.. सुर्खियों में तो अपने नये डीजीपी साहब ही हैं.. बल्ल..क्यूँ भुला चैतू

अविकल उत्त्तराखण्ड/बोल चैतू

अपनी ताजपोशी के दिन से ही उत्त्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार लगातार सुर्खियों  में हैं। अपने विभाग के अधिकारी व कर्मियों के वेलफेयर से जुड़े मसले हों या फिर किसी लापरवाह दरोगा या इंस्पेक्टर को हटाने का मसला। हर मसले व आदेश पर डीजीपी अशोक कुमार का नाम ही चर्चाओं में रहा। कुछ दिन पहले सीएम साहब को पुलिस मुख्यालय बुला कई विभाग से जुड़े मुद्दों पर सैद्धांतिक सहमति भी बनवा चुके है।

Uttarakhand police
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इधर, डीजीपी अशोक कुमार का एक बयान सामने आया कि सोशल मीडिया में राष्ट्रविरोधी पोस्ट करने वालों का पुलिस शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट  वेरिफिकेशन नहीं करेगी। सत्यापन नहीं करने सम्बन्धी यह बात उन्होंने पुख्ता तौर पर कैमरे के सामने कही। और उत्त्तराखण्ड पुलिस के ट्वीटर हैंडल से नेशनल चैनल्स के पत्रकारों को भी टैग किया।

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उत्त्तराखण्ड पुलिस के ट्वीटर हैंडल से  जारी बयान में डीजीपी ने साफ कहा कि मैंने निर्देश दिए हैं कि एन्टी सोशल पोस्ट करने वालों पर नजर रखी जाय। और राष्ट्रविरोधी पोस्ट डालने वालों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं किया जाय।

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लेकिन राष्ट्रीय स्तर के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने डीजीपी के इस बयान के पक्ष विपक्ष में बोला।  और एक नयी बहस को जन्म दे दिया।उत्त्तराखण्ड में भी डीजीपी के बयान पर मीडिया में मची रार की काफी गूंज है।

हालांकि, मीडिया में हो हल्ला होने के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने एक ट्वीट कर बातें स्पष्ट करने की कोशिश की है। इस ट्वीट में उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रविरोधी बात कहने वालों के पासपोर्ट /पुलिस वेरिफिकेशन पर आंच आने का नियम पहले से ही है। उन्होंने उसी नियम का हवाला दिया है। यह भी कहा पासपोर्ट बनाने से जुड़े नियमों में इस आशय की शर्त पहले से ही मौजूद है। पासपोर्ट वेरिफिकेशन फार्म के बिंदु नंबर छह से यह स्पष्ट है।

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इस मुद्दे पर उत्त्तराखण्ड पुलिस के ट्वीटर हैंडल से डीजीपी अशोक कुमार के बयानों के जरिए स्थिति साफ करने की बारम्बार कोशिश की गई है। शुक्रवार को किये गए ट्वीट में डीजीपी ने पुरजोर तरीके से कहा कि संविधान अभिव्यक्ति की आजादी देता है लेकिन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा। ताजे ट्वीट में यह भी साफ किया गया है कि पासपोर्ट में उल्लिखित नियमों का पालन करना हमारा कर्तव्य है।लेकिन मीडिया, सामाजिक और राजनीतिक गलियारों में डीजीपी के बयान पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। देश के गर्म राजनीतिक माहौल में उत्तरराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के ट्वीट व टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाने वालों की कमी नही है।लेकिन डीजीपी साहब के further clarification tweet की पंक्तियां कह रही है कि कतिपय लोग उनकी बात के गलत अर्थ निकाल रहे हैं।

फिलवक्त, सुर्खियों में तो डीजीपी साहब ही हैं। उन्होंने साफ साफ कहा है कि राष्ट्रविरोधी गतिविधि बर्दाश्त नही होगी। बेशक नेशनल मीडिया उनकी बात के कई मायने निकाल रहे हों लेकिन राष्ट्रद्रोह व राष्ट्रविरोधी के मुद्दे पर सख्त स्टैंड लेने से विभिन्न  सरकारों में डीजीपी साहब के नंबर अपने आप ही बढ़ गए बल्ल चैतू.. कुछ पूर्व डीजीपी साहब का कार्यकाल कब खामोशी से गुजर गया बल्ल पता ही नहीं चला…नये डीजीपी साहब के प्रदेश दौरे भी जारी है… जाम के झाम से भी जूझना है अभी बल्ल..पुलिस विभाग के सतत हो रहे सम्मेलन के बाद इन दौरों से भी पुलिस कर्मियों के लिए कौन कौन से मोती निकालते हैं .. यह भी दिख जाएगा बल्ल चैत्तू… सब्र कर ले…

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