उत्तराखण्ड भाजपा में ‘जीरो मुलाकात’ से सुगबुगाहट का दौर शुरू

अहम सवाल-जीत के चार दिन बाद भी सांसद त्रिवेंद्र-बलूनी व सीएम धामी की नहीं हुईं मुलाकात

जीते सांसद अजय भट्ट,माला राजलक्ष्मी व अजय टम्टा जता चुके सीएम का आभार

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। प्रदेश की राजनीति का ताजा बड़ा सवाल। उत्तराखण्ड से पांचों लोकसभा सीट जीते चार दिन से अधिक हो गए। लेकिन पहली बार लोकसभा चुनाव जीते पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व अनिल बलूनी की सीएम धामी से जीत की मुबारकबाद देते हुए कोई फ़ोटो व वीडियो सामने नहीं आयी।

चार जून को अजय भट्ट, अनिल बलूनी, त्रिवेंद्र रावत, माला राजलक्ष्मी व अजय भट्ट ने पांचों लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर फिर से इतिहास बनाया।

इधर, चौथी जीत के बाद टिहरी सांसद माला राजलक्ष्मी ने दून में ही सीएम धामी से मिलकर जीत की बधाई व आभार जताने में देरी नहीं की।

जबकि बम्पर मार्जिन से जीते नैनीताल-उधमसिंहनगर के सांसद अजय भट्ट व अल्मोड़ा सीट से जीते अजय टम्टा ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से दिल्ली में मुलाकात कर जीत की खुशियां बांटी। बीते दो दिन के अंदर भट्ट व टम्टा ने दिल्ली के उत्तराखण्ड निवास में सीएम धामी से भेंट की।

इन तीनों सांसदों से मुलाकात की फ़ोटो सरकार के मीडिया विभाग ने भी जारी की।

इधर, हरिद्वार के नये सांसद व पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी दो दिन से दिल्ली उत्तराखण्ड निवास में ठहरे हैं। सीएम धामी भी चुनाव परिणाम के बाद उत्तराखण्ड निवास में मेल मुलाकात कर रहे हैं। एक ही भवन में रुके त्रिवेंद्र व धामी के बीच सौहार्दपूर्ण मुलाकात की कोई फ़ोटो अभी तक जारी नहीं हुई है।

इधर, पौड़ी से सांसद बने व केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रबल दावेदार अनिल बलूनी व सीएम धामी में बीच मुलाकात की खबर का मीडिया भी शिद्दत से इंतजार करता रह गया। बतौर राज्यसभा सांसद बलूनी दिल्ली स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। जीत के बाद गंगा पूजन कर बलूनी भी दिल्ली चले गए थे।

हरिद्वार व पौड़ी के सांसदों की सीएम धामी से जीत की बधाइयां सम्बन्धी मेल मुलाकात नहीं होने पर राजनीतिक गलियारों में नयी बहस ने जन्म ले लिया है।

बीते दिनों से दिल्ली में रहते हुए भी इन तीनों नेताओं की कोई मुलाकात नहीं होना भाजपा की अंदरूनी राजनीति में नये समीकरण की ओर इशारा कर रहा है।

गौरतलब है कि अजय भट्ट,माला राजलक्ष्मी व अजय टम्टा 2 / 3 लाख मतों के अंतर से जीते। जबकि हरिद्वार व पौड़ी से पहली बार चुनाव लड़े त्रिवेंद्र सिंह रावत व अनिल बलूनी की जीत का अंतर डेढ़ लाख से थोड़ा अधिक रहा।

भाजपा नेतृत्व ने पौड़ी व हरिद्वार में पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत व निशंक का टिकट काटकर बलूनी व त्रिवेंद्र को चुनाव लड़वाया था।

बहरहाल, जीत के बाद इन तीन बड़े नेताओं के बीच होने वाली स्वाभाविक जोशीली मुलाकात न होने से प्रदेश की राजनीति में सुगबुगाहट का नया दौर शुरू हो गया है।

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