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जी 20 की बैठक को लेकर गौ सेवा आयोग क्यों है चिंता में ? जानिए वजह - Avikal Uttarakhand

जी 20 की बैठक को लेकर गौ सेवा आयोग क्यों है चिंता में ? जानिए वजह

गौ सेवा आयोग की बैठक में सड़क पर घूमते गौ वंश समेत अन्य जानवरों को लेकर हुआ गम्भीर मंथन

गौ सेवा आयोग की बैठक में कई खास मसलों के हल के दिए निर्देश

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड में मई-जून, 2023 में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन को लेकर गौ सेवा आयोग खासा चिंतित है। शनिवार को हुई बैठक में आयोग ने कई मुद्रों पर मंथन किया। लेकिन सबसे बड़ी चिंता इस बात की रही कि जी 20 की बैठक के दौरान सड़क पर फिरते लावारिस गौ वंश समेत अन्य जानवर न दिखे। इस बैठक में देश विदेश के कई वीवीआईपी हिस्सा लेंगे।

ऐसे में आवारा घूमते पशुओं की वजह से किरकिरी का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा, सड़कों पर विचरण कर रहे सभी निराश्रित गौवंश के प्रबंधन हेतु गौशाला/शरणालयों की स्थायी व्यवस्था करने के लिए शहरी विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग को विशेष तौर पर कहा गया ।

उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेन्द्र अंथवाल की अध्यक्षता में शनिवार को कार्यकारिणी की बैठक में कई निर्णय लिए गए।

बैठक में उत्तराखण्ड गोवंश सरंक्षण अधिनियम, 2007 को और अधिक प्रभावी बनाये जाने हेतु अधिनियम की कतिपय धाराओं में संशोधन एवं आयोग में कार्मिकों का ढांचा स्वीकृत किए जाने एवं आयोग की नियमावली प्रख्यापित किए जाने संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।

आयोग को कोई भी बजट प्राप्त न होने के कारण वित्तीय संसाधनों के अभाव में दूसरी संस्थाओं पर निर्भर न रहना पड़ता है, उसके लिए हर वित्तीय वर्श में बजट प्रावधान कराने के निर्देश दिए गये। साथ ही आबकारी, भूमि क्रय एवं अन्य पर शुल्क/सेस लगाकर इससे प्राप्त होने वाली आय को गौ एवं गौवंष के सरंक्षण, संवर्धन एवं विकास के कार्यो पर व्यय किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर भी विचार किया गया।


बैठक में वनों के समीप गौचर भूमि पर निराश्रित गौवंष हेतु आदर्ष गौषाला एवं गौसदनों को आत्म निर्भर बनाये जाने हेतु गौवंष के गोबर से गैस, गमले, डण्डे (काउ डंग लॉग) दीये, अगरबत्ती आदि तथा गौमूत्र से फिनायल, गौमूत्र अर्क इत्यादि तैयार किए जाने हेतु संयत्रों/मशीनों की खरीद पर सरकार द्वारा 90ः अनुदान दिए जाने संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया ।

साथ ही गौसदनों/गौशालाओं का आर्थिक बोझ कम किए जाने के लिए विद्युत/पानी के कनेक्शन को व्यावसायिक से घरेलू कनेक्शन में परिवर्तित करने को लेकर विद्युत नियामक आयोग से गुजारिश करने का निर्णय लिया गया।


बैठक में गौवंश के प्रति अपराध पर रोक लगाने हेतु पुलिस विभाग द्वारा परिक्षेत्र स्तर पर गठित गौवंश सरंक्षण स्कवायड का प्रत्येक जनपद/थानास्तर तक विस्तारीकरण करने के निर्देश दिए गये। साथ ही राज्य में सभी गौ एवं गौवंश का पंजीकरण करने हेतु पषुपालन विभाग को निर्देश दिए गये।

सड़कों पर गौवंश छोड़ने पर संबंधित के विरूद्ध गौवंश सरंक्षण अधिनियम की धारा-7 के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही किए जाने हेतु सभी नगर निकायों/पंचायतों को निर्देश दिए गये है।


मा0 उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा 27 अक्टूबर 2016 व 10 अगस्त 2018 को पारित आदेश में राज्य के सभी नगर निकायों द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायतों द्वारा 25-25 ग्रामों के समूह में एक-एक गौशाला/शरणालयों की स्थापना करने के भी।निर्देश दिए गए।


इसके साथ ही गौसदनों को लीज पर भूमि दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों द्वारा शासन को प्रेषित प्रस्तावों पर विलम्ब से कार्यवाही किए जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए लम्बित प्रस्तावों पर कार्यवाही करने हेतु संयुक्त सचिव, राजस्व विभाग सेे अपेक्षा की गयी। साथ ही जिलाधिकारी स्तर पर गौचर भूमि को गौसदनों हेतु चिन्हित एवं अतिक्रमण मुक्त कराने के भी निर्देश दिए गये। पशुपालकों द्वारा गौवंश के अलाभकारी होने पर सड़कों पर छोड़ने की समस्या के निदान हेतु कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ गौवंश के जन्म से लेकर मृत्यु होने पर उसके निस्तारण की एक उपयुक्त व्यवस्था तैयार करने हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिए गये।

इसके अलावा राज्य के अन्तर्गत संचालित विभिन्न मान्यता प्राप्त एवं अमान्यता प्राप्त गौसदनों/कांजी हाउसों/गौशालाओं में अनियमितता एवम गौवंश को अत्यधिक दयनीय स्थिति में रखने की भी शिकायतें मिलने पर जिलाधिकारी एवं आयोग स्तर पर समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। यह समिति गौ सदनों का आकस्मिक निरीक्षण करेगी।


इससे पूर्व, उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग में नवनियुक्त सदस्यों का अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया गया।


बैठक में डा बीबीआर पुरुषोत्तम सचिव, पशुपालन, कृष्ण कुुमार-संयुक्त सचिव,प्रमोद कुमार- अपर पुलिस अधीक्षक, डाप्रेम कुमार-निदेशक, डा अविनाश आनन्द-अपर निदेशक, पशुपालन, डा राकेश नेगी-मुख्य अधिषासी अधिकारी, यू0एल0डी0बी0, डा उर्वशी-पशु चिकित्सा अधिकारी, राजीव पाण्डेयमनोज कुमार तिवारी, डा डीसी सेमवाल-प्रभारी अधिकारी, गौ सेवा आयोग एंव उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग के नव नियुक्त सदस्य रामेश्वर दास, महामण्डलेश्वर, स्वामी पवन दास, शंकर दत्त पाण्डे, धर्मवीर सिंह गुसांई, शीतल प्रसाद, संतोष उपाध्याय, विजय बाजपेयी, राजेन्द्र सिंह नेगी, अनिल सिंह नेगी, गौरी मोलेखी एवं कामिनी कश्यप मौजूद रहे।

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