केंद्रीय मंत्री ने सीमांत वाइब्रेंट गांव मलारी से जुड़े जनमुद्दों की ली सुध

      केंद्र की वाइब्रेंट विलेज योजना का खींचा खाका, ग्रामीणों व  अधिकारियों से लिया फीडबैक

जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरा देवी के नाम पर रखा जाएगा- केंद्रीय मंत्री

नकली दवाएं बनाने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा-केंद्रीय मंत्री

अविकल उत्तराखंड

मलारी ,सीमांत गांव। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुरुवार को सीमांत वाइब्रेंट विलेज मलारी पहुंचे। गांव में केंद्रीय मंत्री ने समस्याओं पर स्थानीय ग्रामीणों से चर्चा की। और केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के बिंदुओं से ग्रामीणों को अवगत कराया।

         इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने  सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पीएम आवास, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, कोविड वैक्सीनेशन और फ्री राशन सहित बिजली पानी और मोबाइल कनेक्टिविटी की जानकारी ली।


      मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सीमांत क्षेत्र में अच्छी सड़कें, नेटवर्क क्नेक्विटीए बिजली पानी स्वास्थ्य सुविधाए बेह्तर हुई है। हेल्थ एन्ड वेलनेस सेन्टर में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। टेलेमेडिसिन के माध्यम से सीधे बडे डाक्टरों के द्वारा इलाज किया जाता है।  सभी को आयुष्मान भारत का लाभ मिल रहा है पीएम आवास मिल रहे हैं लोगों का जीवन सरल बन रहा है सभी घरों में बिजली पानी उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि धीरे धीरे पलायन कम हो रहा है। गावों में रोजगार के साधन बढाए जा रहे हैं।  पीएम मोदी के नेतृत्व में वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत इलाकों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।  लोगों में हिमालय रेंज में एडवेंचर खेलों की रुचि बढ़ रही है।

          उन्होंने कहा कि प्रयोग के तौर पर कीड़ा जडी की मंडी लगाने का सुझाव दिया।  जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरा देवी के नाम पर करने पर भी सहमति दी। उन्होंने कहा कि यहा मोबाइल क्नेक्टिीविटी में सुधार किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक जीवन उपयोगी तथा पर्यटन गतिविधियां बढाने के लिए कहा।

        वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान मलारी क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी ली।  मलारी इलाके में उगाई जाने वाली फसलों जडी बूटियों, सेब, राजमा की जानकारी हासिल की। ग्रामीणों ने बताया कि वन विलेज वन प्रोडक्ट के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जाता है यहां फल पट्टी विकसित की जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गेस्टहाउस के साथ मार्केटिंग सेंटर बनाया जाएगा। 

        केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती गाँवों को विकसित करना व गाँवों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। स्थानीय सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना है। इसके अलावा समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर.सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गाँव-एक उत्पाद की अवधारणा पर स्थायी पर्यावरण कृषि व्यवसायों का विकास करना। ग्राम पंचायतों की सहायता से जिला प्रशासन द्वारा वाइब्रेंट विलेज़ एक्शन प्लान बनाए गए हैं।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र, सीएमओ डॉ राजीव शर्मा, सीओ नताशा सिंह सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी, मलारी के प्रधान मंगल सिंह, कागा के प्रधान पुष्कर राणा, 8वी वाहिनी आईटीबीपी के कमांडेंट हफीजुला सिद्दीकी तथा स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने ग्रामीणों से मुलाकात की व उनकी समस्याएं सुनीं।  मंडाविया ने मलारी में आशा कार्यकत्रियों से भी मुलाकात की। इसके बाद मंडाविया ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत मलारी में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बातचीत की और विकास कार्यों की जानकारी ली व उनकी समीक्षा की। इस दौरान जिला चमोली के जिलाधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

मलारी पहुंचने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। इस दौरान नीति घाटी ग्राम प्रधान संगठन ने केंद्रीय मंत्री का भोजपत्र की माला पहनाकर स्वागत किया।  साथ ही स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित पंखी, कोट तथा जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने आर्गेनिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किया। स्थानीय महिलाओं ने पौण नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।

दून में जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण एवं रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को देहरादून स्थित जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि नकली दवाएं बनाने वाली किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा।  पूरे भारत में डीजीसीआई द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है और ऐसी फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री  ने  कहा कि प्रधानमंत्री आम लोगों को सस्ती और सर्व सुलभ दवा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध हैं।  उन्होंने कहा कि दवा के अभाव में किसी की मृत्यु ना हो, इसी उद्देश्य को लेकर जन औषधि केंद्र खोलने की योजना को लाया गया है।

उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र में सस्ती दवाई मिलने से आम लोगों को राहत और सुविधा मिल रही है और जन औषधि केंद्र पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जन औषधि केंद्र पर मिल रही दवा से लोगों की जरूरत के साथ उनकी आर्थिक बचत भी हो रही है।

उन्होंने बताया कि देशभर में साढ़े नौ हजार से अधिक जन औषधि केंद्र राजधानी से लेकर जिला मुख्यालय सहित विभिन्न स्थानों पर संचालित हो रहे हैं। लगभग 20 लाख लोग जन औषधि केंद्र जा रहे हैं।  मांडविया ने कहा कि एक कैंसर की दवा  बाजार में 800 सौ रुपये में मिलती है जबकि वही दवा जन औषधि केंद्र पर 137 रुपये में उपलब्ध है। दूसरी दवा सीटा गिल्बटिन 400 रुपये में बाजार में मिलती है जबकि औषधि केंद्र पर 60 रुपये में मिलती है।

उत्तराखण्ड को चारधाम यात्रा में हरसंभव मदद मिलेगी

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चार धाम यात्रा में हर संभव मदद कर्रेगी।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पूरी कोशिश रहेगी कि चार धाम यात्रा करने आए किसी भी श्रद्धालु को किसी भी प्रकार की हेल्थ सम्बन्धी दिक्कत न हो।  उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा पर तैनात चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ व अन्य कर्मियों को प्रोत्साहन भत्ता देने की भी योजना है।

मलारी रवानगी से पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ मंत्री से जीटीसी हैलीपेड पर मुलाकात भी की।

शुक्रवार को  दून में स्वास्थ्य योजनाओं का शिलान्यास

शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण एवं रसायन और उर्वरक मंत्री  मनसुख मंडाविया मुख्यमंत्री धामी के साथ मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवा सदन में स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान वह दून मेडिकल कॉलेज के नए भवन में 500 बेड क्षमता के अस्पताल सहित रूद्रप्रयाग, नैनीताल और श्रीनगर के 50-50 बेड व एक-एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास करेंगे। 

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *