धामी ने ट्वीट कर कहा, यह बयान SIMI और PFI की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
सीएम ने गुरुवार की देर रात ट्वीट कर कहा कि “महाठगबंधन” के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है।
सीएम ने कहा कि यह विचार इन दलों के अंदर SIMI और PFI की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी परिसर व बद्रीनाथ मंदिर पर कही यह बड़ी बात
एजेंसी की खबरों के मुताबिक ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के मामले पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का एक विवादित बयान चर्चा का सबब बन हुआ है। गइससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान सामने आया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ज्ञानवापी में सर्वे हो रहा है तो देश के सभी मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने बद्रीनाथ समेत भारत के हिंदू मंदिरों को लेकर भी और भी विवादित बयान दिया है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बद्रीनाथ मंदिर पहले बौद्ध मठ था। जिसे बाद में मंदिर बना दिया गया। उन्होंने बताया कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ था। इसके बाद आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बना दिया। अगर एएसआई ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर रहा है तो वो जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं, उनकी भी जांच होनी चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि वह गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं।
इसलिए,आज तक उन्होंने इस मुद्दे को नहीं उठाया। वह हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई में विश्वास रखते हैं। आपसी भाईचारे और सौहार्द्र में भरोसा रखते हैं और समाज को बांटने में नहीं बल्कि जोड़ने में यकीन रखते हैं।
सीएम धामी ने सपा नेता के बद्रीनाथ मंदिर पर की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
धामी ने ट्वीट कर कहा, यह बयान SIMI और PFI की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
सीएम ने गुरुवार की देर रात ट्वीट कर कहा कि “महाठगबंधन” के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है।
सीएम ने कहा कि यह विचार इन दलों के अंदर SIMI और PFI की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी परिसर व बद्रीनाथ मंदिर पर कही यह बड़ी बात
एजेंसी की खबरों के मुताबिक ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के मामले पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का एक विवादित बयान चर्चा का सबब बन हुआ है। गइससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान सामने आया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ज्ञानवापी में सर्वे हो रहा है तो देश के सभी मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने बद्रीनाथ समेत भारत के हिंदू मंदिरों को लेकर भी और भी विवादित बयान दिया है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बद्रीनाथ मंदिर पहले बौद्ध मठ था। जिसे बाद में मंदिर बना दिया गया। उन्होंने बताया कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ था। इसके बाद आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बना दिया। अगर एएसआई ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर रहा है तो वो जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं, उनकी भी जांच होनी चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि वह गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं।
इसलिए,आज तक उन्होंने इस मुद्दे को नहीं उठाया। वह हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई में विश्वास रखते हैं। आपसी भाईचारे और सौहार्द्र में भरोसा रखते हैं और समाज को बांटने में नहीं बल्कि जोड़ने में यकीन रखते हैं।
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