योगीराज हंस महाराज की जयंती- हरिद्वार में जनकल्याण समारोह शुरू

हंस महाराज के संदेशों को जीवन में उतारेंआ-माता मंगला

अविकल उत्तराखंड

हरिद्वार। अध्यात्म जगत की विभूति योगीराज हंस महाराज की पावन जयंती पर ऋषिकुल कालेज मैदान हरिद्वार में दो‌ दिवसीय जनकल्याण समारोह का शुभारंभ शनिवार को हुआ। जनकल्याण समारोह के प्रथम दिन द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत एवं आध्यात्मिक गुरु भोले महाराज और माता मंगला ने वैदिक परम्परा के अनुसार हजारों श्रद्धालु-भक्तों के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों तथा अमेरिका एवं नेपाल आदि कई देशों से भारी संख्या में श्रद्धालु-भक्त और संत-महात्मा शामिल हुए।

इस अवसर पर भोले महाराज और माता मंगला के स्वागत में ऋषिकुल ब्रह्माचार्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय के बच्चों ने मंगलाचरण किया। जनकल्याण समारोह को सम्बोधित करते हुए माताश्री मंगला जी ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि आज हम पतित पावनी मां गंगा के किनारे तीर्थ स्थली हरिद्वार में योगीराज हंस महाराज की पावन जयंती मना रहे हैं। हरिद्वार दुनिया के करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था और श्रद्धा का केंद्र होने के साथ-साथ हंस महाराज की जन्म और कर्मस्थली भी रहा है। हरिद्वार से ही उन्होंने आध्यात्म ज्ञान के प्रचार-प्रसार की शुरुआत की थी और इसे आध्यात्म ज्ञान और मानव सेवा का केंद्र बनाया था। उन्होंने कहा कि योगीराज हंस महाराज अपने समय की महान आध्यात्मिक विभूति थे। जिन्होंने देश-विदेश में फैले करोड़ों लोगों के हृदय में ज्ञान की ज्योति जलाकर उनके जीवन को प्रकाशित कर दिया।

उन्होंने समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि वे हंस महाराज के आध्यात्मिक संदेशों को अपने जीवन में उतारें तथा उनके द्वारा दिखाये ज्ञान,भक्ति, मानव सेवा और जनकल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ें। माताश्री मंगला जी ने हंस फाउंडेशन की जन सेवाओं के बारे बताते हुए कहा कि आज हमारी सेवाओं का विस्तार भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों तक निरंतर हो रहा है। आप सभी के अथक प्रयासों और सहयोग से हंस फाउंडेशन की सेवाओं के कैनवास पर जो खूबसूरत रंग दिख रहे हैं। इन रंगों से उन लोगों का जीवन संवर रहा है जो वास्तव में जरूरतमंद है। माताश्री मंगला जी ने कहा कि मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि आज हम देश के अलग-अलग राज्यों में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकारों और आंगबाडी केंद्रों के जरिए कई योजनाएं संचालित कर रहे हैं।प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हंस फाउंडेशन के देशभर में 115 डायलिसिस मशीनों के साथ 26 डायलिसिस केंद्र संचालित कर रहा है। इन डायलिसिस केंद्रों में मरिजों का नि:शुल्क डायलिसिस किया जा रहा है।

असम, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दूर-दराज के इलाकों में 282 मोबाइल मेडिकल यूनिटें स्थापित की गई है साथ ही हम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से हर व्यक्ति को हर जगह बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार का अहसास दिलाने की प्रतिबद्धता को निरंतर दौहरा रहे है। लेह-लद्दाख की जांस्कर घाटी सहित देश के विभिन्न राज्यों में राज्य सरकारों और अस्पतालों को 40 एम्बुलेंस प्रदान की गई है,जो इन राज्यों के दूरगामी क्षेत्रों तक निरंतर स्वास्थ्य की सेवाएं पहुंचा रही है।

इसी के साथ शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए कई योजनाएं चल रही है। महिला सशक्तिकरण,गरीब कन्याओं का विवाह और दिव्यांगजनों को मदद के साथ-साथ देश भर में स्कूल स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर खेलों के प्रति खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मौके पर आध्यात्मिक गुरु भोले महाराज ने–जीवन है बेकार भजन बिन दुनिया में तथा भजन बिना चैन ना आये राम आदि भजन सुनाकर लोगों को भगवान के भजन और भक्ति के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन अनमोल है,यह हमें भगवान के भजन-सुमिरण के लिए मिला है। इस मौके पर भोले महाराज और माता मंगला की प्रेरणा से द हंस फाउंडेशन द्वारा देश भर में किये जा रहे सामाजिक कार्यों की डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।

समारोह में महात्मा शिवकृपानंद ने भी सत्संग विचारों से श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया। प्रसिद्ध तीर्थस्थली बनारस से पधारे भजन गायक जय पांडेय तथा अन्य प्रेमी भक्तों ने भगवान शिव, मां गंगा, गुरु तथा सत्संग की महिमा से जुड़े भजन प्रस्तुत कर पंडाल श्रद्धालुओं को भक्ति और आनंद के रस से सराबोर कर दिया। लोगों ने सत्संग और ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाकर अपने को धन्य किया। आपको बता दें कि इस दो दिवसीय जनकल्याण समारोह का आयोजन दिल्ली की आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्था हंस ज्योति-ए यूनिट आप हंस कल्चरल सेंटर ने किया।

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