इंट्रो-
सौरभ गांगुली भारतीय कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष हैं. वो पहले क्रिकेट कप्तान हैं, जो ताकतवर पद तक पहुंचे हैं लेकिन गांगुली के बारे में ये सच है कि वो जो सोच लेते हैं, वो करके ही दिखाते हैं. उनकी प्रेम कहानी भी कुछ ऐसी ही है, एकदम फिल्मी तरीके की.
सौरव गांगुली कभी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे आक्रामक कप्तान थे. भारतीय क्रिकेट को असल में बदलने का श्रेय उन्हीं को जाता है. अब वो बीसीसीआई के प्रमुख हैं. पूरी उम्मीद है कि वो इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन बन जाएं. उनकी शादी को 24 साल बीत चले हैं. ना तो उनकी प्रेम कहानी मामूली थी और ना ही शादी. इसमें वो सारे ट्विस्ट थे, जैसे फिल्मों में होते हैं. उनकी पत्नी डोना गांगुली देश की ख्याति लब्ध ओडिसी डांसर हैं.
गांगुली- डोना की फैमिली फ्रेंडशिप और दुश्मनी
दरअसल एक जमाना था कि सौरव और डोना के परिवारों में बहुत सुखद संबंध थे. साथ में उठना बैठना था. बेहतर संबंधों के चलते ही गांगुली और बनर्जी परिवारों ने अगल-बगल मकान बनवाए. दोनों परिवार साथ मिलकर बंगाल का बहुत बड़ा प्रिंटिग व्यावसाय चलाते थे. सबकुछ ठीक-ठाक. अचानक.. अचानक घुमाव आया. बिजनेस में उतार-चढ़ाव आया. समझबूझ गड़बड़ हुई. दोनों के पिता देखते ही देखते दोस्त से दुश्मन बन गये. सारे संबंध टूट गये. कटुता बढ़ गई. दोनों परिवारों के बीच की दीवार ऊंची करा दी गई.
..जब खड़ी हुई दुश्मनी की दीवार
तब सौरव कोलकाता के सेंट जेवियर स्कूल में पढते थे और डोना कोलकाता के मशहूर लारेटो कांवेंट स्कूल में. सौरव बचपन से ही डोना को पसंद करते थे. दोनों को एक दूसरे से बात करना, साथ रहना बहुत पसंद था. चूंकि दीवारें ऊंची हो गईं थीं और वह डोना को घर में रहकर ढंग से नहीं देख पाते थे लिहाजा वह लारेटो के चक्कर लगाने लगे. जिस दिन वह दिख जातीं, उस दिन उनके चेहरे की मुस्कुराहट ही और होती.
दुश्मनी के साथ खिली मोहब्बत की कहानी
बेशक परिवारों के बीच दुश्मनी पल रही थी लेकिन इन दो दिलों के बीच प्यार का रंग गाढा़ होता जा रहा था. ऐसा नहीं था कि इस रोमांस के रास्ते में रुकावटें नहीं आईं. लेकिन दोनों कुछ ऐसा करते जरूर थे कि एक दूसरे से कहीं बाहर मिल लें. डोना अगर सौरव के मैचों को देखने स्टेडियम आती थीं तो वह उनकी डांस की प्रैक्टिस के दौरान मिलने और बात करने की कोशिश करते थे. ये बातें कहां छिपती हैं. गुपचुप मुलाकातों के बावजूद किसी ने उनके बीच प्यार की भाषा को पढ़ लिया. बस फिर क्या था-घर शिकायत पहुंची.
