हालात नार्मल होने पर ही होंगे उपचुनाव
हालात नार्मल नहीं होने पर खड़ा हो सकता है संवैधानिक संकट
मई के पहले हफ्ते में चुनाव आयोग कैंसिल कर चुका है विधानसभा के 8 व तीन लोकसभा उपचुनाव। इसी साल होने थे उपचुनाव
हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, हालात सामान्य होने पर 2022 में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे।
गंगोत्री, चौबट्टाखाल व यमकेश्वर विधानसभा में तलाशी जा रही संभावना
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। कोरोना के कारण उत्त्तराखण्ड में सीएम व गंगोत्री विधानसभा के उपचुनाव को लेकर संशय बना हुआ है। छह महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनने की बाध्यता के चलते सीएम तीरथ सिंह रावत के उपचुनाव पर कोरोना की काली छाया मंडराती नजर आ रही है। सीएम तीरथ सिंह रावत को 10 सितम्बर से पहले उपचुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचना है। जबकि गंगोत्री विधानसभा से भाजपा विधायक गोपाल सिंह रावत के निधन के बाद अक्टूबर तक भी एक उपचुनाव और होना है।

यह संशय इसलिए भी ज्यादा गहरा रहा है कि मई के पहले सप्ताह में केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए तीन संसदीय और 8 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव स्थगित कर दिए थे। केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा था कि आठ विधानसभा सीटों व तीन संसदीय सीटों पर होने वाले उपचुनाव फिलहाल नहीं होंगे। अगली तारीखों की घोषणा हालत सामान्य होने पर की जाएगी।
विधानसभा की आठ सीटों हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश की खाली हुई सीटों पर उपचुनाव छह माह के भीतर होना था। लेकिन कोरोना महामारी में चलते फिलहाल उपचुनाव नहीं कराने का फैसला लिया गया।

इधर, कुछ दिन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभा चुनाव तय समय पर कराने की उम्मीद है। यह चुनाव 2022 के मार्च व मई के बीच होंगे। इन चुनावों में अभी 10 महीने शेष हैं।चुनाव आयोग को हालात सामान्य होने का इंतजार है।लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ने तीन-चार महीने के अंदर होने वाले उपचुनावों के बाबत कुछ नहीं कहा।
सीएम की सीट को लेकर केंद्रीय नेतृत्व में माथापच्ची जारी
इधर, सीएम तीरथ सिंह रावत को अगस्त तक उपचुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना है। हाल ही में उत्तरकाशी के दौरे पर गए सीएम को स्थानीय लोगों ने गंगोत्री से चुनाव लड़ने का न्योता भी दिया। राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष व संघ से जुड़े नेता भी सीएम के लिए सुरक्षित सीट पर मंथन कर रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की चौबट्टाखाल व ऋतु खंडूरी की यमकेश्वर विधानसभा सीट पर भी पार्टी नेतृत्व जीत की संभावना टटोल रहे है। हालांकि, महाराज व ऋतु खंडूरी ने सीएम के लिए सीट खाली करने को लेकर कोई पासिटिव सिग्नल नहीं दिए हैं। लेकिन यहभी खबर है कि सीएम चौबट्टाखाल से ही चुनाव लड़ने के मूड में है।
इस बीच, उत्त्तराखण्ड में कोरोना संक्रमण दर कम होने होने की खबर है। लेकिन डेथ रेट में बढोत्तरी ही हो रही है। अगर कोरोना संक्रमण में अगस्त तक अपेक्षित कमी नही आई तो अन्य राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव भी स्थगित किये जा सकते हैं। ऐसे में सीएम के छह महीने के अंदर विधायक बनने के मुद्दे पर एक नया संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है।
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