अल्मोड़ा की 13 मई की रैली को सफल बनाने के लिए आंदोलनकारी ताकतें हो रही एकजुट
भू माफिया भगाओ-पहाड़ बचाओ- उत्तराखंड बचाओ अभियान ने पकड़ा जोर
सशक्त भू कानून पर सरकार नहीं ले पा रही कोई फैसला
अविकल उत्तराखंड/अल्मोड़ा। राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने भू माफिया भगाओ-पहाड़ बचाओ- उत्तराखंड बचाओ अभियान को लेकर अल्मोड़ा की 13 मई की रैली को लेकर रणनीति बनाई। यहां हुई संगोष्ठी में उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों, जमीनों की सुनियोजित रूप से हो रही लूट व कब्जों के खिलाफ जनता से आर पार की लड़ाई शुरू करने की अपील की गई। संगोष्ठी में बोलते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने सरकार के संरक्षण में हो रहे इन कब्जों के खिलाफ 13 मई को अल्मोड़ा में होने वाले प्रदर्शन में सभी उत्तराखंडी शक्तियों से अपनी पहचान के साथ शामिल होने की अपील की।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न संगठनों, क्षेत्रों, गांवों से आए लोगों ने उत्तराखंड राज्य बनने के बाद राज्य की इस दुर्दशा के लिए यहां सत्तासीन रही सरकारों को आड़े हाथों लिया और कहा कि कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक फैले हिमालयी क्षेत्र में बाहरी पूंजीपतियों, माफियाओं द्वारा जमीनों की खरीद पर कड़े प्रतिबंध लागू हैं तब उत्तराखंड के गांव गांव तक माफियाओं की घुसपैठ कराने वाली सरकारों को राज्य की हितैषी नहीं हो सकती। संगोष्ठी में अल्मोड़ा के पास फलसीमा, चितई, नैनीसार, डांडा कांडा में प्लीजेंट वैली फाउंडेशन के अपराधिक कारनामों को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए इन क्षेत्रों में भू माफिया के खिलाफ जनता को एकजुट करने का फैसला लिया गया।
संगोष्ठी में आरोप लगाया गया कि चुनाव से पहले राज्य में सशक्त भू कानून की बात करने वाली सरकार व राजनीतिक दल राज्य के जीवन मरण के इस सवाल पर खामोश हैं। संगोष्ठी में उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों पर यहां के मूल निवासियों के हकों को सुनिश्चित रखने हेतु भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए असीमित कृषि भूमि खरीद के काले कानून को निरस्त करने, पर्वतीय क्षेत्रों में भूमि बंदोबस्त व चकबंदी करने, बेनाप भूमि को गांव, समाज को सौंपने, प्रभावशाली लोगों द्वारा जमीनों। के दुरुपयोग के मामलों में उनकी परिसंपत्तियों को जब्त करने, वनपंचायतों को अधिकार संपन्न बनाने हेतु अलग अधिनियम बनाने, वनाधिकार कानून को सख्ती से लागू करने के साथ राज्य को अन्य अनेक राज्यों व क्षेत्रों की तरह संविधान की धारा 371 का संरक्षण प्रदान करने की मांग की गई।
संगोष्ठी में वरिष्ठ रंगकर्मी व पत्रकार नवीन बिष्ट, सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता भुवन पाठक, सालम समिति के राजेंद्र रावत, भूमि बचाओ संघर्ष समिति फलसीमा के विनोद बिष्ट, किशन सिंह मदन मोहन बिष्ट, चितई से प्रकाश चंद्र, गिरीश पांडे, रंगकर्मी भास्कर भौर्याल, एड जीवन चंद डॉ. नीता भारती, उपपा की आनंदी वर्मा, हीरा देवी, सरिता मेहरा, बी सी पंत ने विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी में सर्वसम्मत से 13 मई को प्रातः 11 बजे से गांधी पार्क से होने वाली भू माफिया भगाओ रैली को सफल बनाने हेतु नगरों, गांवों व उत्तराखंड में प्रचार अभियान चलाने का फैसला लिया गया।
संगोष्ठी में उपपा के गोपाल राम, किरन आर्या, धीरेंद्र मोहन पंत, कर्मचारी नेता विपिन जोशी, भावना मनकोटी, मोनिका दानू, राजू गिरी, मोहम्मद वसीम अहमद, मनीषा आर्या, उछास की भावना पांडे, चंपा सुयाल, दीवान धपोला, जीवन चंद्र, दीप चंद्र भट्ट, चंदन सिंह भंडारी, मनीष सिंह, गिरीश बिष्ट, मोहन चंद्र, मुन्नी पांडे, शोभा पांडे, नीमा पांडे, तारा डालाकोटी, पुष्पा पांडे, सुनीता पांडे, हेमा पांडे, बचुली देवी, भगवती पांडे, दीपा डालाकोटी, हेमा देवी, यशोदा डालाकोटी आदि लोग उपस्थित रहे।
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