जब किया नहीं कोई काम तो अब बदल दिए हैं नाम

सरकार का नाम बदलो अभियान केवल ध्यान भटकाने का प्रयास

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के अनेक कस्बों और गांवों का नाम बदलने का अभियान केवल जनता का ध्यान सरकार के भ्रष्टाचार व खनन पर त्रिवेंद्र रावत द्वारा सरकार पर किए गए हमले से हटाने का प्रयास मात्र है। उक्त बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन व प्रशासन) सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले आठ वर्षों से भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार है, किन्तु प्रदेश में विकास का पहिया पूरी तरह से जाम है। चाहे त्रिवेंद्र सिंह रावत रहे हों, तीरथ सिंह रावत या अब दूसरी बार पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश की जनता के सरोकारों से जुड़े कोई कार्य नहीं हो रहे हैं। भाजपा सरकार केवल ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है।

भाजपा सरकार की ध्रुवीकरण की राजनीति

धस्माना ने कहा कि कभी धर्म युद्ध, कभी लव जिहाद, कभी लैंड जिहाद, थूक जिहाद और अब गांवों व कस्बों के नाम बदलने का खेल भाजपा सरकारें खेल रही हैं। भाजपा का दिवालियापन इस हद तक पहुंच गया है कि गढ़वाल के मियां जाति के लोग, जो सनातनी ठाकुर हैं, उनके नाम से जुड़े “मियां वाला” को मुस्लिम पहचान मानकर उसका नाम बदल दिया गया।

उन्होंने कहा कि नाम बदलने से अब भाजपा सरकार का काम नहीं चलने वाला क्योंकि जनता अब केवल जमीन पर काम चाहती है, जो हो नहीं रहा है। धस्माना ने सरकार से सवाल किया कि जगहों का नाम बदलने से क्या राज्य की बेरोजगारी खत्म हो जाएगी? क्या अंकिता भंडारी को न्याय मिल जाएगा? क्या राज्य में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, बलात्कार व हिंसा रुक जाएगी? सरकार को अब इन वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।

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