सौरव के पिता इतने आगबबूला हुए कि उन्होंने फरमान जारी कर दिया कि आइंदा से वह डोना से नहीं मिलेंगे. फरमान था तो काफी मुश्किल. सौरव ने सिर हिलाकर इसे मान लिया लेकिन अंदर ही अंदर उन्होंने कुछ और ही ठानी हुई थी. वह इसके बाद भी डोना से मिलते थे लेकिन सावधानी और बढ़ गई थी. सौरव कालेज में पहुंच चुके थे और डोना इंटर फाइनल में थीं. उम्र बढऩे के साथ दोनों की एक दूसरे के प्रति प्रतिबद्धता गहरी होती जा रही थी
छुप छुप कर देखना और मिलना
डोना तब अक्सर अपने घर की छत पर आकर उन्हें देखती थीं जब वह कॉलोनी के बच्चों के साथ फुटबाल और ्िक्रकेट खेल रहे होते. हां, दोनों ने ये भी तय किया कि उन्हें अपने अपने प्रोफेशन में मजबूती से आगे बढक़र मुकाम बनाना है. सौरव घरेलू क्रिकेट में चमक रहे थे और डोना उतनी ही शिद्दत से अपने ओडिसी डांसर बनने के सपने को पूरा करने में लगी थीं. दरअसल गांगुली परिवार खांटी ब्राह्मण परिवार था और उन्हें कतई मंजूर नहीं था कि उनकी बहू कोई गैर ब्राह्मण बने. वह सौरव के लिए सजातीय बहू लाना चाहते थे. वहीं सौरव का विश्वास दिनों दिन मजबूत होता जा रहा था कि अगर उनकी शादी होगी तो डोना से ही होगी. वह मानते थे कि डोना उन्हीं के लिए हैं.
गांगुली का क्रिकेट टीम में चयन गुपचुप शादी का फैसला
सौरव गांगुली का चयन वर्ष 1992 में भारतीय टीम में हुआ था लेकिन उस दौरे में उन्हें मौका नहीं मिल पाया. अब उन्होंने खुद को पूरी तरह से घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त मेहनत करते हुए झोंक दिया. कोशिश रंग लाईं. उन्हें वर्ष 1996 में इंग्लैंड जाने वाली भारतीय टीम में चुना गया. लाड्र्स में अपने पहले ही टेस्ट में जब उन्होंने शतक लगाया तो देश के हीरो बन गए. बंगाल तो खुशी से झूम उठा. जब वह उस दौरे से कोलकाता लौटे तो सेलिब्रिटी बन चुके थे. वहीं डोना ने उन्हें अल्टीमेटम दे दिया था कि अब वह उनसे जल्दी से जल्दी शादी करें. सौरव के लिए डोना से लंबे समय अलग रहना बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था. हालांकि उन्हें अपने परिवार के बारे में मालूम था कि उनके पिता किसी भी हालत में इसे मंजूर नहीं करने वाले. उन्होंने सोचा अब घरवाले कुछ भी करें, उन्हें हरहाल में शादी करनी ही है. लिहाजा गुपचुप शादी करने का बड़ा फैसला ले डाला. किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई.
दोस्त मलय ने चलाया शादी का चक्कर
इस काम में उनकी मदद कोलकाता के सीनियर क्रिकेटर और खास साथी मलय बनर्जी ने की. पहले तो वह घबरा उठे. बाद में उन्हें हिम्मत बंधाई गई तो तैयार हो गए. उन्होंने बाद में कहा कि मैं महाराज की बात को नहीं कैसे कह सकता था. हालांकि ये इतना आसान नहीं था. खैर योजना बनाई गई कि कैसे शादी कराई जाए. शादी के दिन सौरव अपने घर से निकले और डोना अपने घर से. दोनों दक्षिण कोलकाता में मलय के घर पहुंचे. वहां से उन्हें रजिस्ट्रार के आफिस जाना था. जब वो लोग आफिस के करीब पहुंचे तो देखा कि वहां पहले से फोटोग्राफर्स और प्रशंसकों की भीड़ लगी हुई थी. यानि शादी की योजना कहीं से लीक हो गई थी. सौरव, डोना चुपचाप वहां से खिसक गए और मलय के घर वापस पहुंचे. इस बीच मलय ने रजिस्ट्रार के पास पहुंचे और उन्होंने उनके दस्तावेजों और फाइल के साथ निकालकर अपने साथ ले गए. मीडिया को पता तक नहीं चला.
