हम एक शब्द है तो वह पूरी भाषा है, बस यही माँ की परिभाषा है

मां तुझे सलाम…जब पिथौरागढ़ की हिमालयी मां डूबी थी यादों के समंदर में

आज कारगिल दिवस के दिन शहीद कुंदन सिंह की प्रतिमा से लिपटी बहादुर मां की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है.

हम एक शब्द है तो वह पूरी भाषा है, बस यही माँ की परिभाषा है

शहीद हवलदार कुंदन सिंह खड़ायत 19 अगस्त 2000 को कश्मीर में आपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए थे. शहीद कुंदन सिंह पिथौरागढ़ जिले की ग्राम सभा रियासी के मढ़े गांव निवासी थे. सम्भवतः बीते साल अपने बेटे की पुण्यतिथि के दिन मां केशमा देवी (खीमा देवी)अपने जज्बातों को रोक नही पायी. शहीद बेटे की प्रतिमा को पकड़ कर वहीं लेट गई.और फिर बहादुर हिमालयी मां भावनाओं के समंदर में डूब गई…कारगिल दिवस व शौर्य दिवस पर उत्तराखंड की इस मां की तस्वीर एक बार फिर जीवंत हो उठी.प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर आज तक उत्तराखण्ड की हजारों माओं की कोख सूनी हुई है.बेटे की यादों के सहारे जी रही इस पहाड़ी व बहादुर मां को सलाम..जय हिंद

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