अमरेंद्र प्रताप सिंह बने अपर महाधिवक्ता, स्थाई अधिवक्ता व ब्रीफ होल्डर भी बनाये
अविकल उत्तराखण्ड
देखें आदेश
उत्तराखण्ड वादकारिता नीति, 2011 एवं उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय में राज्य विधि अधिकारियों की नियुक्ति तथा पदावधि के लिए सामान्य अनुदेश, 2016 के प्रस्तर-4 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मा० उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने हेतु निम्न वर्णित विधि अधिकारियों को उनके नाम के सम्मुख अंकित पद पर तत्काल प्रभाव से अग्रेत्तर आदेश तक आबद्ध किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते है:-


उक्त आबद्धता इस शर्त के साथ प्रदान की जाती है कि यह एक व्यवसायिक आबन्धन है, किसी ‘सिविल पद पर नियुक्ति नही है। इस आबन्धन को राज्य सरकार द्वारा किसी भी समय बिना किसी पूर्व सूचना के और बिना कोई कारण बताये समाप्त किया जा सकता है तथा आबद्ध अधिवक्ता भी इसे कभी भी लिखित सूचना देकर समाप्त कर सकते है। आबद्ध अधिवक्तागण द्वारा अपनी आबद्धता के दौरान उत्तराखण्ड राज्य के विरूद्ध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार के मामलें में किसी अन्य व्यक्ति / संस्था की आबद्धता स्वीकार नही करेंगे और न ही राज्य के विरूद्ध कोई विधिक परामर्श देंगे तथा वे विधि परामर्शी निदेशिका के उपबन्धों का कड़ाई से पालन करेंगे।
3- उक्त आबद्ध अधिवक्ताओं को संलग्न शासनादेश सं0-111/XXXVI-A-1/2020-43 एक (1)/2003 दिनांक 18.03.2020 के अनुसार फीस देय होगी।
4- आबद्ध अधिवक्तागण इस आशय का प्रमाण पत्र भी महाधिवक्ता, उत्तराखण्ड के माध्यम से शासन को प्रस्तुत करेंगे कि उक्त शर्तों पर कोई आपत्ति नहीं है।

