वार्ता के बाद एम्स प्रशासन ने मांगे मानी
अविकल उत्तराखंड
ऋषिकेश। एम्स के उच्च अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद चिकित्सकों ने हड़ताल वापस ले ली। छेड़छाड़ प्रकरण के बाद रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर चले गए थे। और तीन दिन तक मुखर विरोध जताया था। गुरुवार को भी चिकित्सकों ने कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
गुरुवार की दोपहर जहां देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्वयं एम्स पहुंचकर हड़ताली डॉक्टरों के साथ वार्ता की थी, वंही देर शाम तक एम्स अस्पताल प्रशासन भी मामले को सुलझाने में लगा था।
इस दौरान एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों और हड़ताली रेजिडेंट्स चिकित्सकों के मध्य कई दौर की वार्ता चली। बाद में एम्स प्रशासन द्वारा डॉक्टरों की मांगों को लिखित तौर से मान लिया गया। जानकारी देते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि रेजिडेंस डॉक्टरों की लगभग सभी मांगे मान ली गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रकरण में न्यायालय में जो केस चलेगा उसका खर्चा संस्थान स्वयं वहन करेगा।
इसके अलावा इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु पुलिस द्वारा एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया है। बताया कि भविष्य में संस्थान के किसी कर्मचारी के साथ इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए विशेष प्रावधान तैयार किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि जो रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल के दौरान ड्यूटी पर नहीं थे उनके खिलाफ अस्पताल प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की जाएगी।
वार्ता के दौरान प्रभारी डीन एकेडमिक प्रोफेसर शैलेंद्र हांडू, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल और संस्थान के विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडे आदि मौजूद थे।
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