नड्डा पिच का नमूना ले उड़े दिल्ली, जांच के बाद आएगा थर्ड अंपायर फैसला !
जेपी नड्डा दौरा- उत्त्तराखण्ड भाजपा की रार में खूब चले छुरी, बर्छे और कटार
उत्त्तराखण्ड भाजपा की पिच पर ओपनर पर गुगली से लेकर बाउंसर तक फेंकी गई
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक सधे अंपायर व क्यूरेटर की तरह हर एंगल से उत्त्तराखण्ड भाजपा की पिच का मिजाज परखा। उनके देवभूमि में पैर रखते ही हरिद्वार की हर की पैड़ी से लेकर देहरादून के तेल भवन तक सियासी छुरी, बर्छे, भाले, कैंची, तीर-कमान, कटार का जमकर इस्तेमाल हुआ। बन्द कमरे में घात-प्रतिघात की पटकथा लिखी गयी।
तेल भवन में बिखरी तेल की धार से सत्ता के अहातों में शुरू हुआ फिसलन का दौर अंत तक चलता रहा। देर रात तक राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना अपना दर्द बयां किया गया। जिन्होंने साक्षात छुरी चलाने से परहेज किया उन्होंने फोन पर कान पर जमकर चुगली-जुगाली कर भड़ास निकाली।
गले तक भरे भाजपायी तीरंदाज इस दिन का शिद्दत से इंतजार कर रहे थे। और नड्डा खुद ही चल कर दरवाजे तक पहुंचे। एक दो नहीं पूरे चार दिन तक कभी कम्बल डालकर लाठियां चली तो कभी खुलकर शॉट भी मारे गए।
चार दिसम्बर को एक दिनी हरिद्वार प्रवास में नड्डा की कुछ प्रमुख संतों से मुलाकात भी हुई और मन की बात भी। शांति कुंज के डॉ प्रणव पंड्या ने आधे घण्टे तक अलग से भी गुफ्तगू की। अवधेशानन्द गिरी, स्वामी रामदेव,राज राजेश्वरानंद से भी नड्डा ने मुलाकात कर कई अहम मसलों पर फीडबैक लिया।
देहरादून आगमन का बेसब्री से इंतजार कर रहे भाजपा मंत्री, विधायक व अन्य नेताओं ने 4 दिसंबर से ही फील्डिंग सजा दी थी। पिच पर कभी तेज तो कभी गुगली बॉल भी फेंकी गई। कुछ ने सीधे चेहरे को जख्मी करने वाली फुलटॉस का भी सहारा लिया। कई दिन से प्रैक्टिस में जुटी भाजपा की इस विशेष टीम ने स्लिप, गली, कवर से लेकर सीमा रेखा तक कैच पकड़ने के माहिर खिलाड़ियों को तैनात किया हुआ था। अंपायर ने हर फन में माहिर गेंदबाजों की तमाम स्किल को जांचा व परखा।
हरिद्वार के रेतीले सपाट मैदान के बाद देहरादून के तेल भवन व बीजापुर गेस्ट हाउस की घसियल पिच पर फेंकी गई तूफानी गेंदों से गिल्ली एकदम तो उड़ती दिखाई नही दी। लेकिन अंपायर (नड्डा) ने न तो उन सीमर गेंदों पर कोई अतिरिक्त रन देकर बल्लेबाज का स्कोर बढ़वाया और न ही उंगली उठा विरोधी खेमे के गेंदबाजों को उछलने का मौका दिया।
तेल भवन और बीजापुर में देर रात तक चले मंथन के बाद अंपायर नड्डा ने खिलाड़ियों को जिलों के मैदान में भी पसीना बहाने की सलाह दी। सरकार और संगठन के मुख्य बैट्समैन भी जिलों में जाकर बल्लेबाजी का हुनर दिखाएंगे। छोटे से लेकर बड़े नेताओं को संयमित व अनुशासित खेल खेलने की भी सलाह दे डाली। भाजपा की बूथ से लेकर कोर टीम में शामिल खिलाड़ियों को कुछ न कुछ सन्देश देकर दिल्ली रवाना हुए।
हालांकि, ओपनर बल्लेबाज को भी सनसनाती गेंदों के फेंके जाने का अंदाजा था। लिहाजा, चार साल से नेट प्रैक्टिस में जुटे ओपनर ने हेलमेट समेत तमाम टाइप का गार्ड पहनकर बाउंसर से लेकर गुगली का मुकाबला किया गया। कुछ यॉर्कर किस्म की गेंद को ओपनर बल्ले के बीचों बीच खेल सपोर्टिंग स्टाफ (संगठन) की तालियां बटोर ले गए।
भाजपा की बल्लेबाजी टीम भी खुश है कि उन्हें “खेल” की काफी कुछ बारीक जानकारी मिली। और गेंदबाजी छोर पर खड़े भाजपा व कांग्रेसी गोत्र के गेंदबाज इसलिए फूल के कुप्पा दिख रहे कि चलो लगभग चार साल बाद हरिद्वार और देहरादून की पिच पर हुए टेस्ट मैच में जमकर दनदनाती गेंदबाजी का मौका तो मिला। इस मैच का 2017 से इंतजार कर रहे स्पिनर, फ़ास्ट व मध्यम गति के गेंदबाज उड़ी धूल के बैठने का इंतजार करते हुए पिच पर पड़े गड्ढों के निशान भी गईं रहे हैं।
चार दिवसीय टेस्ट मैच की अंपायरिंग कर रहे जेपी नड्डा उत्त्तराखण्ड की पिच की मिट्टी का नमूना ले दिल्ली उड़ गए। अब थर्ड अंपायर (मोदी-शाह) पिच का नमूना और गेंदबाजी से पड़े गड्ढ़ों की जांच कर उंगली उठा नयी पिच बनाएंगे या मौजूदा पिच का ही पैचवर्क कर बल्लेबाज को पैड बांधने को कहेंगे….निगाहें अब थर्ड अंपायर के फैसले पर…
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