यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव के सेवा विस्तार पर टिकी निगाहें

देखें वीडियो, भाजपा विधायक के बयान के बाद यूपीसीएल के एमडी के सेवा विस्तार का मामला गरमाया

इसी माह समाप्त हो रहा है एमडी का कार्यकाल, सेवा विस्तार पर राजनीति हुई तेज

चर्चा यह भी कि सेवा विस्तार को मिल चुकी है शासन की हरी झंडी!

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव के कार्यकाल के एक्सटेंशन को लेकर सोशल मीडिया से लेकर सत्ता के गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गयी है। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर हमले की तैयारी में हैं।

जबकि भाजपा विधायक विनोद चमोली ने दो टूक कहा दिया कि वे एक्सटेंशन के पक्ष में कभी नहीं रहे। दूसरों का हक मारा जाता है।

इसी माह 31 अक्टूबर को अनिल यादव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। चर्चा यह आम हो गयी है कि यादव को सेवा विस्तार मिलेगा कि नहीं। जबकि सूत्रों का कहना है कि सेवा विस्तार की पूरी संभावना है। और शासन स्तर पर सब कुछ पॉजिटिव हो चुका है।  इस बीच, यादव के कार्यों की विजिलेंस जांच और उनके पुत्र की कम्पनी के पिटकुल में करोड़ों के टेंडर लेने का मामला भी नये सिरे से गर्मा गया है।

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कुछ समय पहले बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने भी एमडी अनिल यादव पर आय से अधिक सम्पत्ति व भ्र्ष्टाचार के आरोप लगाए थे।
बॉबी ने अनिल यादव पर स्वयं, पत्नी, पुत्र और पुत्री के नाम पर आय से अधिक संपत्ति बटोरने का आरोप लगाया था। और कहा था कि भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत उन पर जांच भी बैठी थी।

इसके अलावा एडवोकेट अनिल गुप्ता ने 28 मई को दिल्ली में प्रेस वार्ता कर यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव पर करोड़ों की संपत्ति बटोरने का दावा किया।
अनिल यादव के उनके बेटे की फर्म को लेकर पटेल नगर थाने में भी केस दर्ज है और इस पर पिछले दो साल से जांच लंबित है। विजिलेंस जांच भी चल रही है।

वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला का कहना है कि मैंने खुद अनिल यादव के बेटे इशान की कंपनी द्वारा पिटकुल में 26 करोडं के टेंडर लेने संबंधी एक आरटीआई पिटकुल में लगाई। 3700 पेजों का चिट्ठा है मेरे पास। यह मामला पटेल नगर थाने का है। पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग भी उठ रही है।

चर्चित यूपीसीएल एम डी अनिल यादव के कार्यकाल विस्तार को लेकर हुए गर्म माहौल को देखते हुए सरकार उन्हें दीपावली का तोहफा देती है या जनभावनाओं का निर्णय लेती है,सभी की नजरें सरकार के फैसले पर टिकी हैं..

(एमडी अनिल यादव का लिखित पक्ष मिलने पर प्रकाशित किया जाएगा)

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