जेठ के महीने में धामी कैबिनेट में होगा बदलाव, खाका तैयार

विवादास्पद व नान परफॉर्मर मंत्रियों की होगी छुट्टी

धामी कैबिनेट में नये चेहरों को मिलेगा मौका

दायित्वों का बंटवारा भी जल्द होने की संभावना

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड भाजपा में बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। यह परिवर्तन जून माह में होने की संभावना है। जल्द ही कुछ मंत्रियों की छुट्टी होने व कुछ नये चेहरे धामी कैबिनेट में जगह बनाएंगे।

इस बदलाव के तहत कुछ विवादास्पद व नान परफॉर्मर मंत्रियों की जगह कुछ नये चेहरे धामी मन्त्रिमण्डल में शामिल किए जाएंगे।  यही नहीं, बहुप्रतीक्षित बंटने वाले दायित्वों के तहत पार्टी नेताओं को भी नयी जिम्मेदारी दी जाएगी।

पुष्ट सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक चुनाव के बाद पार्टी स्तर पर इस बदलाव का खाका तैयार कर लिया गया है।

निकट भविष्य में धामी सरकार को पहले बागेश्वर उपचुनाव,  निकाय और फिर लोकसभा की पांच सीटों के लिए  चुनावी अखाड़े में उतरना है।

धामी सरकार के लगभग सवा साल के कार्यकाल में    कुछ मंत्री अपने कार्यशैली को लेकर विशेष चर्चित रहे। इन मंत्रियों की वजह से जनता के बीच सरकार की छवि को भी विशेष धक्का लगा। ये मंत्री लोगों के बीच सकारात्मक संदेश नहीं दे पाए।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसे मंत्रियों की।परफार्मेन्स का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया गया है। हाल ही में धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चंदन रामदास के निधन के बाद से चार कुर्सियां खाली है।

पार्टी नेतृत्व ने क्षेत्रीय व जिलों के संतुलन की दृष्टि से भी नयी कैबिनेट का आकार तैयार किया है। धामी की नयी टीम में लम्बे समय से जीत रहे कुछ विधायकों को जगह मिलने की उम्मीद है।

मौजूदा समय में धामी कैबिनेट में  सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल,प्रेमचन्द अग्रवाल व गणेश जोशी गढ़वाल के पौड़ी व देहरादून जिले से ताल्लुक रखते हैं।

जबकि, रेखा आर्य व सौरभ बहुगुणा कुमाऊं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कुमाऊं से अल्मोड़ा व उधमसिंह नगर जिले को कैबिनेट में जगह मिली है।

मौजूदा कैबिनेट में क्षेत्रीय व जिलों के प्रतिनिधित्व के बीच असंतुलन भी बना हुआ है। सीमांत जिले पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी का प्रतिनिधित्व शून्य है।

केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना को गति देने के लिए सीमांत जिलों के विधायकों को मौका मिलने की संभावना है।

सूत्रों का कहना है कि जिन मंत्रियों के हटने की संभावना है उनकी जगह बेहतर छवि के भाजपा विधायकों को मौका मिलेगा। निकाय व लोकसभा चुनाव को देखते हुए मजबूत कैबिनेट की दिशा में हर पहलू पर गौर फरमाया जा रहा है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में जनता के बीच अलोकप्रिय व नान परफॉर्मर मंत्रियों की कार्यशैली से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसका सीधा असर निकाय व लोकसभा चुनाव में पड़ेगा।

इस बीच, लोकसभा व निकाय चुनाव के मद्देनजर भाजपा का महा जनसंपर्क अभियान भी शुरू होने वाला है। इसके साथ ही पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व नड्डा की चुनावी रैलियां भी प्रस्तावित है। इन कार्यक्रमों से पहले पार्टी हाईकमान धामी कैबिनेट में आमूल चूल बदलाव का ब्लू प्रिंट सार्वजनिक करने के मूड में दिख रहा है।

पार्टी नेताओं को मिलेंगे दायित्व

दायित्वों की आस लगाए बैठे पार्टी नेताओं का इंतजार भी अब खत्म होने को है। हालांकि, कुछ महीने पहले ही सीएम धामी ने पार्टी हाईकमान को दायित्वों की सूची सौंप दी थी। लेकिन कर्नाटक चुनाव में व्यस्त रहने की वजह से पार्टी नेतृत्व ने दायित्वों की सूची रोक ली।

सूत्रों के मुताबिक सीएम धामी व प्रदेश संगठन की पार्टी नेतृत्व से हुई चर्चा के बाद जून महीने में पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं को विभिन्न विभागों में दायित्व दिए जाएंगे।



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