…और हो गए एक दूसरे के
अब शादी की सारी औपचारिकताएं मलय के घर बनर्जी हाउस के लिविंग रूम में हुईं. रजिस्ट्रार ने जब सारी औपचारिकताएं करा दीं तो दोनों से कहा कि अब आधिकारिक तौर पर वो पति पत्नी बन गए हैं. इस तरह सौरव के बचपन की दोस्त और प्रेमिका उनकी पत्नी बन गई. उनकी शादी की भनक दोनों पड़ोसी परिवारों को हुई भी नहीं. जब ये शादी हुई तब सौरव 23 साल के और डोना 20 साल की थीं.
बाद में रजिस्ट्रार ने कहीं कहा, शादी के दौरान डोना जितनी खुश लग रही थीं, सौरव उतने ही नर्वस और कुछ कुछ डरे हुए कि उनके घरवाले इस शादी पर कैसे प्रतिक्रिया करेंगे.
शादी और घर का हंगामा
शादी के साथ ही सौरव और उनके साथियों ने ये कोशिश भी की कि इस बारे में कहीं भी कुछ नहीं छपे. योजना ये थी कि दो दिन बाद सौरव लंका दौरे पर चले जाएंगे और जब लौटेंगे तब किसी तरह परिवार को बताया जाएगा. सौरव चुपचाप लंका चले गए. उनके पीछे ये बात घर में पता चल गई. अच्छा खासा हंगामा हो गया.सौरव के पिता तो बहुत नाराज हुए. उन्होंने साफ कह दिया कि वह इस शादी को नहीं मानते. इसे वह कभी मंजूर नहीं करेंगे. नाराजगी तो डोना के यहां भी हुई लेकिन इतनी नहीं. उन्हें शायद इस बात का अंदाज था. ये बात भी थी कि डोना के परिवारवाले काफी हद तक रूढिवादी नहीं बल्कि उदारवादी थे.
घर वाले माने, दी ग्रैंड मैरिज पार्टी
वहीं सौरव अपने परिवार में लव मैरिज करने वाले पहले शख्स थे. इस बात ने पिता को और क्रुद्ध किया था. खैर कुछ महीनों बाद उनका गुस्सा जब ठंडा हुआ तो महसूस होने लगा कि अब इस रिश्ते को मंजूर करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.
फिर 21 फरवरी 1997 को कोलकाता में शादी की शानदार पार्टी आयोजित की गई. इस बार फोटोग्राफर्स को नहीं रोका गया. इस दिन सौरव और डोना ने अपनी शादी की वर्षगांठ मनाई. अब दोनों की शादी के 24 साल हो चुके हैं. उनके एक प्यारी सी बेटी साना भी है, जो अब 18 साल की हो चुकी है.
वैवाहिक जीवन में आया बवंडर
हालांकि दोनों की शादी के बीच में एक भूचाल जरूर आया था, जब सौरव और बॉलीवुड अभिनेत्री नगमा के बीच नजदीकियां बढने लगी थीं. वह समय डोना के लिए काफी इम्तिहान का समय था. उन्होंने तब खुद को डांस में व्यस्त कर लिया था. इन्हीं दिनों उनकी ख्याति एक राष्ट्रीय नृत्यांगना के तौर पर होने लगी.
फिल्म अभिनेत्री नगमा और गांगुली की दोस्ती
पहली बार भारतीय टीम का चेहरा पलटने वाले सौरव गांगुली का नाम दक्षिण भारतीय अभिनेत्री नगमा से तब जोड़ा गया, जब वह वर्ष 2000 में वह चेन्नई में नगमा के साथ घूम रहे थे. खबरें यह भी आयी थी कि वह नगमा के साथ किसी तीर्थ पर घूमने भी गए थे. यही नहीं चेन्नई के एक फिल्म सेंटर में दोनों पाए गए थे.
