नव वर्ष पर माँ गंगा के तट पर किया विश्व शान्ति हवन

काउंसलर, फिजी उच्चायोग, नीलेश रोनेल कुमार आये परमार्थ निकेतन

पांच दिवसीय रिट्रीट का समापन

अविकल उत्तराखंड

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन माँ गंगा के पावन तट पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव जीवा साध्वी भगवती सरस्वती के पावन सान्निध्य में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों और परमार्थ परिवार के सदस्यों ने यज्ञ कर विश्व शान्ति की प्रार्थना की। सभी ने मिलकर विश्व ग्लोब का अभिषेक कर जल संरक्षण का संकल्प लिया। काउंसलर, फिजी उच्चायोग, नई दिल्ली नीलेश रोनेल कुमार सपरिवार परमार्थ निकेतन आये। नववर्ष के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में नीलेश रोनेल कुमार, धर्मपत्नी अंजना माला, पुत्र प्रणव कुमार निगम और मयंक कुमार निगम ने विश्व शान्ति हवन में आहूतियाँ समर्पित की।

नववर्ष के अवसर पर आयोजित पांच दिवसीय रिट्रीट का आज समापन हुआ। पांच दिवसीय रिट्रीट में विश्व के अनेक देशों के प्रतिभागियों ने सहभाग कर योग, ध्यान, प्राणायाम, आयुर्वेद, सत्संग, गंगा आरती, हवन और परमार्थ निकेतन में आयोजित अनेक गतिविधियों में सहभाग किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने वैश्विक परिवार को नव वर्ष की शुभकामनायें देते हुये कहा कि नया वर्ष अनेक नूतन उपलब्धियों के साथ आया है। आस्थावानों की 500 वर्षों की अथक तपस्या, हमारे पूर्वजों के बलिदान, परिश्रम और संघर्षों के सुखद परिणाम के कारण सनातन संस्कृति के उन्नायक भगवान श्री राम जी के भव्य व दिव्य मन्दिर का निर्माण हो रहा है जिसमें श्री रामलला विराजित होंगे।

श्री राम मन्दिर केवल श्री राम मन्दिर ही नहीं बल्कि राष्ट्र मन्दिर का प्रतीक है। अब हम सभी भारतीय, राष्ट्र निर्माण हेतु तन, मन, धन से जुड़ जायें व जुट जायें और राष्ट्र के विकास, समृद्धि एवं शान्ति हेतु अपने-अपने टाइम, टैलेन्ट, टेक्नालॉजी व टेनासिटी के साथ लग जायें। इस नये वर्ष में नये संकल्पों की मशाल लेकर एक मिसाल कायम करें। अच्छाई; सच्चाई और ऊँचाई तथा शान्ति और सद्भाव के साथ आगे बढ़ते हुये समरसता एवं सद्भाव का वातावरण तैयार करें।

नव वर्ष के अवसर पर पर्यावरण के अनुकुल जीवन शैली अपनाये का संकल्प लें। अपने बच्चों को अपने गांव, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा, अपनी जड़ों और मूल्यों से जोडें रखें तथा स्वयं भी मिशन लाइफ ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ को अपनाये। वर्ष 2024 में पर्यावरण से युक्त और प्रदूषण से मुक्त जीवन शैली अपनाने का संकल्प लें। रिडयूस, रीयूज, रिसाइकल को अपने जीवन में स्थान दे तथा ईकोनॉमी साथ ईकोलाजी पर भी विशेष ध्यान दें।

स्वामी ने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर जल संकट सबसे बड़ी समस्या है। अगर जल ही नहीं रहेगा तो जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जल को बनाया तो नहीं जा सकता परन्तु जल का उचित और संयमित उपयोग जरूर किया जा सकता है। प्रकृति हमें निरंतर वायु, जल, प्रकाश और जीवन के लिये जरूरी सभी वस्तुयें शाश्वत गति से दे रही है लेकिन हम प्रकृति के नैसर्गिक संतुलन को बिगाड़ रहे हैं इसलिये नववर्ष में मिशल लाइफ को अपनाने का संकल्प लें।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिये बेटियों व बेटों को समान रूप से शिक्षित करना जरूरी है। सांस्कृतिक और सामाजिक मानदंडों और पूर्वाग्रहों से बाहर निकले के लिये सभी का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता हैं इसलिये जीरो से पांच वर्ष तक के बच्चों का नियमित टीकाकरण करें और दूसरों को भी ‘‘पांच साल सात बार छूटे न टीका एक भी बार’’ के लिये प्रेरित करें।

सभी को माँ गंगा के पावन तट परमार्थ निकेतन परिवार की ओर से नव वर्ष की शुभकामनायें और माँ गंगा के आशीर्वाद।

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