भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया.5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी नजरें
अविकल उत्तराखण्ड
हल्द्वानी। बनफूलपुरा में रेलवे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम धामी ने साफ कर दिया कि इस मामले में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
यह न्यायालय और रेलवे के बीच की बात है, राज्य सरकार इसमें कोई पार्टी नहीं है। उच्चतम न्यायालय का जो भी निर्णय आएगा, राज्य सरकार उसपर काम करेगी।
अब इस मामले में 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि के अतिक्रमण मामले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ताजे बयान के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
उधर, नैनीताल के डीएम धीराज गर्ब्याल ने कहा कि अवैध अतिक्रमण हटाने की पूरी तैयारी की जा रही है। आवश्यक पुलिस बल की तैनाती हो रही है।
इधर, सर्द मौसम में हल्द्वानी छावनी में तब्दील होता जा रहा है। हिंसा की आशंका को देखते हुए खुफिया तंत्र इलाके पर नजर रखे हुए है।
अगर सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो 8 जनवरी के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होगी। बहरहाल, 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। सर्द मौसम में हजारों परिवारों को बेघर किये जाने की आशंका को देखते हुए कांग्रेस समेत अन्य दल व संगठन मानवीयता के सवाल को भी जोर शोर से उठा रहे हैं।
देश भर के राजनीतिक-सामाजिक संगठन व बुद्धिजीवी इस मसले पर विशेष निगाह रखे हुए हैं । और पल पल की जानकारी ले रहे हैं। गौरतलब है कि अवैध अतिक्रमण की मार हजारों मुस्लिम परिवारों पर पड़ेगी। यह परिवार बरसों से इस इलाके में रह रहे हैं।
उधर, इस मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। इस मसले पर हल्द्वानी के इलाके में तनाव देखा जा रहा है। करीब 50 हजार की जनसंख्या सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है।

बनभूलपुरा मामले मे जबाबदेही से बचने की कोशिश कर रही कांग्रेस: महेंद्र भट्ट
भाजपा ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा रेलवे भूमि विवाद के लिए कांग्रेस को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जबाबदेही से बचने के लिए आरोप प्रत्यारोप तथा मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहती है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इसमें राज्य सरकार पक्ष नही है और न ही भाजपा की कोई भूमिका है। उन्होंने कहा कि इसमे कांग्रेस इसलिए दोषी है क्योंकि, उसने समय रहते कोई प्रयास नहीं किया और मामला कोर्ट में जाने दिया।
पार्टी और सरकार इस पूरे मामले को राजनैतिक चश्मे से नहीं देखती है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए सभी पक्षों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि यह विवाद लंबे समय से चल रहा है, लेकिन कांग्रेस समेत पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी विवाद के हल का प्रयास नहीं किया। आज इस प्रकरण में राजनैतिक बयानबाजी करने वाले कॉंग्रेस के तमाम नेता किसी न किसी रूप में तत्कालीन सरकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। ऐसे में उनके अनुसार यदि, कुछ गलत हो रहा था तो उन लोगों ने कोई बीच का रास्ता नही निकाला जो उसकी मंशा पर सवाल है।
प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी इस प्रकरण से संबन्धित याचिका पर सुनवाई होनी है । लिहाजा सभी पक्षों को राजनीति करने के बजाय न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
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