तीर्थयात्रियों के आने से फैलेगा कोरोना-पंडा समाज
कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने समूचे देश के तीर्थयात्रियों के लिए खोले थे चारधाम के पट
तीर्थ पुरोहितों ने डीएम को पत्र भेज फैसले की दी जानकारी
देवस्थानम बोर्ड ने कहा कानूनी कार्रवाई होगी
अविकल उत्तराखण्ड ब्यूरो
देहरादून।
तेजी से बढ़ते कोरोना संकट में समूचे देश के तीर्थयात्रियों के लिए त्रिवेंद्र सरकार का चारधाम यात्रा खोलने का पुरोहित समाज ने विरोध कर दिया है। इस मुद्दे पर देवस्थनम बोर्ड और मंदिर समिति के बीच तलवारें खिंच गई है।
गंगोत्री धाम मंदिर समिति के पुरोहितों ने सभी तीर्थयात्रियों ने आज से 15 अगस्त तक दर्शन पर रोक लगा दी है।
इस बाबत मन्दिर समिति ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को पत्र भी भेज दिया है।
पत्र में कहा गया है कि सभी पुरोहितों, साधु संतों व स्थानीय व्यापारियों ने फैसला किया है कि 29 जुलाई से 15 अगस्त तक स्थानीय व बाहरी तीर्थयात्री प्रवेश नही कर पाएंगे। दो किलोमीटर दूर से ही किसी को भी गंगोत्री में प्रवेश नही करने दिया जाएगा।
पत्र में कहा गया है कि तीर्थयात्रियों के आने से कोरोना फैलने का खतरा बढेगा। पुरोहित और उसके परिजन कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। मन्दिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने डीएम से तीर्थयात्रियों के प्रवेश रोकने के लिए सहयोग मांगा है।
उधर, चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के सीईओ ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि पूजा करना व्यक्तिगत अधिकार है।
प्रवेश पर रोक का अधिकार किसी को नही है। इस बाबत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस कोरोना के बढ़ते ग्राफ के बीच इस मुद्दे के जोर पकड़ने से मन्दिर समिति व बोर्ड के बीच जंग तेज हो गयी है। मन्दिर समिति पूर्व से ही देवस्थानम बोर्ड के गठन का विरोध कर रही है। धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहित पूर्व में मन्दिर के चैनल गेट पर ताला जड़ चुके हैं।
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