700/- या उससे अधिक ग्रेड वेतमान) द्वारा राज्य में अपनी प्रथम नियुक्ति के कार्य क्षेत्र (विकास खण्ड/तहसील/जिला मुख्यालय) अथवा दो अधिकारियों द्वारा एक ही कार्यक्षेत्र में अलग-अलग समय में समान पदीय दायित्व के निर्वहन की स्थिति में अधिकारियों से अपनी द्वितीय एवं तृतीय नियुक्ति के कार्यक्षेत्र को गोद (adopt) लिये जाने की मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा अपेक्षा की गई है।
2- राज्य में वर्तमान में कार्यरत रू0 8700/- या उससे अधिक ग्रेड वेतमान के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियो द्वारा प्रदेश में अपनी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नियुक्ति की अवधि में स्थानीय स्तर पर किये गये विशेष कार्यक्रम / उल्लेखनीय कार्य जो स्थानीय लोगों के मध्य चर्चित रहे हैं अथवा आज भी स्मरणीय हैं. इसके दृष्टिगत उक्त कार्य क्षेत्रों में विकास कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आपके अनुभवों, जनसम्पर्कों आदि का लाभ उपयोगी होगा।
3- अधिकारियों द्वारा अपने प्रथम नियुक्ति के कार्यक्षेत्र में निम्न बिन्दुओं पर कार्यवाही अपेक्षित है-
प्रथम नियुक्ति के कार्यक्षेत्र में तत्समय से अब तक हुए बदलाव पर टिप्पणी।
उक्त कार्यक्षेत्र में यथावश्यक CSR व अन्य संसाधनों को explore करते हुए उक्त क्षेत्र के समाजार्थिक विकास में योगदान की स्थिति।
उक्त कार्यक्षेत्र में अवस्थित स्वयं सेवी संस्थाओं, सिविल सोसायटी तथा स्थानीय जनों का सहयोग प्राप्त करना।
विभिन्न संसाधनों जिसमें जिला योजना, राज्य सेक्टर, वित्त आयोग आदि से धनराशि प्राप्त होती है, के अभिष्टतम उपयोग हेतु कार्य योजना तैयार करना।
इस सम्बन्ध में आपसे अपेक्षा की जाती है कि संलग्न सूची के अनुसार आपके द्वारा राज्य में प्रथम/द्वितीय नियुक्ति के कार्य क्षेत्र को adopt करते हुए अपने स्तर पर