तब ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आयी थी. गांगुली के अफेयर की चर्चा अगर भारतीय मीडि़या में थी तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी इसकी खूब खिल्ली उड़ाई थी. एक अखबार के मुताबिक गांगुली विकेट के बीच तो दौड़ ही रहे हैं दो महिलाओं के बीच (डोना और नगमा) के बीच भी दौड़ रहे हैं. खबर तो ये भी आयी थी कि जब डोना को उनके अफेयर के बारे में पता चला तो उन्होंने तलाक देने का मन बना लिया. वह बहुत तनाव में थीं. केवल नृत्य ही उनके मन को शांत कर पाता था. लिहाजा इस तनाव के दौर में वह पूरी तरह से नृत्य को समर्पित हो गईं.
गांगुली-नगमा ब्रेकअप
वहीं सौरव के सामने खुद की इमेज बेहतर करने के साथ पारिवारिक दबाव भी थे. खुद उनके प्रदर्शन पर इसका असर पडऩे लगा था. शायद यही कारण था कि सौरव गांगुली ने नगमा से ब्रेक अप करने का फैसला किया. ब्रेक अप के बाद एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में नगमा ने कहा था कि अफेयर तो था लेकिन अब वह खत्म हो चुका है. उन्होंने यह भी कहा था कि अफेयर सौरव की तरफ से खत्म हुआ था. सौरव के जाने के बाद वह अवसाद में आ गई थी और काफी समय तक रोते हुए दिन गुजारती थीं.
खबरें तो यहां तक आई कि दोनों ने मंदिर में शादी भी कर ली लेकिन बाद में यह झूठी साबित हुई। टीम इंडिया को करीब से जानने वाले लोगों ने बताया कि दोनों के बीच अफेयर 1999 वल्र्ड कप के दौरान शुरू हुआ. इंग्लैण्ड में वे पहली बार मिले. इस मामले में गांगुली ने कभी कुछ नहीं कहा. अब ये बीता हुआ अध्याय हो चुका है. सौरव को महसूस हो गया कि उनके जीवन की असली प्राथमिकता उनकी पत्नी और बेटी ही हैं. लिहाजा वह फिर से एक समर्पित पति और पिता के रोल को निष्ठा से निभाने में लग गए.
गांगुली रिटायर, कमेंट्री को अपनाया
सौरव कुछ साल पहले क्रिकेट से रिटायर हो गए. अब वह क्रिकेट की कमेंटरी करने के साथ बिजनेस भी कर रहे हैं. आईएसएल मेें एटलेटिको टीम की फ्रेंचाइजी लेकर उन्होंने फुटबाल के अपने पुराने प्रेम को फिर जागृत किया है. उन्हें लगता है कि एटलेटिको के जरिए कोलकाता के फुटबाल के सुनहरे दिन लौट सकते हैं.
हालांकि मानने वाले ये भी मानते हैं कि डोना को उतनी प्रसिद्धि इसलिए नहीं मिल पाई, क्योंकि उनके पति भारतीय क्रिकेट के कप्तान और दमदार क्रिकेट हस्ती थे. लिहाजा उनकी पहचान कुछ दबकर रह गई. लेकिन आज भी डोना अपने नृत्य के शौक को पूरा करने में तन-मन से लगी रहती हैं. कोलकाता में उनका एक नृत्य स्कूल है, साथ ही एक डांस ग्रुप, जिसके जरिए वह देशभर में प्रदर्शन कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं.
संजय श्रीवास्तव अमर उजाला, हिंदुस्तान व विभिन्न चैनलों में वरिष्ठ पदों पर रहे हैं। खेल पत्रकार के तौर पर विशिष्ट पहचान। सुभाष चन्द्र बोस के अलावा चर्चित शख्शियतों पर किताब लिख चुके हैं ।मौजूदा समय में एक बड़े मीडिया संस्थान में कार्यरत हैं
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