एक के बाद एक सामने आ रहे हैं तरूणाई के बेहतरीन गीत
चार दशक से ज्यादा समय से लोक संगीत के लिए सक्रिय
अविकल उत्तराखंड
वरिष्ठ पत्रकार विपिन बनियाल
देहरादून। दीवान दा यानी दीवान कनवाल, उत्तराखंडी ऐसे लोक गायक, जिनकी उम्र बढ़ रही है, लेकिन गायिकी मानो दिन ब दिन जवान होती जा रही है। तरूणाई के गीतों पर दीवान दा न सिर्फ युवा, बल्कि हर वर्ग को झुमा रहे हैं। अभी ज्यादा समय नहीं हुआ, जबकि हमने उनका आय हाय, सुवा जैसे मस्त गानों का आनंद लिया। अपने हालिया रिलीज बान गीत से फिर वह महफिल लूट रहे हैं। बान कह लें या फिर बांद, मतलब एक संुदर महिला। जाहिर सी बात है, सुंदर महिला के सौंदर्य की तारीफ का यह गीत है। कमाल ये है कि इस गीत को लिखा भी दीवान दा ही ने है। वीडियो में अपने गीत को मस्त और सधे हुए अंदाज में गाते हुए खुद दीवान दा दिख रहे हैं। उनकेे अंदाज जबरदस्त है और रामलीला से लेकर अन्य मंचों पर समय-समय पर की गई एक्टिंग का यहां पर पूरा फायदा मिलता दिख रहा है।
चाहे कोई दौर रहा हो, दीवान दा के गीतोें के अपने ही रंग रहे हैं। उनकी संगीत यात्रा को चार दशक से भी ज्यादा का समय हो चला है। कौन भूल सकता है पहली उत्तराखंडी कुमाऊंनी फिल्म मेघा आ में उन्होंने शानदार पार्श्व गायन किया था। भले ही इस फिल्म में गाया उनका तौं डांना का पार गीत सबसे ज्यादा हिट रहा हो, लेकिन फिल्म के शीर्षक गीत मेघा आ, लोरी गीत घुगुती बसूती के अलावा न्योली गीत में उनकी गायिकी ने जिस ऊंचाई को छुआ, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। यह दिलचस्प बात है कि किसी नए गीत को दुनिया के सामने लाने से पहले दीवान दा ने अपने लिए कुछ पैमाने तय किए हैं। सबसे पहले तो गीत उनके मन के मुुताबिक होना जरूरी है। इसके बाद, अपने कुछ खास लोगों के बीच वह गीत को ले जाते हैं। वहां से हरी झंडी मिली, तो फिर वो गीत दुनिया के सामने आता है।
एक बातचीत में दीवान कनवाल ने कहा कि कभी बिजनेस के लिए उन्होंने नहीं गाया है। मानता हूं कि मुझ पर देवताओं की कृपा हुई है, जो संगीत के क्षेत्र में है। इसलिए चाहता हूं कि मेरे गीत तब भी लोगों को याद रहे, जबकि मै दुनिया से पलायन कर जाऊं। दीवान कनवाल से बातचीत के आधार पर तैयार वीडियोे का आप धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल पर आनंद उठा सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार विपिन बनियाल
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